आज़रबैजान प्रजातंत्र के राष्ट्रपति हैदर अलीयेव के युरॉप में सुरक्षा और सहयोग संघठन (OSCE) के मिंस्क ग्रूप के सह-अध्यक्ष रुडॉल्फ पेरीना के साथ बातचीत सेदस्तावेज पर ऐतिहासिक सुचना (राष्ट्रपति भवन, 25 अक्तूबर 2001)


संयुक्त राष्ट्र अमरीका के युरॉप में सुरक्षा और सहयोग संघठन (OSCE) के मिंस्क ग्रूप में सह-अध्यक्ष, जो आर्मिनियाई-आज़रबैजानी, पहाड़ी कराबाग़ के जगड़े के हल में मध्यस्थ के रूप में काम करता है, बदल किया गया था। की-वेस्ट में 3-7 अप्रेल 2001 में बातचीत के कुछ महीने बाद अमरीकीसह-अध्यक्ष केड़ी कवानो को संयुक्त राष्ट्र अमरीका के मॉल्डोवो में भूतपूर्व राजदूत रुडॉल्फ पेरीना ने बदल लिया था।

पेरीना सन् 2001 के अक्तूबर में क्षेत्र से परिचाय होने शूरु करने के साथ उसी महीने के 25 को आज़रबैजान प्रजातंत्र के राष्ट्रपति हैदर अलीयेव से मिला था। वह आज़रबैजान की राजधानी बाकु में आर्मिनिया की यात्रा करने के बाद आया था।

संयुक्त राष्ट्र अमरीका के राजदूत की हैदर अलीयेव के साथ बातचीत के विषय 11 सितंबर में अमरीका के विरूध हुई आतंकवादी घटनाऐं, उनकी अंतर्राष्ट्रीय स्थिति पर प्रभाव और पहाड़ी कराबाग़ के जगड़े का हल थे। अमरीका पर मारे गये हमलों के बाद तुरंत मिंस्क ग्रूप के नये सह-अध्यक्ष की नियुक्ति और उसकी क्षेत्र में यात्रा को हैदर अलीयेव ने वॉशिंग्टॉन के पहाड़ी कराबाग़ के जगड़े के हल के लिये ढृढ ना होनेवाले ध्यान की निशानी की तरह मुल्यंकन किया था।

बातचीत के दौरान रुडॉल्फ पेरीना ने घोषणा की है कि 11 सितंबर के हम्लाओं के बाद अन्याय फ्रीडॉम सापॉर्ट ऐक्ट के 907वीं अमेंडमेंट (907th amendment to Freedom Support Act) को रोकने के लिये अवसर मिल गया था। 11 सितंबर के हमलाओं के बाद आज़रबैजान अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी नेटवॉर्क के विरोध बने हुए गुटबंदी में सक्रिय रूप से भाग लेने लगा। 25 जनवारी 2002 को अमरीका के सरकार ने आज़रबैजान को सरकारी स्तर पर सहायता देने को मना करनेवाले इस अमेंडमेंट को अस्थाई रूप से रोकने के बारे में फैसला किया था।

उस ने नॉट किया था कि पहाड़ी कराबाग़ के जगड़े के हल में आज़रबैजान के राष्ट्रपति की निजी इच्छा बड़ा महत्व रखती है।

राजदूत से बातचीत करके हैदर अलीयेव ने बताया था कि पहाड़ी कराबाग़ के जगड़े के हल करने की कोशिश में एक बात का बड़ा महत्व है कि आक्रामणकारी पार्थक्यवाद और अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के बीच में कोई फ़र्क़ रखना ना चाहिये। उन्हों ने राजदूत को यह भी कहा था कि आजकाल एक बड़ा ख़तरा बना हुआ आतंकवाद अपने आरंभ ऐसी जगड़ों, पहाड़ी कराबाग़ की तरह जगड़ों से लेता है।

मिंस्क ग्रूप में सह-अध्यक्षता के दैरान रुडॉल्फ पेरीना ने कुछ विरोधात्सक घोषनाऐं की थी। सन् 2002 के फर्वारी में अमरीका के आर्मिनियाई समाजों से मिलते हुऐ उस ने ऐसी बातें की थी जिन में वह पहाड़ी कराबाग़ का आज़रबैजान का भाग मान्ना ना चाहा। पर उस साल के अप्रेल में आज़रबैजानी संवाद्दाता से बातचात में उस ने बताया था कि संयुक्त राष्ट्र अमरीका पहाड़ी कराबाग़ की आज़ादी नहीं मानता और इस क्षेत्र को आज़रबैजान का संघटक भाग समझता है।

एको आफ़ मोस्को रेडियो को भेंट देते हुए सन् 2002 के दिसंबर में रुडॉल्फ पेरीना ने घेषणा किया था कि पुराने सोवियत संघ के क्षेत्र में होनेवाले झगड़ों में से संसार के समाज अबख़ाजिया को जोर्जिया का क्षेत्र और ड्नेसट्र को मॉलडोवा का क्षेत्र मानते हैं लेकिन पहाड़ी कराबाग़ के समस्या में स्थिति दुसरी है।

रुडॉल्फ पेरीना के मिंस्क ग्रूप में सह-अध्यक्ष के रूप में काम के दौरान सन् 2001-2004 में आर्मिनिया और आज़रबैजान के विदेश मंत्रों की और राष्ट्रपतियों के निजी प्रतिनिधियों की मुलाकातें प्रबंध की गई थीं, जो प्रेग प्रॉसेस कहलाता है। फिर भी उसी वकत झगड़े के क्षेत्र में गोलाबारी रोकने के नित्यक्रम का उल्लंघन बढ़ती गई। सन् 2004 की जुलाई में आज़रबैजान ने इस समस्या के संबंध संयुक्त राष्ट्र संगठन के सुराक्षा परिषद में अपील करके आर्मिनिया पर आरोप लगाया।

रुडॉल्फ पेरीना के सह-अध्यक्ष के रूप में काम के दौरान सन् 2002 के 14 ओगस्त में हैदर अलीयेव और रॉबेर्ट कॉचार्यान के बीच आख़िरी मुलाक़ात आज़रबैजानी- आर्मिनियाई सीमा पर, नाखीचेवान के क्षेत्र में हुई।

सन् 2004 के अप्रेल में पेरीना को स्टिवेन मन ने बदल लिया था।

पेरीना से आख़िरी मुलाक़ात में हैदर अलीयेव ने बताया था कि कुछ विरोधात्सक राय हैं, जो बाद में पेरीना ने पहाड़ी कराबाग़ के समस्या के संबंध देगा। आजकल कुछ लोग आक्रामणकारी पार्थक्यवाद और अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के बीच में फ़र्क़ रखने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ये एक दुसरे के साथ संबंधित है। इस लिये इस दौर में ताक़तें ज़्यादा मज़बुत करनी चाहिये। अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के विरूध आम संघर्ष करना है।

 
यह ऐतिहासिक सुचना सन् 2006 के 28 मर्च में तैयार किया गया था।