आज़रबैजान प्रजातंत्र के राष्ट्रपति इल्हाम हैदर ओग्लु अलीयेव का उदघाटन भाषण- 31 अकतुबर सन् 2003

आदरणीय श्रीमाति और श्रीमान,

सम्मानित अतिथियो,

आज़रबैजानी मतदाताओं, आज़रबैजानी के नागरिकों को, सारी आज़रबैजानी जनता को मुझ पर लगाया गया भरोसा के लिये और आज़रबैजान प्रजातंत्र के राष्ट्रपति चुना जाने रे कारण अपनी गहरी आभारी प्रकट करता हूँ.

मैं यह उच्च भरोसा को सही सिद्ध करूंगा, इस कार्य योग्य से कर दूँगा, हैदर अलीयेव की नीति के जारी रखूँगा.

15 अक्तुबर को आज़रबैजानी जनता ने चुनाव क्षेत्र में आकर अपने मत हैदर अलीयेव की नीति के पक्ष में वॉट कर दी है. उस ने शांति, आराम, प्रगति,विकास, निर्माण, स्थीरता के लिये मत दिये थे. आज़रबैजान में इस नीति का विकल्प नहीं है. हैदर अलीयेव की नीति आज़रबैजान के लिये बड़ी सफलताऐं ले आयी हैं. आज़रबैजान उन्नति कर रहा है, सारे क्षेत्रों में सफलता करता रहता है. आज़रबैजान प्रगति कर रहा है, अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में उसको सफलता मिल रही है. आज़रबैजान अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में उचित, योग्य स्थान प्राप्त कर सका, उसकी प्रतिष्ठा बढ़ गई. आज आज़रबैजान को मानते हैं, उसका आदर करते हैं. क्षेत्र में सारे अंतर्राष्ट्रीय, बड़े पैमाने के प्रॉजक्ट आज़रबैजान की भागीदारी से, उसके राष्ट्रीय हितों के अनुसार लागू किये जाते हैं.

आज़रबैजान अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में काफ़ी सफलतापूर्वक कार्य चलाता है, उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती जाती है. आज़रबैजान के आग्राह पर युरोप सभा( कंसल ऑफ युरोप) के जैसे प्रतिष्ठावाला अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने आर्मेनिया को आक्रामक-राष्ट्र मान लिया है. यह प्रक्रियाजारी रखा जायेगा. आज़रबैजान अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में , विश्व में ज़्यादा ढ़ृढ मोर्चा प्राप्त करेगा.

हमारे पड़ोस के राष्ट्रों के साथ संबंध सफलतापूण रूप से विकासित हो रहे हैं. हमारे दोपक्षीय संबंध ढ़ृढ होतेजा रहे हैं. क्षेत्रीय सहयोग विकासित होता रहे है. आज के उदघाटन में भाग लेने के लिये पड़ोस देय़ों के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञों के आना एक बार और इसकी पुष्टि करता है.

इस अवसर पर में हमारे इस समारोह में बाग लेनेवाले जोर्जिया के राष्ट्रपति श्री एडूआर्ड शेवेर्नादेजे को, रूस के राज्य सबा के अध्यक्ष श्री सेरगे मिरोनोव को, तुर्की प्रजातंत्र के उप-प्रधान मंत्री श्री अब्दूललातिफ शेनेर को, ईरान इस्लामी प्रजातंत्र के उपराष्ट्रपति श्री सायेद मुहामेद अली आब्ताई को और युक्रैन के प्रधान मंत्री श्री विक्टॉर यनुकोवीच को स्वागतम् करता हूँ.

आज़रबैजान विभिन्न क्षेत्रों से विकासित हुआ, उसका अर्थ-व्यवस्था ढ़ृढ होकर जा रहा है. आज़रबैजान आर्थिक सुधार लागू किये जाते हैं, इन सुधार के कारण हमारे देश ने छोटे समय में अपने अर्थ-व्यवस्था के विकास पालन किया है. अर्थ-व्यवस्था के महत्वपूरण निशान जी.डी.पी. (कुल आय) आखिरी पाँच सलों में 10 प्रतिशत की गति से बढ़ रहा है. मैद्रिक स्फिति का स्तर2 प्रतिशत है जब कि दस साल पहले स्फिति 1600 प्रतिशत तक पहूँच गई थी.

आज़रबैजान में निजी सेक्टर सफलतापूर्ण विकासित हो रहा है. खूश है कि निजी सेक्टर का भाग, कुल अंदरूनी आय में 70 प्रतिशत है. बीजनेसेमेन, कारगार के वर्ग पैदा हो रहा है.बड़े पैमाने पर निजीकरण कार्यक्रम लागू किया जाता है. कृषि सुधार लागू हो चुका है, भूमि निजी संपत्ति में दी जा चुकी है. इस के कारण कृषि उत्पादन बढ़ता जा रहा है.ये सारे साबित कर रहे हैं कि हैदर अलीयेव के नेतृत्व में लागू किये गये आर्थिक सुधार अपने बढ़िये परिणाम दे रहे हैं.

आज़रबैजान में विदेशी पूँजी का स्तर बहूत उँचा है और यह प्रक्रिया जारी है. मैं आप को यह कह सकता हूँ कि सारे साधनों से लगाई गई पूँजी की मात्रा 15 अरब डालर हैं. पुराने सोवियत संघ के प्रजातंत्रों में से प्रतिव्यक्ति विदेशी पूँजी की लीहाज़ से आज़रबैजान कुछ पूर्वी युरोप के राष्ट्रों को पीछे छोड़के आगेवाले स्थान में है.

यह भेद नहीं है कि पूँजियाँ, विशेष तौर पर विदेशी पूँजियाँ उन देशों में लगाई जाती हैं जहाँ स्थीरता है. कोई भी पूँजीवाद जोखिम लेना नहीं चाहते हैं. इस लिहाज़ से आज़रबैजान पूँजी लगाने के लिये बहुत अनुकूल देश है. आक़िरी वर्षों में आज़रबैजान में मौजूद होनेवाली स्थीरता सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था ने पूँजी लगाने के लिये महत्वपूर्ण क़दम उठाने में मदद दी. बेशक हम सब को आज़रबैजान में मौजूद होनेवाली स्थीरता की रक्षा करनी, सुढ़ृढ करनी है. हम किसी को आज़रबैजान की स्थीरता तोड़ना नहीं देंगे.हम आज़रबैजानी जनता की जिन्दगी आरामदेह, सथीर और सुरक्षित करेंगे.

यह स्थीरता हमें भविष्य में तेज़, सर्वतोमुकी उन्नति करने देगा. इस क्षेत्र में हमारे पास काफ़ी कार्यक्रम हैं. आज़रबैजान में सारे क्षेत्र की उन्नति होनी चाहिये.

स्वभावतः आज़रबैजान के अर्थ-व्यवस्था की मुख्य दिशा उसकी तेल सामरिकी जारी करनी है. सन् 1994 को हैदर अलीयेव की तरफ़ से आरंभ हुई सामरिकी आज़रबैजान को बड़ी सफलताऐ ले आयीं. शतबदी के संविदा पर हस्ताक्षर लगाने के बाद यह सामरिकी 9 वर्ष से चल रही है. इस के कारण आज़रबैजान काफ़ी फलदायक रूप से संसार के बाज़ारों में अपने तेल और गैस सपलाई कर रहा है. आज़रबैजान अपने केस्पियन सागर के क्षेत्र में विदेशी कंपनियों के साथ सफलतापूर्वक रूप से सहयोग कर रहा है. आज़रबैजान के तेल उद्योग में दस अरब डालर से अधिक पूंजी लगाई गई है. दस हजारों नये काम खुले गये हैं छोटे समय में तेल प्लैटफार्म,तेल पाईप-लाईन, तेल टर्मिनल और हमारे देशके लिये आवश्यक इंफ्रास्ट्राकचर बनाये गये हैं.

आज़रबैजान अपने तेल विश्व बाज़ार मं दो पाईप-लाईन से सप्लाई करता है. बाकू-नोवोरोसीय्स्क पाईप-लाईन से हर वर्ष 2.5 मिल्यॉन टॉन तेल निर्यत किये जाते हैं,बाकू-सूप्सा पाईप-लाईन से से पश्चिम की दिशा में प्रतिवर्ष 6.7 मिल्यॉन टॉन तेल निर्यत किये जाते हैं. आजकल बाकू-त्बिलीसी-जैहान पाईप-लाईन का निर्माण जारी है, 40 प्रतिशत काम समाप्त हो चुका हैं. इस पाईप-लाईन के निर्माण में 1 अरब 20 करोड़ डालर पूँजी लगाई गई हैं.अगले वर्ष के आख़िर में हम इस का आरंभ करेंगे.

आज़रबैजान में शाहदेनीज क्षेत्र में जहां बड़े गैस का भंडार है,सफलतापूर्वक काम शुरू किया गया है. बाकू-एर्जरूम गैस पाईप-लाईन के निर्माण में पूँजी लगाई जा रही है, और अगर काम सारणी के अनुसार चलें तो 2006 को आज़रबैजानी गैस युरोप में सप्लाई किया जायेगा.

इन सब कार्यक्रम का, कार्यों का आदार सन् 1994 को डाला गया था उस समय स्थिति भारी और कठिन थी, आज़रबैजान जोखिमवाला देश के जैसे समझा जाता था. श्री राष्ट्रपति हैदर अलीयेव ने पूँजी आज़रबैजान में लगवाने के लिये बहुत काम किये थे, आखिरकर उनहों ने दंकथा को वास्तविक्ता कर दी है.

तेल सामरिकी के एक संघटक अंग यह है कि तेल से आई हुई कमाई आज़रबैजानी जनता की पलप्राद रूप से सेवा करे, इस कारण राष्ट्रीय तेल निधि बना दी गई है. निधि का स्थापना आज़रबैजान के वर्त्तमान इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी. यह ट्रेंस्पोर्ट(पारदर्शी) संरचना है, जो सारे अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणों के अनुसार है. अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक संरचनाऐं इसका कार्य उच्च मूल्यांकन करते हैं. आजकल तेल निधि में 80 करोड़ डालर जमा हो गये. यह लोगों के पैसे हैं. इस लिये समाज को नियमित रूप से तेल निधि के कार्य के बारे में सूचना दी जाती है. हरेक नागरिक अपने देश के विदेशी मुद्र और इस के खर्चा के क्षेत्र के बारे में जनना चाहिये.

भविष्य में आज़रबैजान की आर्थिक क्षमता बढ़ती जाने से नये तेल के क्षेत्र आज़रबैजान में उदघाटन होने के बाद, बाकू-त्बिलीसी-जैहान तेल पाईप-लाईन चालू होने के बाद ज़रूर बढ़ जायेगी. प्रतिवर्ष आज़रबैजान में अरबों डालर की कमाई आयेगी. इन साधन के वास्ते आज़रबैजान में सारे क्षेत्रों में स्तापने के कार्य किये जायेंगे. समाजी समस्याओं के हल के क्षेत्र में बहुत कुछ किये जायेंगे.

जैसे आप को पता है, तेल निधि से लिये गये पैसे सब से पहले सब से कठिन स्थितियों में रहनेवाले शरणर्थियों के लिये, उन के जीवन स्तर बढ़ाने के लिये खर्चा किये जाते हैं. राष्ट्रपति हैदर अलीयेव के आदेशों पर इन उद्देश्यों के लिये 7 करोड़ डालर निर्धारित किये गये थे,जिन से शरणर्थियों के लिये नयी बस्तियां, मकान बनाये जाते हैं. दस हजारों शरणर्थी तंबू के कैम्पों से नवीन घरों में जाकर रहने लगे और यह प्रक्रिया जारी किया जायेगा. हम भविष्य में बी इस समस्या को बड़ा ध्यान देंगे. मुझे विश्वास है कि आनेवाले दिनों में सारे शरणर्थी, जो कब्जे के परिणामों से कष्ट भोगते हैं, नवीनतम स्थितियों से प्रदान किये जायेंगे. आज़रबैजान में दूसरे सामाजिक समस्याओं के हल किये जायेंगे. आप को पता है रि हाल ही में श्री राष्ट्रपति के आदेश पर स्वास्थ्य, शिक्षा, कला और दूसरे क्षेत्रों में काम करनेवाले कर्मिकों के तन्ख्वाह 50 प्रतिशत बढ़ाये गये थे. पेंशन भी 40 प्रतिशत बढ़ गये हैं.

यह एक बार और साबित कर रहा है कि सामाजिक समस्या हमारे राष्ट्रपति के ध्यान में रहे.यह नीति जारी की जायेगी. इस के लिये देश की सारी क्षमताऐं प्रयोग की जायेगी.यह संयोग से न है कि आनेवाले वर्ष की बजट के 60 प्रतिशत साधन सामाजिक समस्याओं के हल के लिये खर्चा किये जायेंगे.

भविष्य में आज़रबैजान बहुत अमीर और शाक्तिशाली देश बन जायेगा. तेल सामरिकी जारी करके हम छोटे समय में अपने देश की सर्वतोमुखी उन्नति कर सकेंगे.

विशेष तौर पर गैर तेल क्षेत्र को ध्यान दिया जायेगा. नये कारखाने, मिल चालू किये जायेंगे. कारगरी की उन्नति के लिये कार्यक्रम की योजना तैयर हो रही है. आज़रबैजान का आर्थिक विकास का कार्यक्रम तैयर हो रहा है. यह बहुमुखी उन्नति का कार्यक्रम छोटे समय में आज़रबैजान को एक अमीर देश बना देगा. हमारे पास सारी क्षमताऐं हैं. प्रकृतिक साधन, लोगों की क्षमताऐं. और सबसे महत्वपूर्ण - जनता की इच्छा है. हम सब मिलकर और अपने बल एकसाथ करके आज़रबैजान एक अमीर, शाक्तिशाली राष्ट्र बना देंगे.

आज़रबैजान में सेना निर्माण के क्षेत्र में बड़ा काम जारी हैं. हमारे देश में शाक्तिशाली सेना बन गई और यह प्रक्रिया जारी किया जायेगा. मैं निरंतर इस बात पर ध्यान दे दूँगा. आज़रबैजान की बहुत शाक्तिशाली सेना होनी चाहिये. वह उसके सामने खड़े हुए समस्याओं के हल करने के लिये योग्य होनेवाली है. मुझे विश्वास है कि आज़रबैजानी सेना के सब से ऊँचा प्रमाण के अनुसार होना के लिये उसकी आर्थिक क्षमताऐँ हैं. और यह उसके सामने कड़े होनेवाले उद्देश्यों को हल कर सकेगी.

हमारे लिये सब से भारी समस्या आर्मेनियाई - आज़रबैजानी, पहाड़ी कराबाग़ का युद्ध है. हम लंबे आरसे से गोलिबारी रोकने के नित्यक्रम में रहते है. खेद है कि इस समस्या के हल में प्रत्यक्ष रूप से व्यस्त होनेवाले युरोप में सुरक्षा और सहयोग संस्था(OSCE) के मिन्स्क ग्रूप का कार्य असफल रहा, लेकिन हम आशा नहीं छोड़ते हैं, हमें आशा है कि सहाध्यक्ष इस समस्या से गंभीरता से ज़्यादा उत्तरदायित्व से व्यस्त होंगे. इस समस्या का हल होना चाहिये. इस समस्या का हल केवल कुछ सिद्धांतों के, अंतर्राष्ट्रीय विधियों के आधार किया जा सकता है, आज़रबैजानी भूमि कब्जे से मुक्त होना चाहिये. दस लाख शरणर्थी अपने मातृभूमिक जन्म के क्षेत्रों में वापस जाना चाहिये. हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता बहाल होना चाहिये. आज़रबैजान कभी भी ऐसी स्थिति को, अपनी भूमि के कब्जा को स्वीकार नहीं करेगा.

सब को पता होना चाहिये कि हम शांतिके पक्ष में हैं, युद्ध का दोबारा शुरू होना नहीं चाहते हैं और इस समस्या का शांतिपूर्ण रूप से हल करना चाहते हैं. फिर बी हमारी धीराज असिमित नहीं है. आज़रबैजान किसि दाम पर भी अपनी भूमि मुक्त कर देगा.

मैं आज़रबैजान की सौभाग्यशाली भविष्य पर विश्वास करता हूँ. विश्वास हैंकि हमारा देश उन्नति करेगा और सुढ़ृढ होता जायेगा. लोकतंत्रीयता विकासित होगी राजनीतिक बहुविचार भाषण की स्वतंत्रता का पालन किया जायेगा.हमारा देश एक समकालीन राष्ट्र बन जायेगा.इस को पाने के लिये आज़रबैजान में बहुत कुछ करना पड़ेगा.

लेकिन इन को चालू करने के लिये और आज़रबैजान एक शाक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लियेसब से हले देश में हैदर अलीयेव की नीति जारी रखनी चाहिये.आज उच्च भाषण-मंच से भाषण करते हुए मैं आज़रबैजानी जनता को वादा देता हूँ कि मैं इस नीति को विश्वास्त रहूँगा, कभी इस रास्ते से हटन जाऊँगा और हैदर अलीयेव की नीति जारी रखूँगा.

आज इस उच्चतम मंच से हमारे प्रिय राष्ट्रपति श्री हैदर अलीयेव को अपील करके मैं कह रहा हूँ - प्रिय राष्ट्रपति, हम यह कोशिश करेंगे कि सामकालीन आज़रबैजान,जो आप की कृति है, ज़्यादा शाक्तिशाली, आमीर हो जाये, सर्वतोमुखीय उन्नति कर सके.आप के रास्ते से चलकर हम नयी जीतें पा लेंगे.

आज़रबैजानी जनता के राष्ट्रीय नेता, सामकालीन आज़रबैजान के संस्थापक हैदर अलीयेव जिन्दाबाद !

वीरतापूर्वक आज़रबैजानी जनता जिन्दाबाद!

मुक्त और स्वतंत्र आज़रबैजान जिन्दाबाद!