सम्मानित राष्ट्रपतियो,
आदरणीय मित्रो,
आदरणीय श्रीमाती और श्रीमान,
आज मुझे बड़े गर्व की भावनाऐं हैं, क्योंकि शतब्दी का समझौता कहलाये गये तेल समझौते में, जो बाकू में पांच साल पहले, सन् 1994 के सितंबर को हस्ताक्षर किया गया था, केस्पियन सागर के तेल और गैस भंडार को मिलकर निकालने के लिये बने हुए कोंसोर्टियुम में आज़रबैजान, सा.रा.अमरीका, युरोप के देश, तुर्की, रूस शामील हैं और इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के पांच साल बाद आज बाकू-त्बलीसी-जैहान पाईप-लाइन के दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किये गये थे, जो इस समझौते पर हस्ताक्षर करते समय पहले से सोचा गया था।
मालूम है कि यह आसान काम न था। हमारे सामने बहुत बड़ी कठिनाईयां खड़ी थीं। शतब्दी के समझौता पर हस्ताक्षर होते समय भी हमें बड़ी कठिनाईयां मिली थीं। बाद में हमारे सामने बाकू- जैहान पाईप-लाईन के निर्माण में बड़ी रुकावट मिली थी, ऐसे भी लोग थे जो हमारे विरोध थे। पर यह हमारे इच्छा को तोड़ न सका और हम ने आरंभ किये काम को पूरा किया।
इस काम में तुर्की प्रजातंत्र और आज़रबैजान के बीच होनेवाला सहयोग का विशेष अर्थ है। इस लिये में तुर्की प्रजातंत्र को, तुर्की जनता को और तुर्की प्रजातंत्र के राष्ट्रपति, मेरे दोस्त, भाई सुलैमान देमिरेल को हार्दिक बधाई दे रहा हूँ।
हम इस पाईप-लाईन जोर्जीया के क्षेत्र में से बना रहे हैं। ठीक है, अगर जोर्जीया के क्षेत्र में से इस पाईप-लाईन को बनाने की संभावना न होती, तो यह न होता। इस लिये जोर्जिया के राष्ट्रपति मिस्टर शेवेर्दनाद्जे ने इस समस्या के हल के लिये बड़ी कोशिशें की। मैं जोर्जिया की जनता को, जोर्जिया को, और अपने प्रिय मित्र, भाई एड्वार्ड शेवेर्दनाद्जे को हार्दिक बधाई दे रहा हूँ।
पर मैं घोषणा दे रहा हूं कि अगर सा.रा.अमरीका की इस मामले में सहायता न होती, तो इन में से कोई भी पूरा न होता।
शतब्दी के समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले स्वतंत्र आज़रबैजान पर बड़े दबाव हो रहे थे। हमें रोकना चाहते थे। सा.रा.अमरीका की और उनके राष्ट्रपति, मेरे आदरणीय दोस्त मिस्टर बील्ल क्लीन्तोन की सहायता से सन् 1994 के सितंबर को हम ने शतब्दी के समझौते पर हस्ताक्षर किया था। लेकिन इस के बाद भी हमारी बहुत समस्याऐं रहीं। दूसरे देश बाकू-जैहान पाईप-लाईन न मानते थे। पर आदरणीय राष्ट्रपति मिस्टर बील्ल क्लीन्तोन निरंतर रूप से इस समस्या पर काम करते रहे, हमें समर्थन देते रहे और इस मामले को तुर्की, आज़रबैजान, जोर्जिया को, दूसरे केस्पियन सागर के किनारे वाले देशों को भाग लेने के लिये बुला रहे थे और उन के सम्मान और प्रतिष्ठता, इस दिशा में निरंतर नीति के कारण हमें ऐसे बड़े शतब्दी के समझौते पर हस्ताक्षर करने का अवसर मिला था।
इस लिये हम सब मिलकर सा.रा.अमरीका और उनके राष्ट्रपति हमारे प्रिय मित्र मिस्टर बील्ल क्लीन्तोन को अपना धन्यवाद और आभारी अदा करते हैं। सम्मनित मिस्टर बील्ल क्लीन्तोन , इस मौके पर आप को भी हार्दिक बधाई दे रहा हूँ।
आजकल कजाकिस्तान ने भी इस पाईप-लाईन के प्रयोग में शामिल हुआ। वह भी अपना तेल के बड़े भाग इस पाईप-लाईन के द्वारा सप्लाई करेगा।
हम -आज़रबैजान और जोर्जिया ने इस को मान लिये हैं और हम अपने सारे कर्तव्य पूरा करेंगे। मेरे ख़्याल में कज़किस्तान इस पाईप-लाईन से प्रयोग करके तेल निर्यात में बड़ी कामयाबियां प्राप्त करेगा। इस लिये मैं कजाक़ जनता को और कजाकिस्तान के राष्ट्रपति, अपने दोस्त प्रिय नूरसुल्तान नजारबायोव को हार्दिक बधाई दे रहा हूँ।