आज़रबैजान प्रजातंत्र के राष्ट्रपति हैदर अलीयेव का प्रजातंत्र महल में केस्पियन सागर के आज़रबैजानी क्षेत्र में पहले तेल के विदेशी कंपनियों के साथ संयुक्त होकर उत्पादन के अवसर पर समारोह में भाषण - 17 नवंबर 1997

आदरणीय श्रीमाती और श्रीमान,

आदरणीय अतिथियो, प्रिय मित्रो,

20 सितंबर सन् 1994 को आजरबैजान के इतिहास में ऐतिहासिक घटना हुई। 7 विदेशी राष्ट्रों से 11 बड़ी तेल कंपनियों ने कंसोर्टियुम बनाया और आजरबैजन प्रजातंत्र, आजरबैजान राष्ट्रीय तेल कंपनी के साथ संयुक्त होकर आजेरी, चिराग़, और केस्पियन सागर के आज़रबैजानी क्षेत्र में से गुनेश्ली भंडार की गहराईयों में तेल उत्पादन के बारे में समझौता किया है। इस समझौता का नाम शतब्दी का समझौता रखा गया है। उसकी दुनिया में बहुत बातें हुईं। इस समझौते के कार्यान्वयन के लिये आजरबैजान अंतर्राष्ट्रीय ऑपेरेशन कंपनी बनाया गया था।

इस समझौते, कंसोर्टियुम में शामिल हुई कंपनियों और देशों के नाम पता हैं। यहां पर इन देशों के झंडे लटकाये गये और यहां पर उन कंपनियों के झंडे भी नजर आते हैं। ये सा.रा.अमरीका से आमॉको, युनॉकल, पेन्जॉयल, एकसॉन, ग्रेट ब्रीटन से बी.पी. रेमको, रूस से लुकॉयल, नॉर्वे से स्टाटॉयल, तुर्की से तुर्क पेट्रोल्लरी, साऊदी अरब से डेलता, जपान से इटॉचु है। आजरबैजान राष्ट्रीय तेल कंपनी के साथ उन्हों ने अंतर्राष्ट्रीय ऑपेरेशन कंपनी बनाया है। आजरबैजान अंतर्राष्ट्रीय ऑपेरेशन कंपनी समझौते के अनुसार प्रॉजेक्ट पर काम करने लगा, तीन साल में सारे काम पूरे किये गये, जो कार्यक्रम में दिखाये गये थे। और एक बड़ा प्लेटफार्म बनाया गया, जिसके द्वारा चिराग़ तेल क्षेत्र में से पहला तेल उत्पादन किया गया था।

आज हम यहां पर इस समारोह में इस लिये इकट्ठे हुए है कि तीन सालों में शतब्दी के समझौते पर क्या परिणाम प्राप्त किये गये और इस लिये कि इस समझौते के अनुसार पहले तेल का उत्पादन बड़ी घटना थी।

मैं आप को, आजरबैजानी जनता को, सारे आजरबैजान के नागरिकों को इस ऐतिहासिक और शांदार घटना के मौके पर बधाई देता हूँ। आप को स्वतंत्र आजरबैजान प्रजातंत्र के नाम पर सौभाग्य और खुशी की कामनाऐं करता हूँ।

आजरबैजान में इस अद्भुत घटने को मनाने के लिये आदरणीय अतिथि आये हैं। हमारे अतिथि-यही अतिथि हैं, जो पहले समझौते में शतब्दी के समझौते में शामिल थे। कंपनियों और दोशों के ऊंचे पद के प्रतिनिधि, जिनके ये कंपनियां हैं, जो नये समझौते में, आजरबैजानी केस्पियन सेक्टर के क्षेत्रों में संयुक्त काम करने के लिये बनाये गये कंसोर्टियुम में भाग लेते। मैं आज आजरबैजान के आदर और ध्यान दिखाये हुए अतितियों का स्वागत करता हूँ, जो इस घटने के अवसर पर आजरबैजान में आये हुए इस समारोह में भाग लेते हैं, मैं उन को स्वागतम कहता हूँ।

आजरबैजान पुराने तेल का देश और दुनिया में तेल के देश जैसे मालूम हुआ। मैं आपको कुछ ऐतिहासिक अंकों की याद करना चाहता हूँ। दुनिया में पहली बार आजरबैजान, बाकू में बीबी हैबात में सन् 1847 को पहले तेल का फव्वारा हुआ था।

पहली बार यहां पर तेल को औद्योगिक ढ़ंग से उत्पादन शुरू हुआ था। 19वीं शतब्दी के अंत में -20वीं शतब्दी के शुरू में आजरबैजान दुनिया में सब से बड़ा तेल उत्पादन करनेवाला देश था। 20वीं शतब्दी के शुरू दुनिया तेल उत्पादन के 50 प्रतिशत आजरबैजान, बाकू में निकाला जाता था। 20वीं शतब्दी में आजरबैजान तेल के देश की तरह विकासित हुआ। आजरबैजान की सोवियत संघ, विशेष तौर पर रूस के क्षेत्रों में नये तेल क्षेत्रों को पता लगाने में बड़ी सेवाऐं थीं। यह संयोग से न है कि बड़े तेल क्षेत्र दूसरा बाकू, तीसरा बाकू, चौथा बाकू कहलाये गये थे।

दुसरे विश्व युद्ध में जेर्मनी फेशिस्म के साथ संघर्ष में सोवियत संघ के प्रयोग किये हुए तेल का 75 प्रतिशत आजरबैजान में निकाले जाते थे। आज हम बड़े गर्व की भवनाओं से कह सकते हैं कि आजरबैजान, आजरबैजानी जनता, तेल मजदूर और विशेषज्ञों की जेर्मनी फेशिस्म पर जीत पाने में बड़ी सेवाऐं हैं।

आजरबेजान तेल को औद्योगिक ढ़ंग से उत्पादन करने में दुनिया में आगे है और सागर में तेल निकालने के क्षेत्र में, वहां पर पहले कदम उठाया हुआ देश है। केस्पियन सागर में, आनुश्रुत जगह में, जिसका नाम ऑयल रॉक्स(तेल पत्थर) है, 1949 के नवंबर में, इस महीने में 48 साल पहले तेल-कूप का फव्वारा हुआ। इस तरीके से केस्पियन सागर में तेल उद्योग का विकास हुआ।

आजरबेजान के तेल-मजदूरों और विशेषज्ञों केस्पियन सागर के मिनेराल रिसोर्स को सागर में पता लगाने में और तेल-गैस क्षेत्रों में बड़ी सेवाऐं हैं और ये हमेशा आगे थे।

आज मैं साहसी तौर पर कह सकता हूँ कि केस्पियन सागर के आधिकांश क्षेत्र आजरबैजान के तेल मजदूर और विश्षज्ञों द्वारा पता लगाये गये थे।

आजरबैजानी तेल मजदूर और विश्षज्ञों ने केस्पियन सागर में तेल उत्पादन में बड़ी सफलताऐं प्राप्त की हैं। सन 1949 से लेकर आज तक आजरबैजान में केस्पियन सागर में 42 करोड़ टॉन तेल, 320 अरब क्युबीक मिटर गैस निकाले गये थे। ऑयल रॉक्स में दशकों, किलोमिट्रों में सागर में रास्ते बनाये गये, कुछ तेल भंडार के क्षेत्रों में तेल उत्पादन के लिये प्लेटफार्म बनाये गये थे।

आजरबैजानी तेल मजदूर और विश्षज्ञों ने कठिन और कठोर स्थितियों में केस्पियन सागर में काम करते हुए वीरता दिखाई है। और केस्पियन में निरंतर तेल उत्पादन में बहुत कुछ किये हैं। इन सब ने वैज्ञानिक-तकनीकल, सामान-टेक्नीकल और बड़ी टेक्नीकल क्षमतेऐं, जो पिछले सालों में आजरबैजान के तेल क्षेत्रों में किये गये थे। स्वतंत्र आजरबैजान के तेल उद्योग में कामों को पूरे करने के लिये अच्छे आधार बनाये थे।

इस लिये हमारे पास होनेवाले बड़े अनुभव के कारण, हमारे पास होनेवाले बड़े मेटेरियल-तकनीकल आधार के कारण आजरबैजान केस्पियन सागर की गहराईयों में तेल निकालने के काम शुरू किया है। आज पहले दौर में आजरबैजान विश्व की बड़ी कंपनियों के साथ संयुक्त काम करते है। इस के परिणाम पर सन् 1994 के सितंबर को पहले तेल समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। इस के परिणाम पर बाद में तीन साल के दौरान केस्पियन सागर के आजरबैजानी सेक्टर में विदेशी तेल कंपनियों के साथ संयुक्त तेल और गैस निकालने के बार में नये समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये थे।

पहले समझौते के बाद तेल-गैस के भंडार के 8 और क्षेत्रों पर संयुक्त काम के बारे में समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये थे। आजकल केस्पियन सागर के आजरबैजानी सेक्टर में काम के बारे में समझौतों पर 12 देशों से 20 बड़ी कंपनियां भाग लेती हैं।

सो, केस्पियन सागर के क्षेत्र में तेल भंडार के क्षेत्रों पर काम करने में पहले क़दम उठाये हुए देश होकर आजरबैजान आजकल 20वीं शतब्दी के अंत-21वीं शतब्दी के शुरू में आजरबैजान और केस्पियन सागर के क्षेत्रवाले देशों के केस्पियन सागर के पावर रिसोर्स के प्रयोग पर और विश्व अर्थ व्यवस्था के लिये प्रयोग में महत्वपूर्ण पहलकदमियों आगे पेश की हैं। उन के परिणाम पर आखिरी तीन सालों में बड़े काम किये गये।

मैं बड़ी खुशी और संतोषी से कह सकता हूँ कि सारी दुनिया में केस्पियन सागर के लिये बड़ी रूचि पैदा होती है। हमें केस्पियन सागर के आजरबैजानी सेक्टर में काम के प्रशनों से अनेक कंपनियां अनुरोध करते हैं। बड़ी संतोषी से कह सकता हूँ कि दूसरे केस्पियन सागर के क्षेत्रवाले देश-रूस, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ईरान उनके सेक्टरों में काम करने लगे। विश्वास है कि यह कार्य भी सफलतापूर्वक रहेगा। क्योंकि केस्पियन सागर के पावर रिसोर्स मानव-जाति के लिये बहुत जरूरी है, मानव-जाति की उन्नति के लिये प्रयोग किये जायेंगे।

आज हमें यहां पर इकट्ठे करनेवाली घटना पहले तेल के उत्पादन से संबंधित हैं। पर आज आजरबैजान प्रजातंत्र का बड़ा समारोह है-स्वतंत्र आजरबैजान प्रजातंत्र के पहले लोकतंत्रीय संविधन की प्राप्ती का दूसरा वर्षगाँठ है।

मैं आप को, आजरबैजान के सारे नागरिकों को इस त्योहर के अवसर पर - आजरबैजान प्रजातंत्र के संविधन की प्राप्ती का दिवस पर आप सब को इस संविधन के आधार पर लोकतंत्रीय, विधिक, साभ्य राष्ट्र के निर्माण में सफलताओं का, शुभकमनाऐं कर रहा हूँ।

आज आजरबैजान के लिये महत्वपूर्ण दिन-संविधन की प्राप्ती का दिन है। और इस के साथ तीन सालों के दौरान केस्पियन सागर के तेल भंडार क्षेत्रों में किये गये कार्यों के परिणाम पर मनाया गया इस समारोह का दिन है। ये सब एक दूसरे से संबंधित है। आजरबैजान की स्वतंत्रता के घोषणा के बाद, जब जनता अपने धन का मालिक हो गई और इस को अपनी मरजी से प्रयोग करने के लिये संभावना मिली और आजरबैजावन स्वतंत्र राष्ट्र होकर शतब्दी का समझौता जैसे एक समझौते पर अनेक देशों की कंपनियों के साथ हस्ताक्षर कर सका।

स्वतंत्र आजरबैजावन ने अपने पहले स्वतंत्र संविधन को प्राप्त किया था। आजरबैजान में लोकतंत्रीय राष्ट्र का निर्माण हो रहा है। ये सब एक दूसरे से बंध है, एक दूसरे का अलावा है।

आज हम यहां पर चिराग़ तेल श्रेत्र में से उत्पादन के मौके पर इकट्ठे हूए हैं। आज हम हैलिकॉप्टर में चिराग़ क्षेत्र में बनाये गये प्लेटफार्म में गये थे और वहां पर किये गये काम से परिचय हो गये, प्लेटफार्म देखे हैं। दर असल में सागर के केंद्र में चमत्कर बनाया गया है।

आजरबैजानियों को सागर में पुल, प्लेटफार्म से आशचर्य में डाला न किये जा सकते हैं। विश्वास है कि हमारे साथ चिराग़ में हैलिकॉप्टर में यात्रा करनेवाले अतिथि इस बात को पुष्ट कर सकते हैं। किनारे से चिराग़ के प्लेटफार्म तक उड़ते हुए हम ने हैलिकॉप्टर से नीचे देखकर केस्पियन सागर में ऑयल रॉक्स में बने हुए बहुत पुल, रिहाईश की इमारतें देखे हैं। ये सब आजरबैजानी जनता ने बनाये, इस लिये हमारे लिये ये आश्चर्य की बात नहीं है। लेकिन तीन साल के दौरान चिराग़ में बने हुए प्लेटफार्म सचमुच एक चमत्कर है, जो इंसान को आश्चर्य में डालता है। क्योंकि वह केस्पियन सागर में बने हुए दूसरे प्लेटफार्म, पुलों से अपने आधुनिक तकनीक, टेक्नॉलोजी, आधुनिक संभावनाओं के लिहाज से विशिष्त हैं। इस प्लेटफार्म को देखनेवाले कोई भी पुलकित होता है। यह एक बड़ा कारखाना जैसे है, मानो एक बड़ा नगर है। वहां पर लोग रहते हैं, काम करते हैं। वहां पर लोगों ने केल का उत्पादन शुरू किया है।

यह काम आर्थिक, राजनीतिक और नौतिक महत्व रखता है। इस का आर्थिक महत्व यह है कि हमारी ओर से आरंभ हुआ काम इस साल में और भविष्य में भी आजरबैजान को, उस के साथ केस्पियन सागर में काम करनेवाली कंपनियों और देशों को बड़ा आर्थिक लाभ पहूँचा देगा। पर इस का नैतिक, राजनीतिक महत्व यह है कि हम वहां पर आधुनिक टेकनॉलोजी प्रयोग करते हैं, कि अनेक देशों से आये हूए सकुशल विशेषज्ञ, इंजीनियर, मजदूर वहां पर आजरबैजानी तेल मजदूरों और विशेषज्ञों के साथ संयुक्त काम करते हैं। यह खुशी की बात है। यह हमारे भविष्य के कार्यों का अच्छा आरंभ है।

तीन सालों में किये गये काम को उच्च मूल्यांकन दिया जा सकता है। चिराग़ के तेल भंडार क्षेत्र में बड़ा प्लेटफार्म बनाया गया है। वहां पर सागर की गहराई 120 मिटर है, उनहों ने 3 हजार मिटर गहराई का तेल कूप खोदा है और इस कूप से तेल निकाला गया है। कार्यक्रम के अनुसार इस प्लेटफार्म में दूसरा कूप भी खोदा जायेगा और बाद में 8 और, कुल वहां पर 24 कूप भी खोदे जायेंगे। इस प्लेटफार्म से प्रतिवर्ष 60 लाख टॉन तेल का उतपादन किया जायेगा।

पर प्लेटफार्म के साथ तीन सालों में किये गये कार्यों के कारण उत्पादन किये गये तेल के निर्यात के लिये मेटेरियल-तकनीकल आधार बनाया गया है। इस प्लेटफार्म से सागर के किनारे तक 176 किलोमिटर लंबाई का तेल पाइप-लाइन बनाया गया और वह चालू हो गया। चिराग़ प्लेटफार्म से निकाले गये तेल इस पाइप-लाइन द्वारा किनारे तक पहूँचाये जा रहे हैं। तेल-कूप से तेल के साथ-साथ गैस भी निकाला जाता है। इस गैस का प्रयोग करने के लिये चिराग़ प्लेटफार्म से ऑयल रोक्स तक 48 किलोमिटर लंबाई का गैस पाइप-लाइन बनाया गया है। यह गैस वहां से सागर के किनारे तक पहूँचा जायेगा और प्रयोग किया जायेगा। निकाले हुए तेल को इकट्ठे करने के लिये और बाहर निर्यात करने के लिये बाकू के नजदीक, सागर के किनारा में संगाचाल में एक बड़ा टर्मिनल बनाया गया है। मतलब यह है कि तेल को किनारे तक पहूँचाना और बांटवाना के लिये आधार बन गया। इस तेल को विश्व बाजारों में निर्यात करने के लिये पाइप-लाइन भी बन गया।

आप को पता है कि एक वक्त हमे ने केस्पियन सागर के आजरबैजानी सेक्टर में से निकाले गये तेल के निर्यात के लिये दो पाइप-लाइन को सोचा था। पहला पाइप-लाइन रूस के नोवोरोसिय्स्क बंदरगाह तक काला सागर तक और दूसरा जोर्जिया के क्षेत्र में से होकर काला सागर के सुपसा बंदरगाह तक जाना था। बड़ी कठिनाईयों के बाद पहले पाइप-लाइन का काम आरंभ हुआ। इस पाइप-लाइन की लंबाई आजरबैजान में 230 किलोमिटर और उसका नोवोरोसिय्स्क तक लंबाई 1400 किलोमिटर है। रूस के क्षेत्र में किये गये कामों के परिणाम पर उत्तर कोकेशिया में रुकावटें को खत्म किया गया था। इस पाइप-लाइन में होनेवाले आजरबैजानी तेल इस साल के 25 अक्तुबर को आजरबैजानी-रूस सीमा को पार किया है। हमें मिली सूचना के अनुसार यह तेल ग्रोज्नी से भी पास हो गया। विश्वास हे कि कुछ देर बाद तेल नोवोरोसिय्स्क बंदरगाह तक पहूच जायोगा। पर हमें आज ख़बर मिली है कि चिराग़ क्षेत्र से निकाला तेल नोवोरोसिय्स्क बंदरगाह तक अगले साल के फरवारी में इस पाइप-लाइन द्वारा पहूँच जायेगा। बात ये है कि ये सारे काम एक ही स्तर पर नियम किया गया हैं।

मेरा पिछले सालों, चरणों का अनुभव का ज्ञान है। कभी-कभी काम का कुछ भाग पूरा किया जाता था, पर दूसरे भाग के पूरे न होने के कारण वह अपने परिणाम न देते थे। पर यहां पर सारे काम एक ही साथ किये जाते है। दूसरा पाइप-लाइन जोर्जिया के क्षेत्र में से होकर बनना चाहिये। आजरबैजान अंतर्राष्ट्रीय ऑपेरेशन कंपनी के अध्यक्ष सूचना दे रही है कि यह पाइप-लाइन अगले साल के सितंबर में तैयार होगा। सो, सिर्फ चीराग क्षेत्र में से नहीं, दूसरे तेल क्षेत्रों में से भी निकाला गया तेल दो विभिन्न दिशाओं द्वारा विश्व बाजारों तक पहूँच जायेगा।

निःसंदेह यह कंसोर्टियुम में शामिल हुई कंपनियों के काम के परिणाम पर तथा उनकी पूँजी के कारण मुमकिन हो गया। अंतर्राष्ट्रीय ऑपेरेशन कंपनी की अध्यक्ष्ता पर इस कंसोर्टियुम के भागीदारों की तरफ से तीन साल के दौरान चलाये गये कार्यें में 1 अरब पूंजी लगाई गई है। यह बहुत शांदार घटना है। शायद 1 अरब डालर कुछ देशों के लिये बड़ा रक़म नहीं है, पर हमारे क्षेत्र, आजरबैजान के लिये तीन साल के दौरान संयुक्त काम में लगाये 1 अरब डालर- बहुत बड़ी और खुशी की घटना है।

सूचना देना चाहता हूँ कि इन सारे कामों ने आजरबैजान में विश्व की अनेक कंपनियों को आकर्षित किया है और यहां पर काम करते हैं। पहले समझौते से संबंधित चलाये गये कामों में विभिन्न देशों से 400 कंपनी भाग लेती है। इन कंपनियों ने इस पूँजी से, जो 1 अरब डालर थी, प्रयोग किया है और लाभ उठाये हैं। यहां पर सा.रा.अमरीका, ग्रेट ब्रीटन कुछ युरोपियन देशों से अनेक कंपनियां मौजूद हैं। संतोषी से कह सकता हूँ कि संयुक्त काम करनेवाले इन कंपनियों के बीच 72 आजरबैजानी औद्योगिक और निर्माण की कंपनियां भी हैं। आजरबैजान प्रजातंत्र के कारखानें द्वारा कार्यान्वयन किये गये कामें का मूल्या 16.3 करोड़ हैं।

सो, इस समझौते को कार्यान्वयन में बहुत देशों की कंपनियां और आजरबैजान के तेल उद्योग में काम करने वाले कारखाने, विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, उच्ची कुशलता के मजदूर भाग लेते हैं। हमें खुश है कि बाहर से इस समझौते के कार्यान्वयन के कार्यों में भाग लेने वाले विदेशी सकुशल विशेषज्ञों अंक कम होते जा रहा है, पर इस के बजाय आजरबैजान प्रजातंत्र के विशेषज्ञों के अंक बढ़ता जा रहा है। जाहिर है। क्योंकि आजरबैजान के तेल उद्य़ोग में बड़ी वैज्ञानिक और तकनीकल क्षमता है। आजरबैजान की यही क्षमता प्रयोग करना चाहिये। यह आर्थिक दृष्टिकोण से ज्यादा लाभदायक है। एक बार और नॉट करना चाहता हूँ कि सारे समाप्त किये गये काम ने विश्व को केस्पियन सागर के पावर रिसोर्स दिखाये थे। जैसे मैं ने बताया था। आजरबैजानी सेक्टर में 9 समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये थे। पहले समझौते की पूंजी 8 अरब डालर है। सारी पूँजियां, सारे समझौतों से संबंधित पूँजी 30 अरब डालर है। यह सब आजरबैजान के केस्पियन सागर के सेक्टर के लिये है। पर बहुत धनी तेल-गैस के क्षेत्र दूसरे क्षेत्रों के सेक्टरों में भी हैं। मेरे विचार में आजरबैजानी सेक्टर में किये गये काम, प्राप्त किया हुआ अनुभव इन देशों कि लिये अपने काम शुरू करने में लाभदायक हो सकता हैं। हम अपने अनुभव से सारे केस्पियन सागर के पावर रिसोर्स के उपयोग में सहायता दे सकते हैं।

इन सब के बारे में बात करते हुए मैं पहले समझौते पर शामिल हुई सारी कंपनियों को अपनी आभारी प्रकट करता हूँ। मैं सारे विशेषज्ञ, तेल मजदूर और विशेषज्ञों में जो अंतर्राष्ट्रीय ऑपेरेशन कंपनी में काम करते है, विदेश से आये हुए और यहां पर काम करनेवाले सब से आभारी प्रकट करता हूँ। मैं प्रतिनिधि को अपना आभारी प्रकट करता हूँ। मेरे विचार में हमारी तरफ से तीन सालों में किये गये इस संयुक्त काम ने भविष्य के लिये एक बड़ा रास्ता खुला। हम भविष्य में भी संयुक्त होकर आजरबैजान में आई हुई कंपनियों के साथ, जो इस कार्य में भाग लेते है, काम करने के लिये तैयार हैं।

हम चाहते हैं कि केस्पियन सागर के क्षेत्रवाले देश अपनी सेक्टरों की संभावनाऐं यही रूप से प्रयोग कर सकें। हम हमेशा मैत्रिपूर्ण पड़ोस के देशों के साथ है। और उनके साथ संयुक्त काम करने के लिये, अपने अनुभव उन से बताने के लिये तैयार है।

जैसे मैं ने बताया केस्पियन सागर दुनिया में पावर रिसोर्स के मालिक होनेवाला एक सागर है। इस के साथ केस्पियन सागर के दूसरे किनारे में माध्य ऐशिया के क्षेत्र भी धनी तेल भंडार के क्षेत्र है। इन पर काम करना, उपयोग करना, चाहे जमीन में, चाहे सागर में हो- यह बड़ा उद्देश्य है, जो हमारे सामने भविष्य में खड़े होनेवाला है। यह काम 21वीं शतंबदी में आर्थिक सामरिकी को कायम करने के लिये बहुत आवश्यक है।

हमारी तरफ से हस्ताक्षर किये गये सारे समझौते लगभग 30 साल के लिये किया गया है। पर मुझे विश्वास है कि ये समझौते 30 साल नहीं, बल्कि ज्याद समय तक जारी होते रहेंगे। मेरे विचार में आजरबैजान प्रजातंत्र में की ओर से बड़ी तेल कंपनियों के साथ हस्ताक्षर किये गये समझौते आजरबैजान और उसके साथ संयुक्त काम करनेवाली कंपनियों के लिये 21वीं शतब्दी में बहुत महत्पूर्ण दस्तावेजों होंगे। हम सौभाग्य भविष्य के देहली में खड़े हैं। हम ने नींव, आधार डाले हैं। आज के समारोह इस के बार हमें है। इस लिये आजरबैजानी जनता को, केस्पियन सागर के किनारे वाले सारे देशों, तेल कंपनियों को, जो केस्पियन सागर के रिसोर्स प्रयोग करना चाहते हैं। उन कामों के 21वीं शतब्दी भी सफलतापूर्वक जारी करने की कमनाऐं करता हूँ। हमारे सामने एक और महत्पूर्ण सवाल है। यह भविष्य में उत्पादन होनेवाले तेल का निर्यात है। जैसे मैं ने बताया था, पहले समझौते पर निकाले गये तेल के निर्यात के लिये दो पाइप-लाइन का निर्माण जारी है। पर हमारे पहले समझौते में मुख्य पाइप-लाइन का निर्माण भी पहले से रखे गया। यह समझौते पर हस्ताक्षर किये गये और 9वां वाला भी हस्ताक्षर होना चाहिये। उन समझौतो के आदार पर बड़ा काम किया जायेगा। सैकड़ों लाखों टॉन तेल का उत्पादन होगा। उदाहराण के लिये हमारी गिंती पर 5-6 सालों के बाद इन समझौतों के आधार पर आजरबैजान में लगभग 5-6 करोड़ टॉन तेल का उत्पादन होगा। इस के निर्यात के लिये मुख्य तेल पाइप-लाइन का निर्माण और दूसरे पाइप-लाइन के निर्माण की जरूरत होगी, जो विभिन्न देशों में जायेंगे। यह हमारे सामने खड़े हुए मुख्य उद्देशयों में से है।

अफसोस की बात यह है कि यह समस्या विश्व में विभिन्न विवाद, विचार पैदा करता है। आज इस पर बहुत बातें चली है कि किन किन देशों के क्षेत्र में से किस दिशा में आजरबैजानी केस्पियन तेल का निर्यात होगा। निःसंदेह इन प्रशनों का आधार आर्थिक प्रभावकारिता में है। उदाहराण के लिये मैं ने पहले समझौते के भागीदारों से कई बार बात की हैं। ये इस समस्या में व्यापारी, ऐसी आर्थिक मतलब पर बहुत ध्यान देते है। क्योंकि यह मुख्य तेल पाइप-लाइन उत्तर में, दक्षिण में बनाया जा सकता है। लेकिन इन में से कौनसी दिशा आर्थिक लिहाज़ से ज्यादतर प्राभकारी है, ज्यादतर विश्वसनीय है और जिनकी अच्छी सुरक्षा है। निःसंदेह सारे प्रशनों पर काम करना, सीखना पड़ेगा। सब से पहले इस के बारे में अपना राय तेल कंपनी, कंसोर्टियुम कहना हैं। जाहिर है कि हमें भी अपना राय बताना है।

आजकल दो पाइप-लाइन है। मुख्य तेल पाइप-लाइन की रूट के बारे में, यानी वह किस दिशा में जायेगा-दक्षिण में या पश्चिम में काला सागर की दिशा में या तुर्की के क्षेत्र में से होकर, या रूस की तरफ उत्तर में वार्ता चलती हैं। मैं फिर कह रहा हूँ कि इन सब पर सोचना पड़ेगा।

एक और समस्या है। कजाकिस्तान में बहुत बड़े तेल क्षेत्र हैं। वहां से तेल निकाला जाता है। अमरीका की तेल कंपनी शेवरॉन तेंगीज क्षेत्र में तेल निकालती है और निर्यात के लिये रास्ते ढूँढ़ रही है। शेवरॉन कंपनी ने हम से बात की है। हम ने स्वीकृती दी है कि शेवरॉन के तेल कजाकिस्तान के अकताऊ बंदरगाह में से केस्पियन सागर से होकर बाकू तक टैंकरों में पहूँचा दिये जाये और यहां से जोर्जिया के काला सागर में बतुमी बंदरगाह तक पहूँचा दिया जाये। मार्च से लेकर आज तक इसी तरीक़े से शेवरॉन के 5 लाख टॉन तेल बतुमी बंदरगाह तक पहूँचा दिया गया। मेरे विचार में यह अंक बदला जायेगा और अगले साल में इस रुप से 20 लाख टॉन तेल का निर्यात किया जा सकता है। पर यह रास्ता भी बहुत कठिन है। इस लिये इस साल की गर्मियों में कजाकिस्तान और आजरबैजान के राष्ट्रपतियों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था, जिसके अनुसार अकताऊ से बाकू तक सागर के तेल से होकर एक तेल पाइप-लाइन का निर्माण किया जायेगा।

हम ने स्वीकृती दे दी। यह कजाकिस्तान के तेल के लिये जरूरी है। हमारे टर्मिनल और पाइप-लाइन, जो आजकल आजरबैजान से उत्तर और पश्चिम तक जाते है, तेल निर्यात के लिये संभावनाऐं हैं। इस लिये मुझे विश्वास है कि इस समस्या का हल भविष्य में निकाले जानेवाले तेल के निर्यात के लिये जरूरी है।

इस के अलावा हम ने तुर्कमेनिस्तान से आजरबैजान तक गैस पाइप-लाइन बनाने के बारे में बातचीत की। इस साल की मई में अशगाबात में समझौता भी हो गया। अगर यह समस्या भी हल किया जायेगा, तो इस का पश्चिम के लिये बड़ा लाभ होगा।

काला सागर के क्षेत्र वाला देश, जोर्जिया के अलावा युक्रैन, बल्गेरिया, रोमेनिया और ग्रीस और आगे जाकर युरोप के दूसरे देश केस्पियन सागर में से निकाले गये तेल से प्रयोग करना चाहेंगे। सो, अगर हम इस तरीके के तेल इन पाईप-लाईनों द्वारा तुर्की तक, काला सागर, जोर्जिया तक पहूँचा सकेंगे, तो निःसंदेह वे देश भी लाभ उठायेंगे। ये केस्पियन सागर में से निकाले गये तेल से बड़ी दिल्चस्पी लेते हैं।

इन सब को ठीक-ठाक गिनती, हिसाब करना, सोचना पड़ेगा। हमारे पहले प्रॉजेक्ट के अनुसार मुख्य तेल पाइप-लाइन बाकू-जैहान की दिशा में जायेगा।

सही बात है कि पूँजीवाद, भागीदार इस लाइन की महंगाई की बात करते है। उनहों ने इस को आर्थिक लिहाज से सीख लिया है और हमारे विचार में यह रूट, लाईन आजरबैजानी, केस्पियन तेल के निर्यात के लिये मुख्य पाइप-लाइन हो सकता है। इस लिये हम पहले भी और आज भी इस पाइप-लाइन के निर्माण के समर्थन देते हैं। लेकिन इस में आखिरी निर्णाय कंपनियों, कोंसॉरर्टियुम और भागीदारों की तरफ से बताया जायेगा।

आज रूस के डिप्टी प्रधान-मंत्री बोरीस नेम्त्सोव ने उत्तर दिशा में रूस के क्षेत्र में से होकर पाइप-लाइन बनाने का सवाल उठाया। यह सवाल भी सीखा जा सकता। दूसरी दिशाओं में भी काम पूरा हो सकता है। मेरे विचार में हर हाल में केस्पियन सागर के आजरबैजानी सेक्टर, माध्य ऐशिया, विशेष तौर पर कजाकिस्तान में निकाले गये तेल के पश्चिम में निर्यात के लिये बहुत तेल पाइप-लाइन बनाना चाहिये। हम इस काम में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।

पूरे किये गये कामों ने ऐशिया और युरोप के बीच यातायात गुजरगाह बनाया। पुराने सिल्क रॉड के बहाल का समस्या वास्ताविक बन गया। पिछले साल में हम ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है और इस समझौते के आधार पर हम ने माध्य ऐशिया से केस्पियन सागर से होकर आजरबैजान से जोर्जिया, काला सागर से युरोप तक यातायात गुजरगाह खोला है। यह यातायात केरिडर चालू है, काम करता है। माध्य ऐशिया से युरोप तक और युरोप से माध्य ऐशिया तक सामान आते जाते हैं। और यह आर्थिक लिहाज से बहुत लाभदायक है। ये सामान केस्पियन सागर से होकर आजरबैजान की फैरियां ले जाती हैं। आजरबैजान से जोर्जिया तक रेलवे द्वारा सामान ले आये जाते हैं। बाद में वे काला सागर द्वारा युरोप तक समुनदरी जहाजों द्वारा पहूँचा जाते हैं। हम ने इस का भी समर्थन दिया है और इस केरिडर में शामिल हुए देशों के साथ सहयोग करते हैं और भविष्य में भी इस सहयोग को जारी रखेंगे।

मेरे विचार में तेल पाइप-लाइन और यातायात केरिडर ऐशिया-युरोप, युरोप-ऐशिया, इन देशों के अर्थ-व्यवस्था एक साथ करेंगे, मिला देंगे और उन के संबंधों को ज्यादातर ढ़ृढ करेंगे।

आदरणीय श्रीमाती और श्रीमान,

आज के सामारोह, पाई हुई उपलब्धियां आजरबैजान की स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद मुमकिन हूए। आज हम ने आजरबैजान की स्वतंत्रता, स्वतंत्र राष्ट्र होने के फल, परिणाम देख रहे हैं।

सन् 1994 के सितंबर में पहले बड़े तेल समजौते पर हस्ताक्षर करके हम ने विश्व को साबित किया है कि आजरबैजान स्वतंत्र राष्ट्र हो गया और स्वतंत्र राष्ट्र होकर अपने प्रकृतिक घन का मालिक बन गया और उन के प्रयोग के बारे में स्वयं निर्णाय करता है। तीन साल गुजरने के बाद हम एक बार और साबित करते हैं कि आजरबैजान स्वतंत्र राष्ट्र है और उसकी स्वतंत्रता अतुत, नित्य है और इस स्वतंत्रता के बहुत अच्छे फल देख रहे हैं।

आज काम, जो हम करते है, 21वीं शतब्दी, भविष्य की पीढ़ीयों के लिये किये जाते हैं। आज हम पहले तेल को उत्पादन करना मना रहा है। अगले साल चिराग़ तेल भंडार क्षेत्र में से 20 लाख टॉन तेल निकाला जायेगा। कुछ सालों के बाद 50-60 लाख टॉन, 5-6 साल के बाद 4-5 करोड़ टॉन तेल निकाला जायेगा। इस के बाद और ज्यादा तेल निकाला जायेगा। मतलब यह है कि 21वीं शतब्दी में तेल उद्योग के कारण अर्थ-व्यव्स्था ज्यादतर उन्नति करेगा।

हमारे विचार में यह सिर्फ आजरबैजान के तेल उद्योग नहीं, बल्कि सारे आर्थिक क्षेत्रों की भी उन्नति के लिये, आजरबैजान को एक स्वतंत्र राष्ट्र जैसे विकास के लिये, इस में बाजारी अर्थ-व्यव्स्था की उन्नति के लिये अच्छी संभावना है। और हम इस संभावनाओं से प्रयोग करेंगे।

आज के समारेह, भेंट एक बार और साबित करते हैं कि आजरबैजान के द्वार विश्व अर्थ-व्यव्स्था के लिये खुले हैं। आजरबैजान हर दिन विश्व अर्थ-व्यव्स्था से गहरे रूप से बंध होता जा रहा है। आजरबैजान अपना अर्थ-व्यव्स्था बाजारी अर्थ-व्यव्स्था के रास्ते के अनुसार होकर बनाता है। भविष्य में भी आजरबैजान में बाजारी अर्थ-व्यव्स्था की उन्नति होगी। इस के अच्छे परिणाम दिखाई में आते हैं। मैं कुछ सूचनाऐं देना चाहता हूँ। आखिरी सालों में प्रजातंत्र के अर्थ-व्यव्स्था में किये गये सुधार और लोकतंत्रीय राजकीय निर्माण, आजरबैजान के अर्थ-व्यव्स्था में 5-6 साल पहले मौजूद गिरावट को रोक सके। अभी हमारे अर्थ-व्यव्स्था में उन्नति हो रही है। पिछले साल में देश में जी.डी.पी. 1.3 प्रतिशत बढ़ गया, इस साल में 5 प्रतिशत। औद्योगिक उत्पादन, प्रतिवर्ष 20-25 प्रतिशत गिरता था। आजकल गिरावत रुक गया। इस साल के 9 महीनों में 1 प्रतिशत की उन्नति हो गई। सन् 1994 को आजरबैजान में मुद्रिक स्फिति 1600 प्रतिशत था। पिछले साल में 6 प्रतिशत था। और इस साल के 9 महीनों में मुद्रिक स्फिति जीरो तक गिर गई, वह नहीं है।

आजरबैजान में आर्थिक सुधार जारी है। जमीन के बारे में पास किये गये क़ानून जमीन को निजी संपत्ति में देने में बड़ा महत्व रखता है। हम इस निजीकरण के परिणाम देख रहे हैं। इस साल में हमारे अर्थ-व्यव्स्था में 1 अरब 50 करोड़ डालर पूँजी लगाई जायेगी। इस पूंजी से 1 अरब विदेशी पूँजी है।

ये सब आजरबैजान में किये गये लोकतंत्रीय प्रक्रियों, परिवर्तनों, बाजारी अर्थ-व्यव्स्था को लगाने के, आजरबैजान के अर्थ-व्यव्स्था के विश्व अर्थ-व्यव्स्था से संबंधों को विकासित करने के परिणाम हैं।

इस से हमें खुश है। जाहिर है कि आज मैं खुशी की भावनाओं को आप से, यहां पर इस समारोह में भाग लेने वाले अतिथियों से बाँटना अपना कर्ज समझता हूँ।

मैं एक बार और आप को इस शांदार, ऐतिहासिक घटना के अवसर पर बधाई देता हूँ। आजरबैजानी तेल मजदूरों और आजकल यहां पर आजरबैजान में हमारे साथ संयुक्त काम करने वाली सारी कंपनियों को, विशेषज्ञों, आर्थिक वैज्ञानिकों को सफलताओं की कमनाऐं करता हूँ।