आज़रबैजान प्रजातंत्र के राष्ट्रपति हैदर अलीयेव की प्रजातंत्र महल में शतब्दी के समजौते के पाँचवां वर्षगाँठ के अवसर पर समारोह में भाषण - 20 सितंबर सन् 1999


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आदरणीय श्रीमाती और श्रीमान

सम्मानित अतिथियो, मित्रो,

आप को, सारी आज़रबैजानी जनता को, हमारे नागरिकों को इस त्योहर- शतब्दी के समझौते के पाँचवां वर्षगाँठ के अवसर हार्दिक बधाई देता हूँ।

शतब्दी के समझौते के पाँच साल से इतिहास और उसका कार्यन्वयन, बड़ी सफलताऐं आज़रबैजान में विधिक, लोकतंत्रीय, साभ्य राष्ट्र के निर्माण के प्रक्रिया के परिणाम, आज़रबैजान राष्ट्र के सोच-समझकर चलाई हुई अंदरूनी और विदेश नीति के परिणाम, आज़रबैजान में बाज़ारी अर्थ-व्यवस्था को स्थापित करने के क्षेत्र में हमारे देश के, विश्व के अर्थ-व्यवस्था से मिलवाने के क्षेत्र में और हमारे प्रजातंत्र में विदेशी पूँजियों को आकर्षित करने के लिये लगातर चलाई हुई नीति के परिणाम हैं

ये हमारे सब के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद किये गये हमारे संयुकेत कार्यों के परिमाम हैं।

मैं आज आज़रबैजान अंतर्राष्ट्रीय ऑपेरेशन कंपनी और इसके सारे कर्मचारियों को आज़रबैजान र्राष्ट्रीय तेल कंपनी को, सब तेल मज़दूर और विशेषज्ञों को, सब संस्थाओं को, कारखानों को, सब लोगों को, जो इस समझौते के कार्यान्वयन में काम करते हैं, हार्दिक बधाई देता हूँ और उन सब को अपनी आभारी प्रकट करता हूँ।

मैं यहां पर समय निकलके आये हुए राष्ट्रीय मंडलों को यहां इस समारोह में भाग लेने के लिये और यहां पर बताये गये भले शब्दों और शतब्दी के समझौते को ऊँचा मूल्यांकन के लिये, उसके कार्यान्वयन के लिये हार्दिक धन्यवाद अदा करता हूँ।

हमें इस समारोह में बधाई के पत्र मिले हुए हैं। बधाई के पत्र सा.रा. अमरीका के राष्ट्रपति श्री विल्याम क्लींटॉन, ग्रेट ब्रीटन के प्रधान-मंत्री श्री टॉनी ब्लैर, तुर्की के राष्ट्रपति श्री सुलैमान देमिरेल, जापान के प्रधान-मंत्री श्री ओबोटी, नोर्वे के प्रधान-मंत्री श्री बोंडेरिक, बेल्जियम के प्रधान-मंत्री श्री वेरहोव्स्टाट, हमारे पड़ोस के राष्ट्रों के राष्ट्रपति श्री केरीमॉव, कजाकिस्तान के राष्ट्रपति श्री नजारबायेव, साऊदी अरब के शाह और अनेक दूसरे राजनीतिज्ञों, कार्यकर्त्तों से आये हुए हैँ और ये सब यहां पर सुनाये गये हैं।

इन पत्रों में आजरबैजानी राष्ट्र के प्रति गहरा सम्मान की भावनाऐं और आदर दिखाये हैं। इन बधाई के पत्रों में आजरबैजान के साथ संयुक्त होकर विश्व के बड़ी तेल कंपनियों के काम को ऊँचा मूल्यांकन किया गया । इन बधाई के पत्रों में हमें शुभकामनाऐं और हमारे भविष्य के कार्यों में सपलताऐं प्रकट की गई हैं। मैं इन सब के लिये आभारी हूँ।

आजरबैजान पुराना तेल के क्षेत्र है।आजरबैजान में तेल के औद्योगिक तरीक़े से उत्पादन के 150 साल का इतिहास है। यह इतिहास तीन दौरों में बांटा जा सकता है। तेल उत्पादन के आरंभ से लेकर सन् 1918-1920, दूसरा - इसके बाद और आजरबैजान की स्वतंत्रता तक और तीसरा - आजरबैजान की स्वतंत्रता का दौरान।

इन सारे 150 सालों के दौरान आजरबैजान के तेल उद्योग हमेशा, विकासित होता रहा और सिर्फ आजरबैजान के लिये नहीं, बल्कि विश्व के सारे जनताऔं की सेवा में था। सन् 1918-1920 को आजरबैजान के तेल उद्योग की प्रगति हुई, तेल उद्योग में बड़े वैज्ञानिक-तकनीकल, कार्मचारी क्षमताऐं पैदा हुई। आजरबैजान नये तेल क्षेत्रों का पुराने सोवियत संघ के क्षेत्र में पता करना और इन में काम करने में अपनी सेवाऐं कर रहा ता। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान आजरबैजान में निकाले गये तेल को जेर्मनी फेशिस्म पर जीत पाने में विसेष भूमिका ता। आजरबैजान तेल ऐकडमी बन गया। पुराने सोवियत संघ के क्षेत्र में, रूस में दूसरे बाकू, तीसरा बाकू, चौथा बाकू कहलाये गये क्षेत्रों में दूसरे स्थानें में पहले और आजकल भी आजरबैजानी तेल मजदूर और विशेषज्ञ काम करते हैं। आजरबैजैनी जनता, तेल मजदूर और वैज्ञानिकों की सब से बड़ी सेवा यह है कि 50 साल पहले उनहों ने केस्पियन सागर में धनी तेल और गैस भंडारों को पता किया था। और 50 साल पहले ऑयल रॉक्स में तेल का औद्योगिक उत्पादन शुरू हुआ था। यह दुनुयामें पहली बार हो रहा था।

यहां पर भाषण देनेवाला हमारे ग्रेट ब्रीटन से अतिथि ने नॉट किया था कि व् 30 साल से उत्तर सागर में तेल का उत्पादन करते हैं। हाँ लेकिन आजरबैजान न् केस्पियन सागर में तेल उत्पादन 50 साल पहले आरंभ किया था। इस के बाद हमारे अनुभव सारे दुनिया में फैला गया और आजकल दुनिया में बड़े तेल उद्योग बनाया गया है जहां आधुनिक टेकनॉलॉजी है, जो सागर की गहराईयों से तेल निकाल सकते हैं। केस्पियन सागर में तेल और गैस क्षोत्रों को होना, उनको पता लगाना और आज सारे दुनिया को दिखाना-आजरबैजानी जनता, वैज्ञानिक, तेल मजदूरों की बड़ी सेवाऐं हैं।

इन सब के कारण पाँच साल पहले हम शतब्दी के समजौते पर हस्ताक्षर कर सके। पता है कि आजेरी, चीराग़ और गुनेशली सन् 1970 को पता किये गये थे और वहां पर तेल का उत्पादन शुरू हुआ था। बाद में केस्पियन सागर में दूसरे तेल-गैस भंडार पता किये गये थे, उनके गैस और तेल क्षमताऐं निश्चित किये गये थे। आजरबैजान के तेल मजदूर, भू-वैज्ञानिक, वैज्ञानिक सिर्फ केस्पियन सागर के आजरबैजानी सेक्टर में नहीं बल्कि सारे केस्पियन सागर के क्षेत्र में तेल और गैस भंढार पता लगाये थे। यह तेल उद्योग में काम करनेवाले तेल मजदूर, भू-वैज्ञानिक, वैज्ञानिकों की बड़ी सेवा हैं। हमें आज बडे ध्न्यावद से उनकी याद करना और उन को इस लिये आभारी होना चाहिये।

पांच साल पहले शतब्दी के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, दूसरे केस्पियन सागर के क्षेत्रवाले देश भी अपने सेक्टरों में, केस्पियन सागर में तेल और गैस भंडारों के काम करने लगे। सो, आजरबैजान ने केस्पियन सागर में धनी तेल और गैस भंडार पता किया है, आजरबैजान का केस्पियन सागर बड़े तेल तेल और गैस के उत्पादन में बड़ा भूमिका था। आजरबैजान ने 20वीं शतब्दी के अंत में , 21वीम शतब्दी में प्रवेश करके केस्पियन सागर के ऐनेर्जी धन, रिसोर्स के प्रयोग के लिये आधार डाला है, यह सिर्फ आजरबैजान के लिये नहीं, सारे केस्पियन सागर के आसपास वाले राष्ट्रों के लिये भी लाभदायक था। आज हम इस से गर्व करते है।

इस लिये शतब्दी के समझौता और हमारी तरफ से किये गये दूसरे काम बड़े ऐतिहासिक महत्व हैं, उन के कारण शतब्दी के समझौते का अंतर्राष्ट्रीय महत्व है। इस कारम पांचसाल पहले हस्ताक्षर किया गया समझौते शतब्दी का समझौता कहलाता है।

आज यहां पर इल्हाम अलीयेव के और दूसरे भाषणों में पांच साल के दौरान किये गये कार्यों के बारे में पूरी सूचना दी गई। हम तेल समझौते के परिणाम देख सकते है। आजरबैजान इस से कमाता है। हम तेल का उतपादन करते हैं और इसका निर्यात कतते हैं और तेल निर्यात के लिये दो पाईप-लाईन बनाते हैं, मुख्य पाईप-लाईन भी बनाना चाहते हैं। आज में घोषणा दे रहा हूँ कि आजरबैजानी तेल की, केस्पियन तेल की दुनिया के बाजारों में सपलाई के लिये बाकू-त्बीलीसी-जैहान तेल पाईप-लाईन का निर्माण और चालू होना चाहिये, जिसका बड़ा महत्व है।

हमें पता है कि शतब्दी का समझौता और दूसरे समझौते भी आनानेवाले सालों में, दशकों में आजरबैजान के कितना लाभ देगा। इस के संबंधित होकर यहां पर रक़म सुनाये गये थे। जब शतब्दी के समझौते पर हसेताक्षर हो रहा था , तो कुछ लोग हमें विश्वास न करते थे और डारते थे और ऐसे भी थे, जो साजिसें करते ते। फिर भी उस पर हस्ताक्षर करना, उस को पूरा करना आजरबैजान के लिये कठिन, कठोर था। पर हम सारी परीक्षों से गुजरे. सारी कठिनाईयों दूर कर दी और हमारे खिलाफ किये गये प्रतिरोध को सह कर सके और अपने काम पुरे कर दिये हैं। - सन् 1997 को पहले तेल उत्पादन हुआ।

शतब्दी का समझौता स्वातंत्र आजरबैजान राष्ट्र से बड़ी ताकतों, महादेशों, उनकी तेल कंपनियों द्वारा, दिखाया गया समर्थन के कारण हस्ताक्षर किया गया था। बाद में हमारे साझेदारों, कंपनियों के साथ संयुक्त किये गये कार्यों ने (अंतर्राष्ट्रीय ऑपेरेशन कंपनी में शामिल कंपनियां) सारे दुनिया को एक बार और दिखाया था कि पहले, केस्पियन सागर, उसका आजरबैजानी सेक्टर में धनी तेल और गैस भंडार है और दूसरे, आजरबैजानी राष्ट्र के साथ लम्बे समय के भरोसापूर्ण कार्य किये जा सकते है।

इ न सब के आधार आजरबैजान में किये गये लोकतंत्रीय निर्माण क् प्रक्रिया है। इन का आधार आजरबैजान की सारे दुनिया में लिये खुलाई है। इन सब का आधार पर सन् 1993 के बाद आजरबैजान में लगातर किये गये समाजिक-एतिहासिक स्थीरता है। सिर्फ इन स्थीर हालात में, आजकल स्थीरता में, आजरबैजान में मुक्त जीवन की स्थितियों में विस्व की बड़ी तेल कंपनियां, राष्ट्र आजरबैजान पर विश्वास करके हम से सहयोग करने लगे। इस लिये गुजरे हुए तीन सालों में 18 और समजौतों पर हस्ताक्षर किये गये थे। आज हमारे विश्व की 19 बड़ी कंपनियों के साथ, जो 14 राष्ट्रों से हैं, समजौते हैं। साहसी तौर पर आप को कह सकता हूँ कि ये सब भी इतने क्रमिक रूप से लागू किये जायेंगे, जितने ही शतब्दी के समझौते किया गया था।

आज हमारी तरफ से किये गये काम आजकल और भविष्य के आजरबैजानी के लिये किये जाते हैं।हम चाहते है कि कि हमारे देश हमेसा मुक्त, स्वतंत्र रहे। हम यह कर सके, पर आगे और बहुत कुछ करना पड़ेगा, ताकि स्वतंत्र, आर्थिक. समाजिक स्वतंत्रता का पालन हो जाये।

हम अपने देश विकासित आर्थिक देश बनाना चाहते हैं। हम देश के नागरिकों के लिये खुशहाल जीवन देना चाहते है। हम हमेशा स्वतंत्र राष्ट्र होकर रहना चाहते हैं। ये सारे काम- जो सिर्फ तेल क्षेत्र में नहीं, बल्कि अर्थ-व्यावस्था के, आजरबैजान के जीवन के दूसरे क्षेत्रों में भी किये गये, यही उद्देश्य के लिये किये जाते है। आप के पता है कि हमें दूसरे क्षेत्रों में भी आर्थिक सपलताऐं मिलती हैं। हम आर्थिक गिरीवट को रोक सके, जो सनअ 1995 को मौजूद था। सन् 1996 से आजरबैजानी अर्थ-व्यावस्था में विकास हो रहा है और जी.डी.पी. औद्योगिक, कृषि माल के पैदावार बढ़ते जा रहे हैं, हर साल से बढ़ते है।

सन् 1994 को, आजरबैजान में मौद्रिक स्फिति 1600 प्रतिशत थी। सन् 1997 को हम इस को रोक सके। आजकल स्फिति नहीं है। मनात का मूल्या, हमारे राष्ट्रीय मौद्रिक इकाई का मूल्य बढ़ गया । इन सब के कारण नागरिकों की खुशहाली कल्याण बढ़ गया। आखिरी 3-4 सालों में हमारे नागरिकों का मध्य वेतन तीन गुना बढ़ गया। लेकिन यह काफ़ी नहीं हैं। आज हम सिर्फ प्राप्त की हुई सफलताओं की याद करना चाहते हैं।

आज यहां पर ब हम शतब्दी के समझौते का पांच वां वर्षगांठ मना रहै हैं, तो हमें आजरबैजानी के सारे कोने में सुनते है। मैं सोचता हूँ कि हमें तंबुओं में रहनेवाले प्रिय देशवासी भी सुन रहे हैं, जो अपनी मातृभूमिक जगाहों से भगाये गये है, और आर्मेनियाई सेना के आजरबैजान जमीन पर किये गये कब्जे के परिणाम में शरणर्थि बन गये। ये हमें विश्वास करते हैं, बरदाश्त करते हैं, अभी हमें सुनकर कहते है कि ये सब अच्छी बातें है, पर हम सब अपने मकानों, क्षेत्रों में कब वापस जेयेंगे। मैं कह रहा हूँ कि ये सब काम आजरबैजान की एक राष्ट्र के जैसे ढ़ृढता के लिये जरूरी है। निःसंदेह ये दूसरों समस्यों के हाल में श्री सहायता देगा।

मैं घोषमा दे रहा है कि आर्मेनियाई-आजरबैजानी झगड़े को शांतिपूर्ण रूप से हल कर सकेंगे, अपने मकानें से बगाये गये हमारे देशवासी वापस जेयेंगे. आजरबैजान की क्षेत्रीय अखंडता पूरी हो जायेगी।

सो, आजरबैजान तेल सामरिकी अपने साकारात्मक परिमाम दे रहे हैं । यह सामरिकीसारी दुनिया में मानी गई है और आजरबैजान के मुक्त, स्वतंत्र विकास के आधारों के कारकों में से एक बन गई।

मैं ने कहा कि हमारी तरफ से किये गये काम भविष्य क् लिये हैं। हम हर साल इस काम के अच्छे परिणामों के गवाह हो जायेंगे और हमारे लोग भी इन के महसूस करेंगे। पर हमारा कर्त्तव्य, हमारी आज कल का पीढ़ी का कर्त्तव्य, मेरे राष्ट्रपति के पद पर कर्त्तव्य यह है कि आजरबैजान में राष्ट्रीय निर्माण के लिये, आजरबैजानी राज्यत्व की ढ़ृढता के लिये सब कुछ कर सके, ताकि हमारे देश हमेशा स्वतंत्र हो जाये। हमारा कर्त्तव्य यह है कि आने वाली पीढ़ीयों के मुक्त, कल्याण जीवन के आधार डालते जाये। हम यह काम करते हैं और शतब्दी के समजौते से कमाई पैसै, दूसरे समजौतों से आई हुई कमाई आजरबैजान जनता की भविष्य की पीढ़ीयों के सौभाग्य जीवन की नींव डालते है।

यह हमारे कर्त्तव्य को पूरा करना है।

आजरबैजान शांतिपूर्ण देश है। आजरबैजान देश विदेश, क्षेत्र में विश्व में शांति स्थापित करने के लिये प्रयत्न करता है। इस लिये हम कोकेशिया, विश्व में शांति चाहते हैं। विश्वास है कि हम सांति और आराम पा सकेंगे। हम सब चाहते हैं कि आजरबैजान शांति में, आराम में, कल्याम में रहे.

मैं आजरबैजानी राष्ट्र को, जनता के, जाति को आनेवाली सपलताऔं कि कमनाऐं करता हूँ। मैं बिलकुल विश्वास्त हूँ कि हम आजकल, जो कुछ करते हैं, आजरबैजान को आगे ले जायेंगे और उसका झंडा ऊँचा कर देंगे।