आज़रबैजान गणराज्य के राष्ट्रपति हैदर अलीयेव द्वारा बीबीसी रेडियो के संवाददाता को दिया गया इंटर्व्यू, 20 मई 1999


प्रश्न - राष्ट्रपति महोदय, कृपया मेरी ओर से बधाई स्वीकार करें। यह दोहरी बधाई है। इसलिए कि आप भाग्य की नई परीक्षा में सफल होकर निकले हैं। दूसरे यह कि टर्की में आपको मुस्तफ़ा कमाल अतातुर्क अन्तरराष्ट्रीय शान्ति पुरस्कार प्राप्त होने वाला है। इस पुरस्कार को कब ग्रहण करेंगे?

उत्तर - शुक्रिया। बधाई देने के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूँ।

मैं टर्की के लिए आज रवाना हो रहा हूँ। टर्की के कार्यक्रम के अनुसार तथा वहाँ पर पारित अधिनियम के अनुसार मुस्तफ़ा कमाल अतातुर्क अन्तरराष्ट्रीय शान्ति पुरस्कार 19 मई को प्रदान किया जाता है क्योंकि इसी तारीख को मुस्तफ़ा कमाल अतातुर्क का समसून से प्रयाण और उनका संघर्ष आरम्भ हुआ था। यह उत्सव का दिन है। परन्तु मैं उस दिन पहुँच नहीं पाया। लगता है कि पुरस्कार प्रदान करने के लिए अब कोई और दिन निश्चित किया जाएगा। मुख्य बात है - इस पुरस्कार के योग्य सिद्ध होना। पुरस्कार किस दिन मिलता है - यह उतना महत्वपूर्ण नहीं है।

प्रश्न - राष्ट्रपति महोदय, अमेरिका में राबर्ट कचार्यान से आपकी मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात के बाद आर्मेनिया के राष्ट्रपति ने वाशिंगटन में हमारे संवाददाता से कहा था कि

कुल मिला कर यह मुलाकात बहुत प्रभावशाली रही थी क्योंकि उसके बाद से वह राष्ट्रपति हैदर अलीयेव को ज्यादा अच्छी तरह से समझने लगे हैं। आपने इस मुलाकात का क्या निष्कर्ष निकाला है?

उत्तर - मैं भी इस मुलाकात को महत्वपूर्ण और प्रभावशाली मानता हूँ। मेरा भी यही विचार है।

सन् 1994 में राबर्ट कचार्यान के साथ मेरी मुलाकात कई बार हुई थी। आर्मेनिया का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उनके साथ दो बार हमारी मुलाकात मास्को में हुई थी। पर वाशिंगटन में हुई मुलाकात अधिक प्रभावशाली रही। शायद इसलिए कि उन्होंने मुझे ज़्यादा अच्छी तरह जाना और मैंने भी उन्हें ज़्यादा अच्छी तरह पहचाना। अर्थात् पहचानने की संभावना मेरे पास है और इससे यह आशा मन में बैठती है कि आपसी बातचीत में हम निश्चित रूप से आगे बढ़ सकते हैं।

प्रश्न - राष्ट्रपति महोदय, आपके बाकू छोड़ने के बाद से आज़रबैजान में कुछ हद तक सत्ता में खालीपन आ गया है। कहने का मतलब यह है कि यद्यपि आप देश के बाहर रह रहे हैं और, निश्चय ही, मेरा विश्वास है कि आप देश की सारी समस्याओं पर विचार करते रहते हैं, परन्तु हमारे श्रोता, अन्य बहुत सारे लोग तथा बाकू विशेषज्ञ ऐसा महसूस करते हैं और इसलिए ऐसा कहते हैं कि यदि राष्ट्रपति ने, संविधान के अनुसार, अपने कुछ कर्तव्यों को किसी को सौंप दिया होता तो इससे आज़रबैजान की राजनीतिक परिस्थिति के सुधरने में और उसके प्रभावशाली विकास में मदद मिलती।

उत्तर - आपके शब्द - मुझे नहीं पता कि ये आपके शब्द हैं या कि आपके श्रोताओं के - त्रुटिपूर्ण हैं। आज़रबैजान में सत्ता का खालीपन बिल्कुल भी नहीं है। सत्ता अपने स्थान पर बनी हुई है।

अमेरिका की मेरी यात्रा सरकारी काम से थी। एक हफ्ते से अधिक समय से सरकारी कामों में व्यस्त रहा। उसके बाद सिर्फ एक दिन के लिए, ऑपरेशन के दौरान, मेरा बाकू के साथ, आज़रबैजान के साथ सम्पर्क नहीं रहा था। अन्यथा टेलीफोन के द्वारा मेरा सम्पर्क वहाँ काम में लगे लोगों के साथ लगातार बना हुआ था। आवश्यक विषयों पर वे मेरे साथ परामर्श करते रहते थे और मैं उन्हें आवश्यक निर्देश देता रहता था।

मैं यह भी बताना चाहता हूँ कि 1993 के बाद से अर्थात् जब से मैं आज़रबैजान का नेतृत्व कर रहा हूँ मैं कभी भी इतने लम्बे समय के लिए अपने देश से दूर नहीं रहा हूँ। फिर भी यह कहना होगा कि यह मेरे लिए और हमारे देश के लिए भी एक परीक्षा जैसी थी। इसका मतलब यह है कि मैं सम्भवतः और अधिक समय तक भी देश के बाहर रह सकता हूँ। हमारी सत्ता पूरी तरह परिपक्व हो चुकी है। हर कोई अपना-अपना काम कर रहा है, अपने-अपने काम में लगा हुआ है और मैं यह सकता हूँ कि इस एक महीने में आज़रबैजान में किसी भी क्षेत्र में कोई ढीलापन नहीं आया है।

मैं प्रतिदिन मिल्ली मजलिस के अध्यक्ष, प्रधान मन्त्री, राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख, बहुत सारे मन्त्रियों और बाकू नगर की कार्यपालिका के साथ टेलीफोन सम्पर्क बनाए हुए हूँ। वे सब मुझे रिपोर्ट देते रहते हैं और बताते हैं कि सारा काम ठीक चल रहा है। उनकी रिपोर्टों तथा अन्य सूत्रों से प्राप्त होने वाली सूचनाओं के आधार पर मैं यह मान सकता हूँ कि यही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है। कहने का मतलब यह है कि आज़रबैजान में स्थिरता, पक्की सामाजिक-राजनीतिक स्थिरता स्थापित हो चुकी है जिसे हिलाया और बदला नहीं जा सकता है। मेरी यह बीमारी मेरी निजी बीमारी ही नहीं थी, यह हमारे सामान्य राजकीय कार्य की परीक्षा की एक घड़ी भी थी जिसमें हम सम्मान के साथ खरे उतरे हैं।

संवाददाता - बहुत बढ़िया। राष्ट्रपति महोदय, मैं आपका धन्यवाद करता हूँ।

हैदर अलीयेव - शुक्रिया। मैं भी आपका धन्यवाद करता हूँ।

(समाचार-पत्र "बकीन्स्की रबोची", 25 मई 1999)