आज़रबैजान प्रजातंत्र के राष्ट्रपति हैदर अलीयेव का संचालन केमिटि के पहले बैठक में आज़रबैजान ऐकिहासिक संग्रहरालय में शतब्दी के समझौते से संबंधित भाषण- 24 जनवरी 1995

आदरणीय श्रीमाती और श्रीमान,

आदरणीय अतिथियो,

आज बड़े समझौते के जैसे समझौते के कार्यान्वयन पर वास्ताविक काम आरंभ हो रहे हैं, जो कुछ सालों में तैयार होते रहते थे और आखिरकर इस पर हस्ताक्षर किया गया था। इस समझौते पर चलती हुई वार्ता, पूरे किये गये तैयारी के काम और उसके हस्ताक्षर से थोड़े पहले हुए प्रक्रिया, हम इन के बारे में निर्णायक रूप से कह सकते हैं कि ये आसान न रहे। यह ऐतिहासिक घटना बड़े काम और विश्वास से चलाई गई कार्रवाई के परिणाम में हुई।

आज़रबैजान तेल के देश है। पुराने ज़माने में हमारे देश को अलाव का देश कहलाया जाता था। और हमें इस नाम से गर्व थापता है कि 19वीं शतब्दी के दूसरे आधे से लेकर, शायद दुनिया में पहली बार तेल उत्पादन शुरू हुआ। आज़रबैजान के तेल उद्योग का बड़ा इतिहास है। यह बहुत महत्पूर्ण चरणों से गुजार गया। जब तेल के औद्योगिक रूप से उत्पादन आरंभ हुआ, तो यहां पर उसी समय विदेशी तेल कंपनियां तेल उत्पादन और शोधन में संयुक्त काम करती थीं। बाद में इन कंपनियों के कार्य आज़रबैजान में रुका दिये गये थे, सोवियत राष्ट्र की ओर से तेल का राष्ट्रीयकरण किया गया था। यहाँ से निकाले गये तेल लंबे समय तक सोवियत संघ की आवश्यकताओं को पूरे करने के लिये प्रयोग किये जाते थे।

तीन साल पहले हमारे देश को स्वतंत्रा, राष्ट्रीय मुक्ती मिली थी। आज़रबैजानी जनता, राष्ट्र अपने धन का पूरा मालिक बन गया। इन सब के कारण आज़रबैजान के तेल भंडार, राष्ट्र की मरज़ी से निकालने और प्रयोग करने की संभावना मिली थी। पता है कि आज़रबैजानी तेल मज़दूर और विशेषज्ञों के पास तेल उत्पादन में प्रायोजिक काम करने के क्षेत्र में बड़ी वैज्ञानिक और तकनीकल क्षमता है। आज़रबैजानी शास्त्रियों, इंजिनीयरों, भू-विज्ञान, तेल मज़दूर और विशेषज्ञों, रीग मास्टरों के तनावपूर्ण कार्य के और क्रमिक कार्रवाई के परिणाम पर 45 सालों से ज़्यादा एक दौरान में केस्पियन सागर में तेल का उत्पादन किया जाता है।

इन सब ने आज़रबैजान राष्ट्र के लिये अपने धन, विशेष तौप पर तेल क्षेत्रों, जो उसकी सब से बड़ी उपलाब्धी है, प्रयोग के लिये अच्छे आधार बनाया था। पर इन तेल भंडार के प्रभाकारी उपयोग के लिये इस चरण में हम सोचते हैं कि बड़े अनुभव, क्षमतावाली विश्व तेल कंपनियों के साथ सहयोग करना आवश्यक है। इस लिये तीन साल से ज्यादा एक समय में विदेश के बढे तेल कंपनियों के साथ केस्पियन सागर के आज़रबैजानी सेक्टर में तेल भंडार के संयुक्त प्रयोग के बारे में बातचीत चलती थी। बड़ी संतोषी से नॉट करता हूँ कि ये बातचीत जितनी भी कठिन न रही, ये सपलतापूर्ण समाप्त हुई और तेल क्षेत्र के संयुक्त प्रयोग के बारे में बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था।

तेल भंडार के बड़ी कंपनियों के साथ प्रयोग करने में तीन साल से ज्यादा चलनेवाली वार्ता हमेशा आज़रबैजान के ध्यान में थी और कहा जा सकता है कि सारे विश्व समाज के भी। हमेशा इस समझौते की तैयारी में और वार्ता में बड़ी रूचि होती थी। हमारी जनता, समाज बड़ी आशा से इन वार्ताओं की समाप्ती और समझौते पर हस्ताक्षर होने की प्रतीक्षा करते रहते थे। पर कुछ विश्व शक्तियां थीं , जो इस के प्रति ईर्ष्या और विरोधी दिखाती थीं ये समझौते की तैयारी और हसेताक्षर को रूकावट देने में बड़ी कोशिशें करती थीं। पर राष्ट्र , स्वतंत्र आज़रबैजान प्रजातंत्र की इच्छा ने और विदेशी तेल क्पनियों के साथ सहयोग ने, जो ढ़ृढ आधार पर बनाया गया था, इन सारी रूकावटें दूर करने में सहयोग दिया। आखिरकर 20 सितंबर सन् 1994 को तेल समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। पर इस के बाद भी विदेश के कुछ दल इस समझौते के कार्यान्वयन में रूकावट देने के प्रयत्न करते ते। हमला भी किया जाता था। ये सब पता हैं। हम ने इन सब को रोके। जब तक कि समझौते की तैयारी हो रही थी, तो मुझे विश्वास था कि हम अपनी इच्छा से सारे इन रूकावटों, हमलाओं, दबावों को रोक सकते हैं, उन को योग्य जवाब दे सकते हैं और हम ने यह किया है। यह समझौता इतिहास में शतब्दी का समझौता जैसे प्रवेश करके जारी है।

हस्ताक्षर किये गये समझौते पर आज़रबैजान संसाद में विचार चलते थे और वह राष्ट्रीय संसाद द्वारा पास किया गया था। 2 दिसंबर सन् 1994 को मैं ने इस समझौते की स्वीकृती के बारे में विशेष कानून पर हस्ताक्षर किया था। सो, इस समझौते के वास्ताविक्ता में कार्यान्वयन के लिये राजनीतिक, आर्थिक और विधिक आधार बनाये गये थे। आभी वास्ताविक काम होने हैं । पहले से किये गये काम के बड़ा मूल्यांकन करते हुए आज मैं विश्वासनीय हूँ कि यह समझौता बिना किसी दोरी से पूरा होना चाहिये। इस लिये विशेष काम के ग्रूप, समझौते के संचालन केमिटी बने गये और वास्ताविक काम के लिये आयोजीत उपाय किये गये हैं। मैं इन सब की स्वीकृती करता हूँ और आप को दरआसल में काम शुरू होने की वजह से बधाई दे रहा हूँ और उन सारे लोगों को , जो बाद में भी काम करेंगे।

यह नॉट करना है कि जब कि समझौते की तैयारी के प्रक्रिया बहुत कठिन , कठोर रहा, तो उसका कार्यान्वयन और कठिन होगा। हमें बहुत तनावपूर्ण महत्पूर्ण काम करना पड़ेगा। मुझे विश्वास है कि कोंसॉर्टयुम के प्रतिनिधि और अध्यक्ष, जो इस समझौते के क्रमिक, तीव्र हल का पालन करेंगे।

समझौते 30 साल के लिये किया जाता है। निःसंदेह पहले साल कठिन, भारी होंगे। हमारी, आज़रबैजानी पक्ष को, निजी तौर पर मुझे राष्ट्रपति होकर पहले सालों के कामों में दिलचस्पी है । मेरे विचार में पहले सालों के कार्यक्रम समय से पहले पूरा होना चाहिये। आज आप लोग यहां पर सन् 1995 के लिये बजट, कार्यक्रम निश्चित करके विचार विनिमय करके उन आनेवाले कार्यों के बारे में निर्णय करेंगे। मैं चाहता हूँ कि किये जाने वाले कार्यों के पहला साल ऊँचे स्तर पर चलाये जायें और उन को लगातर हर दिन, हर महिने में कार्यान्वयन के लिये आवश्यक उपाय किये जायें।

आप को पता है कि उस समझौते के बारे में विभिन्न क्षेत्रों में समाचार पत्रों में, अलग देशों में बातचीत चलती जा रही है। अफवाहें फैली जा रही हैं कि यद्यापि समझौते पर हस्ताक्षर हुआ, पर पश्चिम कंपनियां इस का कार्यान्वयन करने में जल्दी न करेंगे। और कहा जाता है कि समझौते के पहले साल, 1995-1998 सालों के कार्यों से आजरबैजान में अर्थ-व्यवस्था में विशेष परिणाम न ले आयेंगे। इन शक्तियों ने समझौते के हस्ताक्षर पर रूकावटें न दीं, लेकिन उसके कार्यान्वयन में किसी भी हाल में हानि पहूँचाना चाहती थीं। विश्वास है कि कोंसॉर्टयुम में शामिल पश्चिम तेल कंपनियां, उनके अध्यक्ष, अपने बल न बचायेंगे ताकि इस समझौते के विरोध होनेवाले सारे झुठ के लोगों के जवाब दे दें। यह सारे ध्यान में रखकर मैं आप से प्रार्थना कर रहा हूं कि समझौते के कार्यान्वयन के पहले 3-4 सालों के कार्यक्रम समयनिष्ठ और ठीक हो जाये, उन को समय से पहले पूरा करने में सारे जरूरी उपाय किये जायें।

इस समझौते के कार्यान्वयन में आजरबैजान राष्ट्रीय तेल कंपनी, हमारे तेल मज़दूर और विशेषज्ञों का, वैज्ञानिकों का उद्देश्य बहुत बड़ा और सम्मानित हैं । मुझे विश्वास है कि आजरबैजान के तेल मज़दूर और विशेषज्ञ, राष्ट्रीय तेल कंपनी के उत्तरदायित्व कार्यकार्ता, इस दास्तावेज़ को पूरा करने के काम में व्यस्त होने वाले सारे लोग एक बार फिर इस समझौते के आजरबैजान के आधुनिक और भविष्य के लिये महत्व को सोच-समझकर उसको पूरा करने की कोशिश करेंगे।

आज मैं एक बार और नॉट करना चाहता हूँ कि इस समझौते की तैयारी के प्रक्रिया में , उस के हस्ताक्षर में और मेरी तरफ से राष्ट्रपति जैसे समझौते के विधिक ताक़त पाने के लिये कानून पर हस्ताक्षर करने में हम आजरबैजान के आधुनिक और भविष्य के बारे में सोचते थे। आप सब को पता होना चाहिये कि हम इन उद्देश्यों, कामनाओं को आधार करके चाहते हैं कि यह समझौता पूरा हो जाये।

समझौते का कार्यान्वयन हमारे प्रजातंत्र के अर्त-व्यवस्था में आने वाले सालों में बड़े परिवर्तन के लिहाज से बड़ा महत्व रखता है । जो आजकल संकट में है।

इस समझौते का कार्यान्वयन इस के साथ आजरबैजान की प्रगति के लिये भविष्य संभावनाओं के लिहाज से बड़ा महत्व रखता है। इस समझौते पर कार्य आजरबैजान प्रजातंत्र के तेल उद्योग के दूसरे क्षेत्रों में भी प्रभाव डाल देगा।

आजरबैजानी जमीन में प्रयोग न किये गये बहुत तेल और गैस भंडार हैं । केस्पियन सागर के आजरबैजानी सेक्टर में तेल और गैस के दूसरे भंडार हैं, जो हमारे भू-विज्ञानों द्वारा पता न किया गया हैँ । हम इस समझौते का कार्यान्वयन करके, अनुभव प्राप्त करके इन तेल भंडारों के सागर और जमीन में भी प्रयोग के लिये जरूरी उपाय करेंगे। इन समस्याओं के हल के लिये हम विदेशी तेल कंपनियों के साथ सहयोग करने के लिये तैयार है। इस लिहाज से समझौते का कार्यान्वयन हमारे भविष्य के कामों के लिये बहुत महत्वपूरण होगा मेरे विचार में कोंसॉर्टयुम में शामिल पश्चिम तेल कंपनियां, आजरबैजान राष्ट्रीय तेल कंपनी ये सारी संभावनाओं को ध्यान में रखकर अपने कार्य अच्छा तरीके से आयोजित करेगा।

यहां पर मौजूद विदेशी कंपनियों के प्रतिनिधियों, कोंसॉर्टयुम के भागादारों को इस समझौते के जारी होने के कारण दिल से बधाई दे रहा हूँ। मैं उन को यकीन दिला रहा हूँ कि राष्ट्र की तरफ़ से , आजरबैजान राष्ट्रपति होकर मोरी तरफ से इस समझौते का कार्यान्वयन मेरे ध्यान में होगा और उन कार्यों का सही समय पर पूरे करने के लिये सारे जरूरी उपाय किये जायेंगे।

इस समझौते के वास्ताविक कार्यान्वयन के आरंभ के कारण मैं राष्ट्रीय तेल कंपनी को, इनके अध्यक्ष को, तेल मज़दूर और विशेषज्ञों को, हमारी जनता को बधाई दे रहा हूँ ।

सम्मानित श्रीमाती और श्रीमान, आदरणीय अतिथियो,

मैं आप को इस महत्पूर्ण काम में सफलताओं की कामनाऐं करता हूँ, ये लाभदायक, सफलतापूर्ण रहे।