आज़रबैजान प्रजातंत्र के राष्ट्रपति हैदर अलीयेव की आज़रबैजानी जनता को नववर्ष की बधाई- 31 दिसंबर 1998


प्रिय देशवासियो !

आदरणीय श्रीमातीयो और श्रीमानो !

मैं आप को इस आनेवाले 1999 वर्ष से हार्दिक बधाई दे रहा हूँ. हरेक नागरिक को, आज़रबैजान के निवासी को स्वास्थ्य की कामनाऐं, खूशी की कामनाऐं कर रहा हूँ, अपनी जनता, देश को शांति और आराम की कामनाऐं कर रहा हूँ.

आज विश्व आज़रबैजानीयों की एकजूटता का दिन, सारी दुनिया के देशों में रहनेवाले आज़रबैजानीयों को इस त्योहर के अवसर पर बधाई देता हूँ. सब को ढ़ृढ एकजूटता की कामना करता हूँ. गुजरे हुए सन् 1998 हमारे देश और जनता लिये के सफलतापूर्वक रहा, हमारा स्वतंत्र देश ने एक वर्ष और गजरा है , अपनी राष्ट्रीय स्वतंत्रता का सातवां वर्ष समाप्त किया है. पिछले वर्ष में सब से मुख्य परिणाम और हमारे सब से बड़ी सफलता वही थी कि यह राष्ट्रीय स्वतंत्रता और ढ़ृढ, विकासित हो गई, सन् 1998 इस ढ़ृढकरण में एक नया दौर रहा.

सन् 1998 को आज़रबैजान में विदिक, लोकतंत्रीय, साभ्य राष्ट्र का क्रमिक निर्माण चालू किया गया था.1998 को आज़रबैजान में लोकतंत्रीयता विकास किया गया, व्यक्ति के अधिकार और स्वतंत्रताऐं पालन किये गये थे. आज़रबैजान में राष्ट्रीय निर्माण के क्षेत्र में, अर्थ-व्यवस्था में और दूसरे क्षेत्रों में बड़े सुधार लागू किये गये थे जिनके अच्छे परिणाम हैं. 1998 को संयुक्त राष्ट्र संघ की पास की हुई व्यक्ति के अधिकार के घोषणा की 50वीं वर्षगाँठ पूरी हो गई. आज़रबैजान में इस क्षेत्र में काफ़ी काम किये गये और हमारे प्रजातंत्र ने एक सच्चा लोकतंत्रीय राष्ट्र के जैसे सारी दुनिया को व्यक्ति के अधिकारों पर विश्वास्त होना एक बार फिर दिखाया था. लोकतंत्रीय राष्ट्र होकर आज़रबैजान क्रमिक रूप से मानवतावाद की नीति चलाता है. पहली बार पूर्व में आज़रबैजान में मौत की सज़ा का उन्मूलन किया गया था.

आज़रबैजान में मानवीय नीति के नतीजे पर बहु लोग सज़ा से मुक्त हो गये थे. मेरे पहलक़मी से एक साल के दौरान दो बार राज-क्षमा की गई थीँ इन दो क्षमाओं के आधार पर आज़रबैजान 24 हज़ार नागरिक क़दी से मुक्त हो गये थे.मेरे आदेशों पर 270 आदमी को क्षमा कर दिये गये थे. सन् 1998 को आज़रबैजान में भाषण, मुद्रण,विचार की स्वतंत्रताऐं के क्षेत्र में नये क़दम उठाये गये,हमारे समाज में सकात्मक परिणाम साधारण बात है.

सन् 1998 को एक मुख्य परिणाम आज़रबैजान में सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता की ढ़ृढकरण और उसकी पक्काई है. इस का हमारे देश के लिये विशेष महत्व है कयोंकि हमारे देश को पिछले सालों में आशांति, झगड़े और देश के अंदर अपराध का फ़लाने के कारण बहुत हानि पहूँचायी गयी थी. अपराध के खिलाफ़ संघर्ष बढ़ गया आराम जीवन के लिये स्थिति स्थापित हो गई.

आज़रबैजान में सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता ने हमारे देश के राज्यत्व ढ़ृढकरण और विकास के लिये बड़ी सहायता दी थी.

सन् 1998 को सोच-समझकर क्रमिक रूप से चलाई गई विदेश नीति के परिणाम पर हमारे देश की स्थिति विश्व में ढ़ृढ हो गयी और उसकी प्रतिष्ठा बढ़ गयी.

1998 को विभिन्न देशों की यात्राऐं की गई थी और हमारे देश पर विदेशों की प्रतिनिधि आये थे, हमारे देश के लिये बड़े महत्व के अंतर्राष्ट्रीय, अंतर सरकारी संविदाओं, समझौतों और दूसरे दास्तावेज़ों पर हस्ताक्षर कियो गये थे. आज़रबैजान सारे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सभाओं में सक्रिय रूप से भाग लता था.

सन् 1998 को महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक 7-8 सितंबर को बाकू में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन था, ट्रसेका कार्यक्रम के अंदर गुजरे हुए सिल्क रॉड के पुर्ननिर्माण से संबंधित इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में 32 देशों, 13 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने भाग लिये थे.अनेक देशों के प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष, राष्ट्र के, सरकार के अध्यक्ष आये थे. बाकू अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बड़े महत्व की संविदाऐं, समजौताऐं पास किये गये थे. यह युरोप को ऐशिया से , पूर्व को पश्चिम से मिलानेवाले यातायात के प्रश्नें से संबंधित थे, जिनके बड़े भविष्य हैं.

सन् 1998 के एक और महत्वपूर्ण घटना बंधु तुर्की प्रजातंत्र के 75वीं वर्षगाँठ के त्योहर थे, जिस में आज़रबैजान प्रतिनिधि मंडल ने भी भाग लिया था और बाकू-जैहान तेल पाईप-लाईनके बारे में अंकारा के घोषणा-पत्र का पास करना था.

इन सब ने दुनिया को आज़रबैजान को अच्छा जानना के लिये सहायता दी है और हमारे देश के लिये विश्व क्षेत्र में अपनी उचित जगह पाने में बड़े अवसर दिये थे. आज़रबैजान के दूसरे देशों के सात आर्थिक, संसकृतिक,वैज्ञानिक संबंधविकास करने में बड़े सुअवसर मिले थे.

सन् 1998 को आज़रबैजान में अर्थ-व्यवस्था विकासित होता रहा. पता है कि पिछले वर्षों में हमारे देश में अर्थ-व्यवस्था की गिरावट थी. इस गिरावट को सन् 1996 को रोका दिया गया था. सो, 1997 और 1998 के वर्ष आज़रबैजान में आर्थिक उन्नति के वर्ष जैसे समझे जाते हैं. 1998 को अर्थ-व्यवस्था की उन्नति हो गई.ये सब आज़रबैजान के बाज़ारी संबंधों में क़दम रखने के परिणाम थे, हमारे देस में सफलतापूर्वक आर्थिक सुधार लागू करने में और विश्व अर्थ-व्यवस्था में गहरा सामाकलन के परिणाम पर जारी होते थे.

गुज़रे हुए वर्षों में हम ने आर्थिक सुधार लागू करने के लिये सही क़दम उठाये थे. सन् 1998 इस क्षेत्र में बहुत फलदायक रहा. निजिकरण का कार्य़क्रम, कृषि सुधार, मौद्रिक क्षेत्र में सुधार – इन सब ने आज़रबैजान के अर्थ-व्यवस्था की प्रगति में धक्के दिये थे. इस के परिणाम पर प्रजातंत्र की आबादी की ख़ुशहाली बढ़ गई, मध्यम तन्ख्वाह, पेंशन और अनुदान बढ़ गये थे. आज़रबैजान के विश्व अर्थ-व्यवस्था में सामाकलन विश्व के बड़े तेल कंपनियों को आज़रबैजान के साथ बड़े पैमाने पर सहयोग करने में अवसर बनाया था.

सन् 1998 को इस सहयोग के परिणाम मालूम हए. 1998 के आर्थिक परिणाम के बारे में बात करके यहीभी कहना है कि यह स्रात्र विश्व अर्थ-व्यवस्था के लिये संक्षेप में बहुत कठिन था. पता है कि दक्षिण-पूर्वि ऐशिया में शुरू हुआ मौद्रिक और आर्थिक संकट पहला दूर पूर्व तक और बाद में दूसरे देशों तक पहूँच गई. मौद्रिक संकट आख़िरी सालों में रूस और स्वतंत्र राष्ट्र संघ के देशों तक भी पहूँच गई.इस के कारण मौद्रिक स्फिति बढ़ गई और मौद्रिक सिस्टेम में, अर्थ-व्यवस्था में बड़ी कठिनाईयां पैदा हुईं.

हमारे देश की स्वतंत्र राष्ट्र संघ के साथ, पड़ोसके देशों के साथ गहरे सहयोग के संबंध हैं. इस लिये यहां पर होती हुई घटनाओं का प्रभाव आज़रबैजान पर भी पड़ता है, लेकिन हमारी तरफ़ से चलाई गई आर्थिक नीति, मौद्रिक क्षेत्र में जारी होनेवाले कार्य इस संकट को आज़रबैजान में फलाने से रोक कर सके. इस के वास्ते आख़िरी सालों में हम आज़रबैजान की मौद्रिक सिस्टेम में स्थीरता स्थापित कर सके. हमारी तरफ़ से आर्थिक क्षेत्र में किये गये कार्य के परिणाम पर माईक्रो- आर्थिक, मौद्रिक स्थीरता है. हमारे लिये मौद्रिक संकट को आज़रबैजान में फलाने से रोकना बहुर कठिन था. क्योंकि इसका प्रभाव विश्व के अनेक क्षेत्रों में पड़ा था, लेकिन हम यह कर सके. आज़रबैजान में मौद्रिक स्थीरता है, हम ने महंगाई को रोक सके, दूसरे देशों में मौजूद मौद्रिक स्फिति को रोक सके, राष्ट्रीय मौद्रिक ईकाई – मनात का विनिमय-दर ढ़ृढ है.

आज़रबैजान का मुख्य समस्या देश की क्षेत्रीय अखंडता, आर्मेनियाई सैनिकों से कब्ज़े में ली गई भूमि की मुक्ती, हमारे देशवासियों को अपने मात्रृभूमिक क्षेत्रों में वापस भेजवाना हैं. सने 1998 को इस क्षेत्र में काफ़ी काम किये गये. हमारे कार्य इस समस्या में सिद्धांतशील और क्रमिक है, हम इस झगड़े का शांतिपूर्ण रूप से ह चाहते हैं.और इस लिये युरोप में सुरक्षा और सहयोग संस्था(OSCE) के मिन्स्क ग्रूप और उसके सहाध्यक्षों के साथ सहयोगी करते हैं.हमारे यह सहयोग युरोप में सुरक्षा और सहयोग संस्था(OSCE) के 1996 को लिस्बॉन सम्मेलान में पास किये गये सिद्धाँतों पर आधार करता है. मिन्स्क ग्रूप के सहाध्यक्षों ने 1998 के नवंवर में आर्मेनियाई-आज़रबैजानी झगड़े को हल करने के लिये नये प्रस्ताव पेश किये थे. लेकिन यह प्रस्ताव हमारे लिये अस्वीकार था और इस लिये हम ने इस को रद्द कर दिया था. हम ने मिन्स्क ग्रूप के सहाध्यक्षों को , उसके सदस्यों को और विश्व को दिखाया था कि आज़रबैजानी राष्ट्र उसके और उसकी जनता की हितों के विपरीत होनेवाले किसी भी प्रस्ताव स्वीकार नहीं कर सकते हैं.

हम आज भी झगड़े के शांतिपूर्ण रूप से हल के लिये कोशिश करते हैं.इस लिये हम पाँचवां साल हो गया है कि आर्मेनियाई-आज़रबैजानी युद्ध में प्राप्त किये गये गोलिबारी रुकने के बारे में संविदा का पालन करते हैं. हम इस संविदा को आज भी पालन करना चाहते हैं. हम इस स्थिति का समर्तन करते हैं और फिर भी हम सिर्फ़ इस झगड़े में न्यायपूर्म प्रस्ताव स्वीकार कर सकते हैं.

हमारे विचार में आर्मेनियाई सैनिक कब्ज़े किये गये आज़रबैजानी भूमी से युरोप में सुरक्षा और सहयोग संस्था(OSCE) के 1996 को लिस्बॉन सम्मेलान में पास किये गये सिद्धाँतों के आधार पर हटना चाहिये. आज़रबैजानी नागरिकों को अपनी मात्रृभूमी को वापस लौटना हैं.पहाड़ी कराबाग़ को आज़रबैजान राष्ट्र के अंदर उच्च स्वाशासन मिल सकता है.मैं यह सोचता हूँ कि हम भविष्य में अपने कार्य इन सिद्धांतों के आधार पर चला लेंगे.

इस के संबंध हमारे लिये सबसे कठिन समस्या अपने जमीन से भगाये गये शरणार्थियों की स्थिति है. हम हमेशा इस समस्या पर काम करते हैं.सन् 1998 को इस सिलसिले में काफ़ी काम किये गये, कार्यक्रम आयोजित किया गया था. शरणार्थियों को मिलनेवाले सहायता बढ़ गई और बढ़ जायेगी. इन लोगों की जीवन स्थिति अच्छा करवाने के लिये अतिरिक्त कार्यक्रम आयोजित किये गये और किये जायेंगे.

बेशक ये सारे अस्थायी काम हैं, क्योंकि हमारे मुख्य उद्देश्य कब्ज़े किये गये क्षेत्र मुक्त करना और देशवासियों को अपने भूमी को भेजना है. आज इस त्योहार के दिन मैं एक बार और घोषणा दे रहा हूँ कि हम ये काम ज़रूर करेंगे.

सन् 1998 को आज़रबैजान के जीवन के सारे क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम प्राप्तहो गये हैं. आज़रबैजान एक लोकतंत्रीय, विधिक राष्ट्र के जैसे विकासित होता जा रहा. आज़रबैजान में राष्ट्रपति के चुनाव लोकतंत्रीयतापूर्ण और स्वतंत्र महौल में आयोजित किये गये थे. दुनिया को एक बार और यह दिखाया गया था कि आज़रबैजान लोकतंत्रीयता की दिशा में आगे जा रहा दै. आज़रबैजानी राज्यत्व सुढ़ृढ हो गया. आज़रबैजान की जातीय सेना बी शाक्तिशाली हो गयी.ये सब हमें गर्व की भावनाऐं दिला रहे हैं. पर हम समझते हैं कि हमारे जीवन में बहुत समस्या हैं जो हल नहीं हुए हैं, बहुत कामियां,भूल हैं.

पता है कि अभी भी ऐसे लोग हैं जो भारी आर्थिक और मौद्रिक स्थिति में रहते हैं.ये सब आज़रबैजान की आजकल की वास्ताविक्ताऐं हैं. आज़रबैजान संक्तांति-काल में से गुज़र रहा है. संक्तांति-काल की विशेषताऐं यहां पर आज़रबैजान में भी पैदा हुई हैं. लेकिन हमारी तरफ़ से किये गये काम विश्वास दिला रहा है कि यह काल आराम से गुज़र जायेगा.

सन् 1998 की सफलताओं के बारे में बात करते हुए मैं यह न सोचता हूँ कि दूसरे समस्याऐं भूल की गई हैं. समस्याऐं बहुत हैं, हमें इन के बारे में अच्छापता है. इन के बारे में आख़िरी महीनों में विभिन्न बैठकों, सभाओं में बात की गई थी. और आवश्यक निर्णाय पास किये गये थे. इन निर्णायों का कार्यान्वयन करना हमारे हरेक का उद्देश्य है.

सम 1998 को पैदा हुई आशाऐं और 1999 को हमारे सामने खड़े होनेवाले समस्या सब को पता है, सब से मुख्य समस्या यह है कि आज़रबैजान एक स्वतंत्र देश की तरह जीवित रहा. आप विश्वास्त हो सकते हैं कि इस लिये हम अपनी प्रयत्न न बचायेंगे.

इन दिनों में सन् 1999 के लिये बजट स्वीकार हो गई. राष्ट्रीय बजट की स्वीकृति बहुत न्यायपूर्ण स्थिति में गुज़री. क्योंकि जैसे मैं ने बताया था अनेक देशों में हुई आर्थिक, मौद्रिक संकट, तेलके सामानों की दाम में गिरावट और दूसरे कारकों ने आज़रबैजान की आर्थिक स्थिति और कठिन कर दी थी.

लेकिन इस के बावजूद हम मौजूद साधन प्रयोग करके राष्ट्रीय बजट बना सके.उस को बनाकर, आज़रबैजान में आर्थिक सुधार लागू करके हम प्रामाणिक विश्व मौद्रिक संगठनों के साथ, विश्व मौद्रिक फैंड, विश्व बैंक के साथ सहयोग करते हैं. भविष्य में भी सुधार विश्व प्रामाण के अनुसार लागू किये जायेंगे.

मेरे विचार में सन् 1999 को सब से मुख्य उद्देश्य आज़रबैजान की राष्ट्रीय बजट पूरी करनी है. इस उद्देश्य के हल के लिये सारे राष्ट्रीय अंग अपनी पूरी कोशिशें करनी हैं. हरेक नागरिक देश के विकास के लिये अपना भाग देनेवाला है. 1998 को हमारा मुख्य उद्देश्य आर्मेनियाई-आज़रबैजानी झगड़े का हल करना, लोगों को अपनी मात्रृभूमि को वापस भेजना है. आशा है कि 1998 के आख़िरी महीनों में किये गये काम और कार्यक्रम ने इस क्षेत्र में सफलताओं के लिये ख़ूब आधार बनाये हैं.

हमारे मुख्य उद्देश्यों में से एक देश की प्रभुसत्ता, स्वतंत्रता की रक्षा करना और आज़रबैजान को स्वतंत्र राष्ट्र के जैसे विकासित करना है.इस क्षेत्र में हमारे कुछ अनुभव हैं. हम बहु कुछ कर सके. इस लियेसन् 1999 को हमारे सामने खड़े होनेवाले समस्याओं के भी हल कर सकेंगे.

1999 आज़रबैजान में बड़े पैमाने पर आर्थिक सुधार लागू किये जायेंगे.हम निजीकरण कार्यक्रम के नये दौर शुरू कर रहे हैं. उद्देश्यों में से एक अनेक सुधार, सरकारी सुधार, राष्ट्रीय अंग में सुधार लागू करना है.

इन सब का एक ही ईरादा है - आज़रबैजान में लोकतंत्रीयता का पालन करना है और हम इस दिशा में चल रहे हैं और चलेंगे.

मेरे सन् 1999 के लिये बड़े विश्वास और बड़ी आशऐं हैं. जारी किये कार्यों के कारण सनि 1999 को आज़रबैजान के लिये ज़्यादा सफलतापूर्वक रहेगा.हम ने काफ़ी कार्यक्रम किये हैं, आजकल भी कर रहे हैं. ये सारे अर्थ-व्यव्स्था में स्थिरता स्थापित करने के लिये किये जाते हैं. क्योंकि जैसे मैं ने पहला बताया था अनेक देशों में संकट आज़रबैजान के लिये भी ख़तरा ले आयेंगे.

आज़रबैजान स्वतंत्र,मुक्त देश है. कठिनाई के बावजूद हमारी जनता आराम से और स्वतंत्र रहतै हैं. इस में वे अपनी जातीय आध्यात्मिक्ता जातीय परंपराओं पर आधार करते है.

सन् 1999 को आज़रबैजान की एकजूटता और एकता ौर विकासित होंगी. पता है कि विश्व आज़रबैजानी की एकजूटता के बारे में निर्णय पहली बार सन 1991 के दिसंबर में नाख़चेवान में पास किया गया था. पिछले सालों में हम ने इस प्रक्रिया की तेज़ी की है और सने 1998 के पूर्वेला में हम ने आज़रबैजानीयों की एकजूटता के बारे में पक्की दास्तावेजें तैयर की हैं.यह सारी दुनिया में फ़ैलाई गई थी.

विश्व आज़रबैजानीयों की ज़्यादातर एकजूटता पाने के लियेमैं आज उन लोगों को अपील कर रहा हूँ. हम किसी दूसरे देश के अंदरूनी मामलाओं में दख़ल नहीं देते हैं.पर हमारा लिये हरेक आज़रबैजानी, किसी भी देश में रहनेवाला हमारा देश्बंधु

प्यारा है. हम उन के अदिकार की रक्षा करने केलिये प्रयत्न करते हैं, यही कोशिश करते हैँ कि उन में अपनी जनताके प्यार और एकजूटता उत्पन्न करें. इस क्षेत्र में किये गये कामों से आखिरी सालों में आज़रबैजानीयों की और घनिष्ठा उत्पन्न हो गई,वे कराब हो गये.यह कहा जा सकता है कि यह आज़रबैजानी जनता के इतिहास में नयी दौर है.उसका अच्छा भविष्य है.मेरी इस भविष्य में बडञी आशाऐं हैं.

प्यारे दोस्तो, सो लन् 1999 हमारे लिये बहुत फलदायक रहेगा. मुझे इस पर विश्वास है और इस विश्वास से मैं आप को करता हूँ.मैं आप को बधाई दे रहा हूँ.

सब से पहले मैं नववर्ष की बधाईयाँ आज़रबैजानी जमीन की रक्षा करनेवाले हमारे सैनिक, औलादों को दे रहा हूँ.

शहीदों को नववर्ष की बधाईयाँ दे रहा हूँ. शहीदों के परिवारों का परवाह हमारे निरंतर परवाह है. आजकल यह हमारे लिये और कीमती है.

मैं कठिन स्थितियों में रहनेवाले, नववर्ष तंबूओं में मनानेवाले, अपने जन्मकी भूमियों से भगाये गये शरर्णार्थियों को नववर्ष की बधाईयाँ दे रहा हूँ. इस साल में मैं ने अनेक तंबूओं का सफ़र किया हूँ और उन लोगों की स्थिति देख ली हूँ वे सचमूच बहुत कठिन स्थितियों में रहते हैं. सामूली आदमी के लिये यह बहुत असहन है. पर अपने धीरज, ढ़ृढता से यह लोग दुनिया को आज़रबैजानी जनता का संकल्प दिखाता है. इन दिनों का खत्म किया जायेगा. लोग तंबू छोड़के अपने जन्म के मकानों पर वापस जायेंगे, नये घर, इमारतें बनी जायेंगी, आज़रबैजान की क्षेत्रीय अखंडता का पालन किया जायेगा. लेकिन हमारे तंबूओं में कठिन स्थितियों में रहनेवाले देशबंधु, भाई और बहगें, आज़रबैजान के इतिहास में बहुत लायक़ लोग के जैसे रहेंगे.

तंबू में रहनेवाले हरेक परिवार को मैं खूश कामनाऐं करता हूँ. आज मौद्रिक कठिनाई में रहनेवाले हरेक परिवार को खूशी दिला रहा हूँ. मैं आप के साथ हूँ. अगर अवसर मिलतातो मैं अभी आप के साथ तंबू होता. पर आप जानते हैं कि मुझे इसी समारोह के दिन भी, हमारे राष्ट्र के लिये बहुत उत्तरदायित्व दिन अपने पद में होना चाहिये. मैं एक बार आज़रबैजान के सारे नागरिकों को हार्दिक बधाई देता हूँ.

हरेक संसार के आज़रबैजानी को नववर्ष की बधाईयां दे रहा हूँ.सब को स्वास्थ्य, ख़ूशी, नयी सफलताऐं की कामनाएं करता हूँ.

नववर्ष मुबारक हो.