आज़रबैजान प्रजातंत्र के राष्ट्रपति हैदर अलीयेव का गुर्तुलुश रीग के चालू होने के समारोह में भाषण - 29 आगस्त सन् 2000


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आदरणीय श्रीमाती और श्रीमान,

आदरणीय अतिथियो,

प्यारे तेल मज़दूर और विशेषज्ञ,

आज हम हम यहां पर इस समारोह में आजरबैजान के इतिहास में एक महत्पूर्ण ऐतिहासिक घटने के कारण इकट्ठे हुए हैं। आजरबैजान के विश्व के बड़ी तेल कंपनियों के साथ सहयोग सफलतापूर्वक जारी है। आखिरी सालों में हम ने बहुत सफलताऐं प्राप्त की हैं और आज इस दिशा में एक नया कदम किया जा रहा है। नये रीग का चालू हो रहा है।

जैसे आप को पता है और यहां पर भी बताया गया था कि इस रीग के निर्माण, ऐसेम्बली में अनेक विदेशी तेल कंपनियां और आजरबैजान राष्ट्रीय तेल कंपनी संयुक्त होकर काम करते थे और चालू होने के लिये तैयार किया है। इस रीग के निर्माण में विदेशी कंपनियों के विशेषज्ञों के साथ साथ आजरबैजानी तेल मज़दूर और विशेषज्ञ, इंजीनियर भी भाग लेते थे।

मैं आप को इस महत्वपूर्ण घटने के अवसर पर बधाई दे रहा हूँ। हमारे साथ काम की हुई विदेशी कंपनियों को इस रीग के निर्माण और चालू होने में सहायता देने के लिये बधाई दे रहा हूँ।

आजरबैजानी तेल मज़दूर और विशेषज्ञों को, विशेष तौर पर इस रीग के निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले हमारे विशेषज्ञों, इंजीनियरों, मज़दूरों को बधाई दे रहा हूँ।

सारी आजरबैजानी जनता, देश के नागरिकों को इस महत्वपूर्ण घटने के अवसर पर बधाई दे रहा हूँ।

नतीक अलीयेव, जिसने बड़ा भाषण किये था और हमारे अतिथि गुर्तुलुश रीग के बारे मेंकाफी सूचना दी। इस सूचना ने दरआसल में हमें आश्चार्य में डाल दिया है।

इस रीग के निर्माण, उसके चालू होने का आजरबैजान, हमारी जनती के लिये क्या महत्व है।

सब से पहले यह इसकी गवाही है कि आजरबैजान राष्ट्र की नई तेल सामरिकी सफलतापूर्ण रूप से जारी की जाती है।

दूसरी बात यह है कि आजरबैजान में विदेशी पूँजियां आती जाती हैं। जैसे कि यहां पर बताया गया था इस रीग के लिये 17.5 करोड़ डालर खर्चा किये गये थे। यह आजरबैजान के लिये नई पूँजियां हैं। यह सारी दूनिया को हमारी जनता, तेल मजदूर, इंजीनियर, विशेषज्ञों के बड़े स्तर, उन के बड़े काम करने की क्षमता दिखाता है।

यह दिखाता है कि आजरबैजान में आधुनिक तकनीक, टेक्नॉलोजी आती है कि जिसका भी आजरबैजानी तेल उद्योग के लिये, उन्नति के लिये बड़ा महत्व है। और आजरबैजानी तेल मजदूर, इंजीनियर, विशेषज्ञों के स्तर बढ़ाने के लिये बड़ा महत्व रखता है।

यह दिखाता है कि इस रीग के निर्माण के कारण हजारों आजरबैजानी लोगों को नये काम मिले थे, अच्छे तंख्वाह लेते थे, अपने कल्याण बढ़ाये थे। जैसे कि यहां पर बताया गया था इस रीग के निर्माण से आजरबैजान को टैक्स और भुगतान के तौर पर 2.8 करोड़ डालर मिले थे।

ये आजरबैजान की नई तेल सामरिकी के व्यावहारिक परिणाम हैं, उसकी जीत के परिणाम हैं। यह हमारी सफलतापूर्ण रूप से चलाई गई नीति के परिणाम है।

आप की याद में होगा कि जब सनं 1994 को आजरबैजान में स्थिति गंभीर थी, हमारे देश में समाजिक-आर्थिक कठिनाईयां थीं, देश में समाजिक-राजनीतिक स्थीरता भी सही नहीं थी, उसी समय हम ने आजरबैजान में बड़ी तेल कंपनियों को आकर्षित किया था। उनहों ने आजरबैजानी राष्ट्र को भरोसा करके हमारे देश में पूंजियां लगाने का निर्णाय किया था। संयुक्त काम के परिणाम होकर सन् 1994 के सितंबर में आजरबैजान विश्व की 11 बड़ी तेल कंपनियों के साथ समझौता किया था। यह समझौता इतना बड़ा था कि इसको शतब्दी के समझौते का नाम रखा गया था।

शतब्दी के समझौते की संसार में बड़ी बातों हुईं। इस घटने ने आजरबैजानी जनता को, हमारे मित्रों को प्रसन्न कर दिया, हमारी जनता में बड़ी आशाऐं उत्पन्न किया है। आप की याद में होगा कि ऐसे भी लोग थे, जो इस में भरोसा न करते थे, और ऐसे भी थे, जो इस में रूकावट डालना चाहते थे। लेकिन जीवन और गुजरे हुए सालों ने साबित किया था कि आजरबैजानी राष्ट्र अपने सही रास्ते से चलता रहा और सन् 1994 को आजरबैजान में संयुक्त काम करनेवाले विश्व

के बड़े देश, बड़ा कंपनियां इस के व्यावहारिक परिणाम देख रहे हैं।

छोटे समय में हमें व्यावहारिक परिणाम मिले थे। सन् 1997 को चिराग़ क्षेत्र में से तेल निकाला गया था और इस का विश्व बाजारों में निर्यात शुरू हो गया। इस तेल का निर्यात बाकू-नोवोरोसीयस्क पाइप-लाइन द्वारा होने लगा। बाद में छोटे समय में हम ने बाकू-सुप्सा पाइप-लाइन बनाया था और इसका चालू सन् 1999 के अप्रील में हुआ और आजरबैजान के तेल क्षेत्रों में से निकाला गया तेल इस पाइप-लाइन द्वारा विश्व बाजारों में पहूँचाये गये।

हम ने केस्पियन सागर के शाहदेनिज़ क्षेत्र में बड़े गैस भंडारों को पता किया है। और सारी दुनिया में इसकी घोषणा की थी कि आजरबैजान तेल के देश जैसे मालूम था और अभी गैस के देश जैसे भी मालूम होगा।

गैस को विश्व बाजारों में पहूंचाने के लिये नई संभावनाऐं हैं, इस के लिये आवश्यक व्यावहारिक काम किया जाता है।

शतब्दी के समझौते के बाद 19 समझौते भी किया गये थे। इन में 30 विदेशी कंपनियां शामिल हैं। यह सब दिखाते हैं कि आजरबैजान कितना तेल और गैस निकालके विश्व बाजारों में सप्लाई करेगा।

विश्व बाजारों में बड़े तेल को पहूँचाने के लिये हम गुजरे हुए पांच सालों में मुख्य निर्यात पाइप-लाइन बाकू-त्बीलीसी-जैहान पर काम करते रहे। जैसे कि आप को पता है ऑ.एस.सी.ई.(OSCE) के पिछले साल के नवंबर में इस्तंबुल में आयोजित किये गये उच्च सम्मेलन में आजरबैजान, जोर्जिया, कजाकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने बाकू-त्बीलीसी-जैहान पाइप-लाइन के बारे में समझौते पर हस्ताक्षर किया था और इस बड़े प्रॉजेक्ट पर सा.रा. अमरीका के राष्ट्रपति ने भी अपना हस्ताक्षर किया था। सो, हमें विश्व बाजारों में बड़े तेल की सप्लाई करने के लिये मुख्य पाइप-लाइन के निर्माण में सफलता मिली थी।

आजकल आजरबैजान अंतर्राष्ट्रीय ऑपेरेशन कंपनी आजरबैजान की रार्ष्ट्रीय तेल कंपनी, तुर्की की, जोर्जिया की तेल कंपनियों के साथ बाकू-त्बीलीसी-जैहान पाइप-लाइन के निर्माण आरंभ करने के लिये जरूरी उपाय कर रही हैं। यह कार्रवाई जल्द ही में करना और काम आरंभ करना है।

अफसोस की बात यह है कि हमारे सामने नई समस्याऐं खड़ी हूईं। कुछ शक्तियां फिर बाकू-त्बीलीसी-जैहान मुख्य निर्यात पाइप-लाइन के निर्माण में रूकावट डालना चाहती हैं। कुछ लोग कहते हैं कि आजरबैजान के पास इतने बड़े पैमाने पर तेल नहीं है और इस लिये इस पाइप-लाइन के निर्माण की जरूरत भी नहीं है। जाहिर है कि इन शक्तियों में से शायद किसी को इस के बारे में ज्ञान नहीं है, कुछ भी है, जो विभिन्न कारणों से केस्पियन सागर से आजरबैजानी तेल को विश्व बाजारों में पहूँचाने में रूकावट डालना चाहते हैं। पर वे कुछ न कर सकेंगे। बाकू-त्बीलीसी-जैहान का प्रॉजेक्ट तैयार होना चाहिये, इस के बारे में समझौता हो गया है। और इस पाइप-लाइन के निर्माण को शुरू करना है। यह पाइप-लाइन बन जायेगा। ये काम समय पर पूरे किये जायेंगे और कोई भी इस में रूकावट न दे सकेगा। आज की घटना, यह समारोह, मेरी कही हुई बातें इस का पुष्टी है। आप के पता है कि आखिरी सालों में तेल को पता करने के लिये दो रीग बनाये गये थे और चालू किये गये थे। देदे गोर्गूद और इस्तिक्लाल के रीग बनाये गये थे। आजकल ये अपने काम कर रहे हैं। आज हम एक और नये रीग के निर्माण के, इसको चालू करने के गवाह हैं। ऐसे रीग भविष्य में भी बनाये जायेंगे। क्योंकि केस्पियन सागर के धनी तेल और गैस भंडारों को पता करने के लिये और उन के उत्पादन करने के लिये इन रीगों में सख़्त जरूरत है। अगर ऐसा न होता, तो इस रीग के निर्माण के लिये 17.5 करोड़ डालर खर्चा करने की क्या जरूरत थी।

यह मेरी कही हुई सारी बातें हमारे देश के दुश्मनों को, हमें ईर्षा करने वाली शक्तियों को और आजरबैजान को विश्व अर्थ-व्यवस्था में मिलाने में रूकावट देने वाली शक्तियों को उत्तर है। हमारी तरफ से आज तक किये गये काम और भविष्य में इस क्षेत्र में किये जानेवाले काम आजरबैजानी जनता की खूशहाली, कल्याण बढ़ाने के रास्ते को, आजरबैजानी अर्थ-व्यवस्था की उन्नती, स्वतंत्र राष्ट्र जैसा विकास को प्रदान करते है.

आजरबैजानी जनता के आधिकांश भाग हमारे काम का उँचा मूल्यांकन करता है, इस पर बड़ी आशाऐं लगाता है और इन सारी सफलताओं के कारण, हमारे आज की सफलता के कारण खूश होता है। जो इस को चाहता है-खूश रहे और जो इसको नहीं चाहता-अंधा बन जाये।

हम ने पहले रीग को देद गोर्गुद का नाम रखा था। इस का बड़ा, अत्यंत ऐतिहासिक, राष्ट्रीय महत्व, अर्थ है। देद गोर्गुद हमारा प्राचीन जमाने का जातिय नेता था। केस्पियन सागर में नये तेल क्षेत्रों का प्रयोग करना, इस रीग के माध्यम से आजरबैजानी जनता की खूशहाली बढ़ाना हमारा प्राचीन नेता देद गोर्गुद का मन भी खूश करेगा। इस लिये हम ने इस रीग का नाम देद गोर्गुद रखा है।

दूसरे रीग को हम ने इस्तिक्लाल का नाम रखा था। क्यों। इस लिये कि अगर हमें स्वतंत्रता, प्रभुसत्ता न मिलती, आज हमारी जनता मुक्त न होती, आज आजरबैजान को राष्ट्रीय स्वतंत्रता न मिलती और वह विश्व समाज का बराबर हक़वाला सदस्य, देश न बनता, हमें इस बड़े तेल सामरिकी का कार्यान्वयन करने में और दूसरे कामों में सफलता न मिलती। स्वतंत्रता, प्रभुसत्ता आज हमारे लिया सब से महत्वपूर्ण, कीमती चीज़ है और भविष्य में भी होंगी। इल लिये हम ने इस रीग का नाम इस्तिक्लाल रखा है।

आज चालू होने वाले रीग का नाम गुर्तुलुश है। इस का भी बड़ा महत्व, अर्थ है। क्यों गुर्तुलुश। क्योंकि गुर्तुलुश का अर्थ आजरबैजानी जनता के गुलामी, कॉलोनियालिस्म से बचाव है। गुर्तुलुश आजरबैजानी जनता के आखिरी सालों में सामने करनेवाली दूर्घटनाओं में से बचाव है। गुर्तुलुश सन् 1993 को आजरबैजान में गृह युद्ध से बचाव है।, आजरबैजान के तोड़ने के खतरा से बचाव है। गुर्तुलुश आजरबैजान की स्वतंत्रता, मुक्ती है। इल लिये हम ने इस रीग का नाम गुर्तुलुश रखा है।

मैं गुर्तुलुश रीग को और इस में काम करनेवाले लोगों को सफलताओं की कामनाऐं करता हूँ और मुझे विश्वास है कि गुर्तुलुश रीग आजरबैजान की नई तेल सामरिकी के कार्यान्वयन में अपनी देन देगा। तेल कूपों को सही रूप से खोदेगा, नये तेल भंडार पता करेगा, हमें अपनी सफलताओं से प्रसन्न करेगा।

प्रिय मित्रो,

आज की घटना हमें सब को खूश करती है। क्योंकि हम नई सफलता, जीत के गवाह हैं। मुझे इस लिये खूश है कि, मुझे आदरणीय, प्रिय आजरबैजानी तेल मज़दूर और विशेषज्ञों से मिलने का अवसर मिला है।

आजरबैजानी तेल मज़दूर और विशेषज्ञ जिन्दाबाद

स्वतंत्र आजरबैजान जिन्दाबाद

गुर्तुलुश रीग को बड़ी सफलताओं की कामनाऐं करता हूँ।

धन्यवाद।