आज़रबैजान प्रजातंत्र के राष्ट्रपति हैदर अलीयेव का आज़रबैजान राष्ट्रीय तेल कंपनी और विदेशी तेल कंपनियों के बीच केस्पियन सागर के क्षेत्र में संयुक्त काम के बारे में समझौते पर हस्ताक्षर करने के समारोह में भाषण - 20 सितंबर 1994गुलिस्तान महल

श्रीमाती और श्रीमान, आदरणीय अतिथियो,

आज आज़रबैजान प्रजातंत्र के जीवन में तीन साल से चलनेवाले ऐतिहासिक घटनाओं का समाप्ती हो रही है।

आज़रबैजान प्रजातंत्र राष्ट्रीय तेल कंपनी और विदेशी तेल कंपनियों के बीच केस्पियन सागर के आज़रबैजानी क्षेत्र में आजेरी, चीराग़ और गुनेश्ली तेल क्षेत्र के एक भाग में मिलकर तेल निकालने के बारे में बातचीत ख़त्म हो गई और मिलकर काम करने के बारे में समझौते का प्रॉजेक्ट तैयार है और पेश किया गया। आज हम आज़रबैजान की राजधानी बाकू में इस शांदार गुलिस्तान महल में समझौते पर हस्ताक्षर करने के समारोह में इकट्ठे हुए हैं। समझौते पर हस्ताक्षर करने के मौके पर बाकू में विदेश के राजनीतिज्ञ, अतिथि, तश्रीफ रखे हैँ। इस समारोह में भाग लेने के लिये आये हुए लोगों, अतिथियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ और उनको स्वगातम कहता हूँ।

आज़रबैजान के राष्ट्रीय तेल कंपनी की विदेशी तेल कंपनियों के साथ चलाई हुई बातचीत इन के राष्ट्रों और सरकारों के हिमायत पर चलती थी और उन की तरफ से समर्थन मिलते थे।

समझौते पर हस्ताक्षर करने के समारोह में विदेश से प्रतिनिधि मंडल आये हैं । इस समारोह में भाग लेनेवाले सा.रा.अमरीका, रूस, यू.के., तुर्की प्रजातंत्र, नोरवे से आये हुए मंडलों का हार्दिक स्वागत करता हूँ और उनको कहता हूँ - स्वगातम।

इस ऐतिहासिक घटने में भाग लेनेवाले तुर्की प्रजातंत्र के राष्ट्रीय मंत्री आदरणीय नेजमेद्दीन जोवहारी का, यू.के. के ऐनेर्जी मंत्री आदरणीय टीमोटी एग्गर का, सा.रा.अमरीका के डिप्टी ऐनेर्जी मंत्री आदरणीय मिस्टर विल्यम व्हाईट का, नोर्वे राष्ट्र के पहला डिप्टी ऐनेर्जी व उद्योग मंत्री आदरणीय मिस्टर गुन्नर मुर्वंग का, रूस के ऐनेर्जी मंत्रालय के मुख्य डेपर्मेंट का चीफ़ आदरणीय मिस्टर स्ताविस्लाव पुगाच का स्वागत करता हूँ। यहाँ पर आये हुए और समारोह में भाग लेनेवाले अभी हमारे साथ होनेवाले यु.के. के एम.पी. का, इंग्लेंड-आज़रबैजान मित्रता समाज के मंडल का स्वागत करता हूँ। इस समारोह में भाग लेनेवाले इस्लाम विकास बैंक का अध्यक्ष आदरणीय मिस्टर ओसामा जफर फकीह का स्वागत करता हूँ। आज़रबैजान में काम करनेवाले कूटनीतिज्ञों का, आदरणीय राजदूतों का, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों का, अध्यक्षों का भी स्वागत करता हूँ।

आज़रबैजान राष्ट्रीय तेल कंपनी तीन साल के दौरान विदेशी तेल कंपनियों के साथ, जो बाद में कोंसोर्टियुम में शामिल हुए, बातचीत चलाता था। उन्हों ने मिलकर समझौते का प्रॉजेक्ट तैयार किया था।

इन बड़े कंपनियों के प्रतिनिधि-मंडल आज हमारे समारोह में भाग ले रहे हैं। मैं उन का हार्दिक स्वागत करता हूँ। अमोको कंपनी के अध्यक्ष मिस्टर विल्यम लौड़ी का स्वागत करता हूँ। बी.पी. कंपनी के प्रतिनिधि-मंडल का और उसके अध्यक्ष, कंपनी का चीफ़ मिस्टर जॉन ब्राउन का स्वागत करता हूँ। स्टाटऑयल कंपनी के अध्यक्ष मिस्टर योगन नीक वोल्ड का स्वागत करता हूँ। लुकऑयल कंपनी के प्रतिनिधि-मंडल का, उसके अध्यक्ष मिस्टर वहीद अलेक्पेरोव का स्वागत करता हूँ। मक्डेरमॉट कंपनी के प्रतिनिधि-मंडल का, उसके अध्यक्ष मिस्टर विल्यम वीटनीस का स्वागत करता हूँ। पेंजओयल कंपनी के प्रतिनिधि-मंडल और कंपनी के अध्यक्ष मिस्टर टोमास हैमिल्टॉन का स्वागत करता हूँ। रैमको कंपनी के प्रतिनिधि-मंडल का और उसके अध्यक्ष मिस्टर स्टीवेन रैम्पो का स्वागत करता हूँ। तुर्क पेट्रोल्लारी कंपनी के प्रतिनिधि-मंडल का और उसके अध्यक्ष मिस्टर सीदगी संजार का स्वागत करता हूँ। युनोकल कंपनी और उसके अध्यक्ष मिस्टर जॉन आमेला का स्वागत करता हूँ। डेल्टा इंटेर्नेशनल कंपनी के प्रतिनिधि-मंडल का और उसके अध्यक्ष मिस्टर फतेह अल-अलबान का स्वागत करता हूँ।

सम्मानित श्रीमाती और श्रीमान,

तेल आज़रबैजान प्रजातंत्र और आज़रबैजानी जनता का सब से बड़ा राष्ट्रीय धन है।

आज़रबैजान पुराने ज़माने से तेल के क्षेत्र के जैसे मालूम था, जहां प्रकृतिक धन-तेल और गैस काफी है। इसलिये आज़रबैजान अलाव के देश कहलाता है। आज़रबैजान का तेल, उसके प्रयोग और शोधन करने में बड़े ऐतिहासिक अनुभव हैं। सन् 1847 को आज़रबैजान में बाकू के आसपास बीबी हैबात में पहली बार तेल निकाला गया था। उसी वक्त से आज़रबैजानी तेल का औद्योगिक ढ़ग से उत्पादन शुरू हुआ था।

सन् 1872 को नोबेल भाईयों ने बाकू में पहली तेल कंपनी बनायी थी और इस से लेकर हमारे देश में तेल का उत्पादन करने के लिये विदेशी पूँजी आने लगी।

इस तरीक़े से 19वीं शतब्दी के दूसरे आधे में विश्व की बड़ी शक्तियों, विकासित देशों की कंपनियों ने आज़रबैजान, बाकू में तेल उत्पादन और शोधन में दिल्चस्पी ली थी। पिछले शतब्दी के अंत से लेकर बहुत विदेशी कंपनियां बाकू के तेल का उत्पादन करने लगे। सन् 1872 को आज़रबैजान में 26 हजार टॉन तेल निकाला गया था। इस शतब्दी के शुरू में सन् 1900 को आज़रबैजान में 100 लाख निकाला गया था कि जो रूस में निकाले गये तेल का 95 प्रतिशत और विश्व के तेल उत्पादन का 50 प्रतिशत था। 20वीं शतब्दी के पहले 20 सालों में विदेशी तेल कंपनियां और देश के बीजनेस्मेन तेल निकालने में और उसके शोधन में बड़ी कोशिशें करते रहते थे। आज़रबैजान तेल उद्योग की उन्नति हुई।

इस युग को आज़रबैजान के तेल उद्योग में पहली दौर के जैसे कहा जा सकता है। इस दौरान बाकू के तेल से विश्वृ-भर प्रयोग करते थे। आज़रबैजानी तेल विदेशी कंपनियों को बड़ा लाभ ले आया।

आज़रबैजान में बड़े बीजनेस्मेन पैदा हुए, वे खूब लाभ लेते थे। इस दौरान आज़रबैजान के तेल उद्योग के विकास ने बाकू और आज़रबैजान की उन्नति के लिये बड़ा धक्का दिया था। आज़रबैजान की राजधानी बाकू उस समय के बड़ा औद्योगिक नगर, रूस साम्राज्य के बड़े औद्योगिक केंद्रों में से एक बना था। हमारे बाकू ने, जिसका पुराना इतिहास है, उस समय नया रूप लिया था, चौड़ा हो गया और सुन्दर नगर बन गया था। यहां पर उस समय की आवश्यकताओं के अनुसार नई ईमारतें, कारखाने और दूसरे औद्योगिक कारख़ाने बन गये थे। आज हमें उस समय किये गये काम का सही भूमिका उल्लेख करना है।

सन् 1918 को हमारे देश में लोकतंत्रीय राष्ट्र बना था। आज़रबैजान लगभग दो साल स्वतंत्र रहा और स्वतंत्र राष्ट्र के जैसे मौजूद था। यह राष्ट्र जनता के धन को उसकी खुशहाली के लिये प्रयोग करने की कोशिश करता रहा। लेकिन अफसोस की बात है कि इन प्रयत्नों को सही फल और परिणाम न मिले थे। क्योंकि सन् 1920 को लोकतंत्रीय राष्ट्र का नाष्ट हो गया था।

उस वक्त आज़रबैजान में सोवियत समाजवादी शासन आया था। इस के बाद 70 साल के दौरान आज़रबैजान इस शासन में सोवियत संघ के संरचना में मौजूद रहा। आज़रबैजान के सब से बड़ा धन-तेल सोवियत संघ के औद्योगिक और आर्थिक क्षमताओं को विकास करने के लिये ज़रूरी था, तो इस लिये इस क्षेत्र में बड़े प्रयत्न किये जाते थे। इस लिये आज़रबैजान के तेल उद्योग में बड़ी सफलताऐं मिली थीं।

इस दौरान आज़रबैजान के बड़े तेल मज़दूर का दल बना गया था। आज़रबैजान के तेल और गैस उद्योग तेज गति से विकासित होता रहता था, बड़े-बड़े कारखाने के निर्माण हुए थे। बड़े वैज्ञानिक केंद्र, तेल क्षेत्र के जांच इंस्टिट्यूट बनाये गये थे। तेल उद्योग के लिये कुशल कार्यकर्त्ता तैयार करने के लिये एक इंस्टिट्यूट खुला गया था, जो आजकल तेल एकेडमी कहलाता है। विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, संक्षेप में सब लोग, जो तेल उद्योग में व्यस्त थे, तेल उद्योग की उन्नति के लिये बड़े काम करते थे, आज़रबैजान के इतिहास में शांदार पृष्ठ लिखवाये थे।

जैसे मैं ने बताया आज़रबैजान के तेल सिर्फ उसके लिये नहीं, पूरे सोवियत संघ की उन्नति के लिये प्रयोग किये जाते थे। सन् 1941-45 को दूसरे विश्व-युद्ध के दौरान उसी समय सोवियत संघ में उत्पादन किये गये तेल के 75 प्रतिशत आज़रबैजानी तेल थे। आज़रबैजान के तेल उद्योग ने, हमारे तेल-मजदूरों ने सारे दूनिया के लिये खतरा होनेवाला जर्मनी फेशिस्म पर जीत पाने में बड़ी सेवा की हैं.

आज़रबैजान के तेल उद्योग में काम करनेवाले वैज्ञानिक, विशेषज्ञ, हमारे तेल-मजदूर सोवियत संघ के विभिन्न क्षेत्रों में तेल भंडार के विकास, उत्पादन और शोधन में भाग लेते थे। यह संयोग से न है कि उन के श्रम और प्रयत्न के माध्यम खुले गये तेल क्षेत्र ऐसे ही कहलाते थे- दूसरा बाकू, तीसरा बाकू, चौथा बाकू। आज़रबैजानी तेल-मजदूर और विशेषज्ञों का रूस के बड़े-साईबेरिया, ट्यूमेन क्षेत्रों में तेल के विकास और उत्पादन में भूमिका और सेवा अन्मोल है। आज़रबैजानी तेल-मजदूर और विशेषज्ञ आजकल भी इन क्षेत्रों में काम करनेवाले तेल-मजदूर और विशेषज्ञों में अधिकांश है।

मैं यह हमारे अतिथियों के ध्यान पर ले आना, इस के बारे में आज़रबैजानी जनता को याद दिलाना चाहता हँ। क्योंकि यह आज़रबैजानी जनता का गर्व और शान है, हमारी जनता की, तेल-मजदूर और विशेषज्ञों की विश्व अर्थ-व्यव्स्था में बड़ी सेवाओं का साबित है।

आज़रबैजानी तेल-मजदूर और विशेषज्ञों का एक सफलता यह है कि उनहों ने केस्पियन सागर में तेल उत्पादन के लिये बड़े काम किये हैं। इस दिशा में बीसवें सालों के शुरू में और तीसवें सालों में काम किये गये थे और केस्पियन सागर में मुख्य तेल उत्पादन सन् 1949 के 7 नवंबर को शुरू हुअ था। उस दिन ऑयल रोक्स कहलाये गये क्षेत्र में तेल-कूप से पहला तेल फव्वारा निकाला गया था।

आज़रबैजानी तेल-मजदूर और विशेषज्ञों के अनुभव गुजरे हुए 45 सालों में सोवियत संघ में और विश्व के अनेक देशों में भी तेल को सागर की गहराईयों में से उत्पादन करने में उदाहरण था।

आप को पता है कि हमारी जनता को तीन साल पहले भी आजादी मिली । आज़रबैजान स्वतंत्र प्रजातंत्र बन गया, आज़रबैजानी जनता अपने नसीब का मालिक बन गया। हमारी जनता को अपने प्रकृतिक धन से अपनी मरजी से इस्तेमाल करने की संभावना मिली थी। इस तरीके से आज़रबैजान के जीवन में नया दौर शुरू हुआ। और हमारे तेल उद्योग के इतिहास में तीसरे दौर का आधार लगाया गया था। अभी नये दौर में हम आज़रबैजानी जनता की इच्छा के अनुसार उसके प्रकृतिक धन सही रूप से प्रयोग करने के लिये अवश्यक कार्य करते हैं। आखिरी तीन सालों में विदेशी कंपनियों के साथ बातचीत जारी होती रही और समझौते पर पहूँच गये थे। आज इस ऐतिहासिक दिन, लगभग आज़रबैजान में तेल उत्पादन और शोधन शुरू होने से 150 साल बाद में आज़रबैजान में सारे तेल मजदूर की पीढ़ीयों को, विशेषज्ञों को, वैज्ञानिकों को, जो प्रजातंत्र के तेल उद्योग में काम करते हैं, सारे इंजिनियर और मजदूरों को हमारी जनता की खुशहाली बढ़ाने के लिये इस दौरान किये गये प्रयास, उनके वीरतापूर्ण श्रम, बड़े वैज्ञानिक आविष्कार के लिये धन्यवाद अदा करता हूँ और उनको आजकल प्राप्त की हुई सफलताओं के मौके पर हार्दिक बधाई दे रहा हूँ।

आज़रबैजान में तेल के औद्योगिक ढ़ंग से उत्पादन और शोधन शुरू होने से लेकर आज तक हमारे देश के क्षेत्र से, जमीन और समुंदर से कुल मिलाकर 1 अरब 325 टॉन तेल निकाला गया है। केस्पियन सागर के आज़रबैजानी सेक्टर में 45 सालों में 40 करोड़ टॉन तेल निकाला गया है। इस दौरान 450 अरब क्युबीक मिटर गैस भी निकाला गया था। ये सब बड़ी उपलब्धियाँ, ढ़ृढ आधार हमारे अर्थ-व्यवस्था की उन्नति, आज़रबैजान प्रजातंत्र के तेल उद्योग की भविष्य में उन्नति के लिये है।

जितना भी तेल न निकाला गया हो, जो भी सफलताऐं न मिली हो, हमें इस सच्चाई पर ध्यान देना चाहिये कि आखिरी समय तक, यानी आज़रबैजान को स्वतंत्रता मिलने तक हमारी जनता कभी अपने प्रकृतिक धन का मालिक न थ। हलांकि सन् 1920 तक हमारे तेल का उत्पादन विदेशी और अपने कंपनियों के द्वारा निकाला जाता था, विशेष तौर पर बाकू में जनता अपने धन का मालिक न था।

सन् 1920 से लेकर आज़रबैजान के जीवन में बड़े परिवर्तन आये। आज़रबैजान का अर्थ-व्यव्स्था विकासित होता था, प्रजातंत्र में शक्तिशाली औद्योगिक क्षमताऐं बनी थीं हमारे तेल उदेयोग बड़े ऐतिहासिक रास्ते से गुजर गया। फिर भी आज़रबैजान अपने तेल का अकेला और पूरा मालिक न था। ये सारे धन हमारे नहीं थे, सोवियत संघ के थे। पर अभी हम नये दौर में रहते हैं। आज़रबैजानी प्रजातंत्र स्वतंत्र राष्ट्र है। आज़रबैजानी जनता अपने प्रकृतिक धन का मालिक है। हमारी जनता खूद निर्णय करते हैं कि इन धन को कैसे प्रयोग करें।

इन सिद्धांतों ही के आधार पर तीन साल के दौरान आज़रबैजानी प्रजातंत्र के तेल कंपनी प्रसिद्ध विदेशी तेल कंपनियों के साथ हमारे तेल क्षेत्रों के भंडार को मिलकर उत्पादन करने के बारे में बातचीत चलाता रहा। बेशक ये बातचीत आसान न रही, यहां भी कठिनाईयां, सफलताऐं हुईं।

लेकिन बातचीत आखिरकर समाप्त हुई। बड़े अनुभव वाले विदेशी तेल कंपनियों की आज़रबैजान के तेल में दिलचस्पी स्वाभाविक है, और हम ने यह बड़ी खुशी से स्वीकार कर लिया है। हम खुद भी इस पर बड़ी दिलचस्पी रखते थे और रखते हैं।

पिछले दौरों से मुकाबले में आज आज़रबैजान प्रजातंत्र, उन प्रश्नों पर किसी भी देश के साथ बातचीत चलाता है। उन देशों से, जहाँ आज़रबैजान से ये विदेशी तेल कंपनियां आयी हैं और कोशिश करते है कि उसके सिद्धांत माने जायें। आज़रबैजान तेल कंपनी और विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर आजेरी, चीराग़ और गुनशली क्षेत्र के एक भाग में तेल उत्पादन के बारे में बातचीत आखिरकर तैयार हो गयी और समाप्त हुई। यह समझौते मुझे आज़रबैजान के राष्ट्रपति को दिया गया है। मालूम है कि 14 सितंबर को इस समझौते को सीखकर मैं ने आदेश पास किया है कि आज़रबैजान तेल कंपनी इस पर हस्ताक्षर करे। विदेशी कंपनियों ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिये फैसला किया है। उन राष्ट्रों के अध्यक्ष, जहाँ से ये विदेशी कंपनियां आयी हैं, इस पर अपने आशीर्वद दिये हैं। इन के परिणाम होकर आज हम यहाँ पर उस समझौते पर हस्ताक्षर करने के समारोह में इकट्ठे हुए हैं।

मैं सीधी बात करना चाहता हूँ कि आज़रबैजानी तरफ़ की सारी माँगें इस समझौते पर लिखे न किये गये हैं। लेकिन हम समझते है कि किसी भी समझौते पर दोनों तरफों के हितों को ध्यान में रखना चाहिये। पश्चिम की तेल कंपनियां अपनी हितों पर जोर डालती थी और आज़रबैजान राष्ट्रीय तेल कंपनी आज़रबैजान प्रजातंत्र के राष्ट्रीय हितों का पालन करने के लिये प्रयत्न करता था। मैं यह कह सकता हूँ कि बड़े और तनावपूर्ण कार्य के परिणामों पर दोनों तरफों का इस बात पर बड़ी उत्तरदायित्व से बर्ताव के परिणाम पर एक समझौता तैयार हो गया, जो दोनों तरफों के हितों को पूरा करता है। इस लिये मेरे विचार में आज हस्ताक्षर होनेवाला समझौता आर्थिक दृष्टि से आज़रबैजान प्रजातंत्र के आधुनिक और भविष्य के लिये लाभदायक है और इस लिये मैं ने इस पर हस्ताक्षर करने के लिये आदेश दिया है। यह क़दम उठाते हुए हम विश्व को यही दिखा रहे हैं कि आज़रबैजान संसार के लिये, विश्व अर्थ-व्यवस्था के लिये खुला देश है। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से हम दुनिया को साबित करते हैं कि आज़रबैजान प्रजातंत्र के सार्वभौमिक अधिकार अनुमोदन हो गया, कि आज़रबैजान बिलकुल स्वतंत्र राष्ट्र है, कि हमारी जनता अपने धन का मालिक है। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से हमें आज़रबैजान प्रजातंत्र और विकासित विश्व के राष्ट्रों से, उनकी बड़ी कंपनियों के साथ संबंध स्तापित करते हैं, आज़रबैजान के अर्थ-व्यवस्था विश्व अर्थ-व्यवस्था में शामिल होने के लिये आजाद बाजारी अर्थ-व्यवस्था के लिये नींव डालते हैं। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से हम एक बार और विश्व को साबित करते हैं कि आज़रबैजान प्रजातंत्र लोकतंत्रीय और विधिक राष्ट्र है, कि आज़रबैजान में लोकतंत्रीय सिद्धांतों की मजबूती और प्रगति के लिये बड़ी संभावनाऐं बनी हुई हैं, कि आज़रबैजान प्रजातंत्र बाजारी अर्थ-व्यवस्था के रास्ते से चलनेवाला है।

इस समझौते पर हस्ताक्षर करना-आज़रबैजान में बाजारी अर्थ-व्यवस्था के रास्ते में उठाये गये पहला बड़ा क़दम है। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से हम आज़रबैजान में विदेशी कंपनियों की ओर से पूँजी लगाने के लिये बड़ी संभावनाऐं बनाते हैं। आज़रबैजान में कंपनियों की कार्रवाईयों के लिये, दूसरे क्षेत्र के कार्य के लिये आधार बनाते हैं, आज़रबैजान के अर्थ-व्यवस्था और समाजी-राजनीतिक जीवन में मौजूद स्थीरता विश्व को दिखाते हैं। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से हम विश्वास करते हैं कि तेल कोंसोर्टियुम में शामिल हुई कंपनियों के देशों के साथ मित्रतापूर्ण आर्थिक सहयोग ढ़ृढ हो जायेगा, ऐसे बड़े देशों के साथ जैसे सा.रा.अमरीका, रूस, इंग्लेंड, तुर्की, नोर्वे।

सो, समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिये अच्छी स्थिति बनाई गई है और आज हम बड़ी घटना के गवाह हैं। समझौते पर हस्ताक्षर आज़रबैजान के जीवन में, इस के अर्थ-व्यवस्था, विशेष तौर पर तेल उदेयोग में नया दौर खुलता है। यह समझौता 30 साल के लिये किया जाता है। सो, हमें लंबे रास्ते से चलना, बहुत काम करना पड़ेगा, हमारे सामने बड़े उद्देश्य हैं। समझौते की तैयारी करनेवाला यह लोग अच्छा जानते हैं, लेकिन मैं यहां पर इकट्ठे हुए लोगों को, सारी आज़रबैजानी जनता को कहना चाहता हूँ कि यदि समझौता करना कठिन था, तो उसका पूरा करना और कठिन होगा। इस समझौते से लाभ, उसके सकारात्मक परिणाम, हर तरफ के लिये, आज़रबैजानी जनता के लिये, स्वतंत्र आज़रबैजान प्रजातंत्र के लिये इस समझौते को क्रमिक रूप से पूरा करने पर आश्रित है। समझौता दोपक्षीय रोड के जैसा है, यह जरूरी है कि दोनें तरफें एक ही गति से चलें। निःसंदेह विदेशी कंपिनयों के सामने बड़े उद्देश्य रखे जाते हैं। मुझे आशा है कि ये कंपनियां और उनके देशों के राष्ट्रीय अंग इस समझौते का पूरा करने के लिये सही समय पर आवश्यक उपाय करेंगे। आज़रबैजान प्रजातंत्र के सामने खड़े हुए उद्देश्य ज्यादा कठिन हैं। आप को पता है आज़रबैजान के अर्थ-व्यवस्था में भारी संकट है। तेल उद्योग में भी बड़ी कठिनाईयां पैदा हुईं । इस संकट से निकालने के लिये, आज़रबैजान के आर्थिक उन्नति के लिये, लोगों की खुशहाली छोटे समय में जरूरी स्तर तक बढ़ाने के लिये सब के अपने प्रयत्न एकसाथ करना, समझौते पर मिलकर काम करना चाहिये। विश्वास है कि आज़रबैजान के वीरतीपूर्ण, अनुभवी तेल-मज़दूर और विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, हमारे अर्थ व्यवस्था के इस क्षेत्र में काम करनेवाले सब लोग यही उद्देश्य को सब से बड़ा, सब से सम्मानित समझ लेंगे और इस समझौते पर काम करने लगेंगे। आज़रबैजान के राष्ट्रपति होकर इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिये आदेश देकर मैं अपना उत्तरदायित्व समझ लेता हूँ और वादा दे रहा हूँ कि अपनी तरफ से इस समझौते को पूरा करने के लिये सब कुछ कर दूँगा।

आज इस समारोही और प्रभावपूर्ण स्थिति में मैं आज़रबैजान के तेल-मज़दूर और विशेषज्ञों को, आज़रबैजानी जनता को, सारे आज़रबैजानी नागरिकों को इस ऐतिहासिक घटने के मौके पर बधाई दे रहा हूँ। इस क्षेत्र में काम की हुई आज़रबैजानी तेल कंपनी के मंडल के कार्य का मैं मूल्यांकन कर रहा हूँ, आम तौर पर इस दिशा में कंपनी के काम का मूल्यांकन कर रहा हूँ और प्राप्त की हुई उपलब्धियों के कारण उनको बधाई दे रहा हूँ। इस समझौते की तैयारी में बड़े काम करने वाले विदेशी कंपनियों के, कोंसोर्टियुम के अध्यक्षों, इन कंपिनयों के सारे कार्यकर्त्तों को हार्दिक बधाई दे रहा हूँ। उनको अपनी शुभकामनाऐं अदा करता हूँ और उनको यकीन दिलाना चाहता हूँ कि हमारा सहयोग बहुत सफलतापूण रहेगा।

इस मौके पर सा.रा.अमरीका, रूस, यु.के., तुर्की, नोर्वे के राष्ट्रों और सरकारों के अध्यक्षों को हार्दिक बधाई दे रहा हूँ। इस समझौते के आधार पर हम करीब होकर एकसाथ हो रहे हैं और बड़े सहयोग करने लग रहे हैं। और मुझे संदेह न है कि हमारे सहयोग ज्यादा सपलतापूर्वक रहेगा, इस को रूकावट देनेवाले लोगों को सही प्रतिरोध मिलेगा, आज़रबैजान अपने नसीब का स्वामी, अपने धन का स्वामी होकर इस सहयोग के कारण विश्व आर्थिक समाज में योग्य स्थान पा लेगा।

एक बार और इस समारोह पर इकट्ठे हुए आप लोगों को, इन समस्याओं में साकारात्मक रूचि लेनेवाले सब को बधाई दे रहा हूँ और समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिये आशीर्वाद दे रहा हूँ। इस से खुशहाली और भलाई के लिये प्रयोग किये जाये। आज़रबैजानी जनता के सौभाग्य भविष्य के नाम पर इस समझौते पर यहां पर हस्ताक्षर होने के कारण बधाई दे रहा हूँ। धन्यवाद।

अंतिम भाषण

आदरणीय श्रीमाती और श्रीमान,

सम्मानित अतिथियो.

अभी तीन सालों के दौरान तैयार हुए समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया समाप्त होनेवाली है। समझौते पर हस्ताक्षर किया जा चुका है। मैं ने हस्ताक्षर होने से पहले भाषण दिया हूँ। इस लिये आप को, आज़रबैजानी जनता को, इस समझौते का दूसरा पक्ष होनेवाली विदेशी कंपिनयों, इस समझौते में शामिल होनेवाले विदेश के राष्ट्रों के अध्यक्षों को, प्रतिनिधि-मंडलों को, आप सब को इस समझौते पर हस्ताक्षर होने के कारण बधाई दे रहा हूँ। विदेश से आये हुए प्रतिनिधि-मंडलों के अध्यक्षों ने, कंपनियों के चीफ़ हस्ताक्षर करने के बाद अपने भाषण किये हैं और समझौते, उसके मतलब और भविष्य में अर्थ के बारे में अच्छी बातें की हैं।

सारे भाषणों में यह विचार सुनाया गया था कि इस पर हस्ताक्षर करनेवाले आज़रबैजानी और विदेशी कंपिनयों के लिये इस समझौते का बड़े लाभ हैं।

भाषणों में आज़रबैजानी जनता, स्वतंत्र आज़रबैजान प्रजातंत्र के बारे में भली बातें की गईं, शुभकामनाऐं की गईं।

मैं इन शब्दों के लिये आपको शुक्रगुज़ार हूँ और इस समारोह के अंत में एक बार और कहना चाहता हूँ कि यह समझौता आज़रबैजान प्रजातंत्र को विश्व समाज में योग्य स्थान पाने में सहायता देगा, हमारे अर्थ-व्यवस्था से आजाद बाजारी अर्थ-व्यवस्था घनिष्ठ संबंध से बाँध कर देगा।

मैं बहुत खुश हूँ कि इस समझौते की तैयारी में, उसके हस्ताक्षर में भाग लिया हूँ। अपने पर लिये हुए उत्तरदायित्व को सही समझता हूँ और आशा है कि भविष्य की पीढ़ीयां आज यहां पर होनेवाली ऐतिहासिक घटने का योग्य मूल्यांकन करेंगी।

एक बार और आप को बधाई दे रहा हूँ। हस्ताक्षर करने के समारोह का पहला भाग को समाप्त होना समझता हूँ। आप सब को, सारी आज़रबैजानी जनता को, खुशी की, सब कामों में सफलताओं की कामनाऐं कर रहा हूँ। धन्यवाद, भविष्य की सफलताऐं की कामनाऐं।