प्रिय देशवासियो, सम्मानित आज़रबैजानी नागरिको,
इन दिनों में मेरे आज़रबैजान प्रजातंत्र की अध्यक्षता पर आने से 34 वर्ष और स्वतंत्र आज़रबैजान के राष्ट्रपति होने से 10 साल पूरा होते है. इन वर्षों में एक आज़रबैजानी के जैसे, आज़रबैजान प्रजातंत्र के नागरिक के जैसे और एक अध्यक्ष, राष्ट्रपति के जैसे मेरे जीवन का अर्थ आप की , आज़रबैजानी जनता की सेवा करने में था, जिस को मैं जीवन से ज़्यादा पेयार करताहूँ, और हमारे देश के राज्यत्व, अर्थिक, राजनीतिक आध्यात्मिक विकास में था. इस रास्ते में मैं अपने सारे बल और बस सिर्फ़ मेरी बुदेधिमान और अभारी जनता से प्राप्त करता रहा.सब से कठिन और जटिल स्थितियों में मैं सिर्फ़ अपनी जनता का अवलंबन करता रहा.
आज़रबैजानी जनता ने संसारके प्रगतिशील जनताओं में उचित स्थान प्राप्त किया हैं. आजकल सब को इसकाधनी आध्यात्मिक जगत, विश्व-संस्कृति की निधी में योग्य योग-दान, विश्व सभ्यता की निधी को प्राप्त करने की योग्यता पता है.आज किसी के लिये आश्चर्य की बात नहीं है कि अपने श्रम, प्रतिभा के कारण आज़रबैजानी धीरे-धीरे तीव्र से सारे क्षेत्रों में विश्व जातियों के परिवार में समाकलन करते हैं.
आजकल हमारा स्वतंत्र देश संसार के दूसरे देशों के प्रगतिशील अनुभव और निधी प्रयोग करके विकासित होता जा रहा है. लोकतंत्रीय समाज के सिद्धांतों, विधिक राष्ट्र, व्यक्ति और नागकि के अधिकारों की सर्वोच्चता, राजनैतिक बहुविचार पर आधार करके आज़रबैजान युरोप और विश्व के सब से प्रगतिशील, शक्तिशाली राष्ट्रों के साथ-साथ अपने कार्य चलाता है.हमारे देश ने विश्व के अंतर्राष्ट्रीयसमाज में येग्यजगह प्राप्त की है.आजकल संसार के क्षेत्र में और हमारेआस पास विदेश के मुख्य सामरिक और महतवपूर्ण समस्या हमारे मत और हितों के बग़ैरहल न किये जाते हैं.
हमें जानते हैं, हमें मानते हैं, हम से मुख्य समस्याओं में हमारे विचार भी मानते हैं.
आज़रबैजान का आर्थिक जीवन बदल रहा है, पुनर्जीवित होता है और उच्च तीव्र से विकास होता जा रहा है, हर साल से देश के अर्थ-व्यव्स्था में अंदरूनी और विदेशी पूँजी बढ़ती जाती है, कृषि क्षेत्र, खाद्य और हलका उद्योग की आधुनीकरण की जाती है. अर्थ-व्यव्स्था में तेल से न संबंधित क्षेत्रों का भाग बढ़ता जाता है, ऊँचे तंख्वाह वाले नये और नये काम कूले जाते हैं.ये सब सन् 1994 से लेकर चालू की गई नयी तेल सामरिकी और आर्थिक विकास की सामरिकी के परिणाम हैं. मुझे विश्वास है कि अगर हम भविष्य में भी यही नीति चला देंगे तो आनेवाले कुछ सालों में आज़रबैजान में एक भी बेकार और गरीब लोग नहीं रहेगा. तंख्वाह, पेंशन और लोगों की कुल कमाई बड़ी गति से बढ़ जायेंगी. आज़रबैजान राष्ट्र, हमारे बीस्नेसमेन सब से दीर्घकालिक और लाभदायक प्रॉजेक्टों में भाग ले सकेंगे, केवल आज़रबैजान में नहीं, विदेश में भी पूँजी लगा सकेंगे.
हमारा देश धीरे-धीरे अपनी प्रिक्षा-क्षमता, सैनिक शाक्ति बढ़ा रहा है. हमारी जातीय सेना प्रगतिशील अनुभव और टेक्नोलॉजी साख रही है,जवान लोग ख़ूशी से सेना में भरती हो जाते हैं.
ये सब आसानी से नहीं पाये गये. गुजरे हुए काल में ने देश के अंदर और बाहर से खतरनाक प्रतिक्रिया, उत्तेजन और आज़रबैजान के विरोध दूसरे एकशनों को रोक सके.आप को इस के बारे में लही मालूम है.
आज़रबैजान की अध्यक्षता की दुलमुलता के कारण आर्मेनियाई अलगवादों से पहाड़ी कराबाग़ में सन 1998 को शुरू की गयी दुःसाहसपूर्ण पृथकतावाद सही समय पर रूकी नहीं की गयी थी. आर्मेनियाई सेना ने हमारे प्रजातंत्र में 1990-93 के वर्षों में मौजूद राजनैतिक संकट और शासन के संकट से, आशंति से प्रयोग करके आज़रबैजानी भूमी पर कब़्जा करके हमारे दस लाख से ज़्यादा देशवासियों को शरणार्थी बनवा दिये.प्रजातंत्र के अंदर लोग अपस में साशस्त्र टकराव, प्रतिद्वंद्विता के लिये भड़काया जाते थे, हमारे देश और राज्यत्व की नष्टी के लिये बड़ी कोशिशें लगाई जाती थीं. हम ये सब टाल कर सके. लेकिन हम आशंति के दौरान खो दी गई श्रेत्रीय अखंडता का समस्या, शरणार्थीयों को अपनी मातृभूमिक क्षेत्रों को वापस भेजवाना के समस्या आभी तक हल न कर सके.मुझे विश्वास है कि हम इसी समस्या का भी हल आवश्यक करेंगे.
इस के बावजूद हमारी जनता और राष्ट्र के लिये महत्वपूर्ण और भाग्य वाले
समस्याओं का हल करने में सफलता मिली थी.
सब से पहले हम सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता, स्थापित कर सके, जो हमारे राज्यत्व का आधार बनाते है, जातीय एकता और अधिकार के सर्वोच्चता पर आधार किया गया नागरिक समाज बना दिया है.
दूसरे. देश की अर्थ- व्यव्स्था का पुनर्निर्माण करके उसको विकास के रास्ते पर ले आये, जो हरेक राष्ट्र का, उसकी अस्तित्व का उद्देश्य है.
तिसरे, हम सारे संरचनावाला व्यक्तिशाली, लोकतंत्रीय राष्ट्र बना सके, जो आज़रबैजानी जनता की इच्छा और इरादाका अभिव्यजना है.उसकी स्वतंत्रता की ढ़ृढता का पालन कर सके.
सिर्फ स्वतंत्र राष्ट्र, जिसके पास जातीय एकता, राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता तेज़ गति से विकास करनेवाला अर्थ–व्यव्स्था, ढ़ृढ राष्ट्रीय संरचनाऐं हैं , जो लोकतंत्रीय और नागरिक समाज पर आधार करता है, सारे समस्याओं का, क्षेत्रीय अखंडता के समस्या हल कत सकता है. यकीन है कि ऐसा ही होगा.
आज़रबैजान के प्रिय नागरिको, मेरी प्रिय जनता,
अपने जीवन के अर्थ-गर्भित 60 साल में मैं अपनी जनता के वर्त्तमान और भविष्य से रहता था.इस दिशा में किये गये काम आप को पता हैं, पर मेरे और कुछ दीर्घालिक योजनाऐं हैं, जो समाप्त नहीं हुईं. मेरा सहत में पैदा हुई कुछ समस्या मुझे इन योजनाओं को समाप्त करने में रूकावट देते हैं.
इस के बावजूद मेरी उम्मीदवारी भी 15 अक्तुबर 2003 के राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने के लिये पेश की गई है. इस चुनाव –अंदोलन में भाग लेने वालेहजारों लोग, मेरी पक्ष में प्रचार-अभियान चलाते हैं.इस अवसर से मैं इन लोगों को, टा आज़रबैजान पार्टी के सारे सदस्यों को, दूसरे सामाजिक और राजनीतिक संगठनों, वैज्ञानिकों, शिक्षा और कला के कार्य-कर्तों को, बुद्धिजीवी के प्रतिनिधियों को और मेरी उम्मीदवारी पेश करने वाले और समर्थन देनेवाली आज़रबैजानी जनता को अपनी गहरी आभारी प्रकट करता हूँ. मुझे विश्वास है कि थोड़ी देर बादअपनी सेहत ठीक करके मैं मातृभूमि वापस आऊँगा और अपनी जनता के साथहो जाऊँगा.लेकिन अभी मैं अपनी उम्मीदवारी इल्हाम अलीयेव की पक्ष में हटा रहा हूँ.आप को अपील करके, मेरे देशवासीयो, मैं इस आनेवाले राष्ट्रपति के चुनाव में मेरे राजनीतिक उत्तराधिकारी, नया आजरबैजान पार्टी का पहला उपाध्यक्ष इल्हाम अलीयेव का समर्थन करने के लिये अपील कर रहा हूँ. वह बहुत बैद्धिक, सक्रिय और प्रवर्त्तक व्यक्ति है, जो वर्त्तमान विश्व नीति और अर्थ-व्यव्स्थ को अच्छा समझनेवाला आदमी है. मैं आप को विश्वास दिला रहा हूँ कि इल्हाम अलीयेव औरनया आज़रबैजान पार्टी भविष्य में भी अपने साथ हमारी जनता के योग्य औलाद को इकट्ठे करके आज़रबैजानी राष्ट्र और जनता की ख़ुशहाली के लिये बहुत कुछ कर देंगे. मुझे विश्वास है कि आप की सहायतासे इल्हाम अलीयेव इन भाग्यवाले समस्याओं को, य़ोजनाओं को पूरा कर सकेगा, जो मैं पूरा न कर सका.
मेरे इस पर भरोसा हैस जैसे कि अपने स्वयं के और मैं उस के भविष्य में बड़ी आशाऐं रखता हूँ.
बड़े सम्मान से
हैदर अलीयेव
आज़रबैजान प्रजातंत्र का राष्ट्रपति