आज़रबैजान प्रजातंत्र के राष्ट्रपति हैदर अलीयेव का बाकू-त्बलीसी-जैहान मुख्य निर्यात पाईप-लाइन के प्रॉजक्ट के समझौते पर हस्ताक्षर करने के समारोह में उदघाटन और अंतिम भाषण, 17 अक्तुबर 2000

 

आदरणीय श्रीमाती और श्रीमान,

कल, 18 अक्तुबर आज़रबैजान की राष्ट्रीय स्वतंत्रता के बारे में संविधान पत्र पाने की 9वीं वर्षगाँठ है। 9 वर्ष पहले संविधान पत्र पाने के बाद आज़रबैजान ने अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की है और 9 वर्ष हो गये है कि एक स्वतंत्र राष्ट्र के जैसे मौजूद है। आप सब को, हमारी सारी जनता को हमारे नागरिकों को इस त्योहर, आज़रबैजान की स्वतंत्रता के दिवस के मौके पर हार्दिक बधाई दे रहा हूँ। आज़रबैजानी जनता को शांति, आराम, ख़ुशहाली की कामनाऐं करता हूँ और यही चाहता हूँ हमारे राष्ट्र की स्वतंत्रता नित्य हो।

आज हम यहां पर एक ऐतिहासिक घटना के मौके पर इकट्ठे हुए हैं। पता है कि सन् 1994 के सितंबर को विश्व के अनेक बड़ी तेल कंपानियों के साथ केस्पियन सागर के आज़रबैजानी सेक्टर में धनी तेल क्षेत्र में मिलकर काम करने के बारे में पहला समझौता पर हस्ताक्षर किया गया था। उसी समय से हम इस समझौते पर काम करते हैं। सो, आज़रबैजान की नयी तेल सामरिकी आरंभ हुई। सन् 1994 के सितंबर को शतब्दी के समझौते पर हस्ताक्षर करना आज़रबैजानी जनता की आजादी, राष्ट्रीय स्वतंत्रता के परिणाम हैं।

आज असीम गर्व के भावनाओं के साथ हम यह कह सकते हैं कि हस्ताक्षर किया गया समझौता क्रमिक रूप से जारी किया जाता है और अपने परिणाम देता है।

पहला समझौता ने सारे विश्व को केस्पियन सागर के बड़े तेल और गैस की क्षमताऐं दिखाई हैं। आजकल आज़रबैजान में 20 बड़े तेल समझौताओं पर हस्ताक्षर किया गया।

 

शतब्दी के समझौते में - आजेरी, चीराग और गुनेश्ली के गहरे क्षेत्र में मिलकर काम करने के बारे में समझौते के अनुसार केस्पियन सागर के आज़रबैजानी सेक्टर में आज़रबैजान राष्ट्रीय तेल कंपनी और 11 विदेशी तेल कंपनियों के मिलकर सहयोग पुर्व-ज्ञान में रखा गया था। यह सहयोग सफलतापूर्ण रूप से जारी है और सन् 1997 को चीराग़ क्षेत्र में से तेल निकाला गया था। इस क्षेत्र से निकाला गया तेल विश्व बाज़ारों में निर्यात किया जाता है। सो, हम हमारी तरफ़ से हस्ताक्षर किया गया समझौते के व्यावहारिक परिणाम देख रहे हैं।

स्वभावतः ऐसे समझौते पर काम करते हुए बड़े मात्रा पर तेल की निकासी होनी थी और इस लिये समजौते पर इस तेल के विश्व बाज़ारों में निर्यात भी पहले से पुर्व-ज्ञान में रखा गया था। इस लिये पहले समजौते के आधार पर निर्यात के लिये निकाला गया तेल को विश्व बाज़ारों में सप्लाई करने के लिये विभिन्न तेल पाइप-लाइन के निर्माण, बाकू-त्बलीसी-जैहान मुख्य निर्यात पाईप-लाइन के निर्माण भी पुर्व-ज्ञान में रखा गया था।

उसी समय से सन् 1994 से लेकर हम ने विदेशी तेल कंपनियों के साथ बाकू-जैहान मुख्य निर्यात पाईप-लाईन के निर्माण के लिये बहुत काम किये हैं और बाद में हम ने इस पाईप-लाईन को बाकू-त्बलीसी-जैहान का नाम रखा है।

पता है कि हमारे इस दिशा में कार्य बड़े प्रतिरोध से, कठिनाईयों से मिले हैं। अनेक लोग कह रहे थे कि ऐसा निर्यात पाईप-लाईन के निर्माण अवास्ताविक है। हर हाल में बाकू-त्बलीसी-जैहान तेल पाईप-लाईन गुजरे हुए समय में सारे विश्व समाज के ध्यान में था। पर हम- आज़रबैजान, तुर्की, जोर्जीया, तेल कोंसोर्टयुम में भाग लेनेवाले तेल कंपनियां क्रमिक रूप से बाकू-त्बलीसी-जैहान तेल पाईप-लाईन का निर्माण जारी रखते थे, संघर्ष करते थे और अपने लक्ष्य पूरा कर सके।

हमारे कार्य के चरमोत्कर्ष सन् 1999 के नवंबर को इसतंबुल में ओ.एस.सी.ई. के कॉंफेरेंस में हस्ताक्षर किया गया समझौता हुआ। इस समझौते पर आज़रबैजान प्रजातंत्र के राष्ट्रपति, तुर्की प्रजातंत्र के राष्ट्रपति, जोर्जीया के राष्ट्रपति, कज़ाकिस्तान के राष्ट्रपति ने हास्ताक्षर किये हैं। इस समझौते पर सा.रा.आमरीका के राष्ट्रपति मिस्टर बील्ल क्लींटोन ने भी हास्ताक्षर किया है।

सो, हमारे कुछ वर्षों से चलाये काम के परिणाम पर ऐसा राजनीतिक पात्र पास किया गया था।

लेकिन उस समय से गुजरे दौरान पर और आजकल भी आसान न रहा, क्योंकि बाकू-त्बलीसी-जैहान तेल पाईप-लाईन निर्माण के संबंध, उसके दाम के संबंध और दूसरे व्यापारिक और टकनीकल प्रश्नें के संबंध विभिन्न विचार थे। ऐसे विभिन्न विचार कोंसोर्टयुम में भाग लेनेवाली तेल कंपनियों के बीच में भी मौजूद थे। इस लिये इस क्षेत्र में भी बड़े काम करना पड़े।

यह काम आज़रबैजान, तुर्की, जोर्जीया और उनके उचित अंगों ने किया है। सा.रा.आमरीका और उनके सरकार भी इस प्रक्रिया का समर्थन देते थे। सारे व्यापारिक, टकनिकल समस्याओं में समझौते हूए थे। इस के परिणाम पर आज़रबैजान के राष्ट्रीय तेल कंपनी और आज़रबैजान अंतर्राष्ट्रीय ऑपेरेशन कंपनी ने एकसाथ बाकू-त्बलीसी-जैहान मुख्य तेल निर्यात पाईप-लाईन के निर्माण के बारे में व्यापारिक, टकनीकल समझौता तैयार किया है। आज हम यहां पर इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिये आये हैं।

यह पहले से सोचा गया है कि आज इस समझौते पर यहाँ आज़रबैजान की राजधानी बाकू में, कल जोर्जीयो, त्बलीसी में और परसों तुर्की में हस्ताक्षर किया जाये। समझौते पर हस्ताक्षर करना, स्वभावतः इस क्षेत्र में नये युग का आरंभ होगा, बाकू-त्बलीसी-जैहान मुख्य तेल निर्यात पाईप-लाईन के निर्माण के क्रमिक रूप से निर्माण शुरू होगा।

 

 

 
अंतिम भाषण

 

आदरणीय श्रीमाती और श्रीमान, मित्रो,

आज हम सब इस बात में एक ही राय में हैं कि आज ऐतिहासिक दिवास, ऐतिहासिक मिनटें हैं।

जब सन् 1994 के सितंबर में पहले तेल समझौता पर हस्ताक्षर किया गया था तो हमारी गर्व की, खुशी की भावनाऐं असीम थीं, हम इस दिश में आज़रबैजान का अच्छा भविष्य देख रहे थे।

पता है कि ऐसे भी लोग थे जो इस पर शक करते थे, ऐसे भी थे जो इस पर विश्वास न करते थे, रुकावट देते थे। आज़रबैजान में और उसके बाहर भी इस समझौते ने एक तरफ़ से ईर्ष्या और दूसरी तरफ़ से असंतोष पैदा करवाया था। लेकिन आज़रबैजानी जनता, खास तौर पर उसका अधिकांश भाग इस घटना को ऐक ऐतिहासिक, हमारे आजाद राष्ट्र के भविष्य के लिये सब से महत्वपूर्ण समझते थे।

इस के बाद आनेवाला युग हमारे लिये आसान नहीं रहा। हम पर बाहर से ज़ोर दबाव आया था। कुछ देशों के समाचार-पत्रों में इस के बारे में विभिन्न विचार, राय-ज्यादतर विरोध में प्रकाशित किये गये थे।

इस तरीक़े से हमारे कार्यों पर अंतर्राष्ट्रीय समाज और आज़रबैजान में भी शक पैदा करवाना चाहते थे।

हमारे देश-विदेश में दुश्मन सही समझते थे कि यह घटना आज़रबैजान की राष्ट्रीय स्वतंत्रता की ढ़ृढता के लिये मुख्य घटनाओं में से है।

संयोग से न है कि इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के एक ही बाद आज़रबैजान के विरोध बड़ा उकसाव किया गया था। खतरनाक अपराधी, जो नेशनल सेक्युरिटी मिनिस्ट्री के जेल में सजा चुका रहे थे, विभीन्न लोगों की सहायता से वहाँ से भगाये गये थे और आज़रबैजान में स्थीरता को तोड़ने के लिये कुछ अवसर मिले थे। इस के एक सप्ताह बाद दो राजनीतिज्ञों के खिलाफ़ आतंकवादी कार्रवाई की गई थी और वे मारे गये थे।

इस का तर्क-संगत जारी होकर सन् 1994 के 3-4 अक्तुबर को आज़रबैजान में सशस्त्र राज्य-क्रांति का प्रयास किया गया था। हम इस प्रयास को हमारी जनता, लोगों की एकता, शक्ति के द्वारा रोक कर सके। पर आज़रबैजान के देश-विदेश के दुश्मन हमारे देश की स्वतंत्र नीति चलाने में, उसके आजाद विकास में रुकावट देते रहते थे।

इस के छः महीने बाद आज़रबैजान में फिर सशस्त्र राज्य-क्रांति का प्रयास किया गया था। यह विदेश से चलाया गया था और देश के अंदर अपराध बालों से आयोजन किया गया था। अफसोस की बात यह है कि आजकल के विरोध राजनीतिक पार्टियों ने भी इस राज्य-क्रांति के प्रयास में भाग लेते थे। हम इस राज्य-क्रांति के प्रयास को भी रोक कर सके। ख़ून बह गया, लोग शहीद हो गये,पर हम ने स्वतंत्रता के विरोध, आज़रबैजान के राज्यत्व के विरोध होनेवाले शक्तियों को पूर्णतया पराजित किया था।

बाद में आज़रबैजान फिर बहुत कठिनाईयों से मिला था। इन सब के बारे में आपको पता है। इन सब का एक ही कारण है। विदेश और देश के शत्रु देख रहे थे कि आज़रबैजान एक स्वतंत्र राष्ट्र के जैसे रहता है, हमारे देश की स्वतंत्रता दिन से दिन मज़बूत होती जा रही है, हमारे प्रजातंत्र की नयी राष्ट्रीय तेल सामरिकी अच्छे भविष्य की गवाही है। ये लोग इस ख़तरनाक रास्ते से इस लिये चले ताकि इन सब को रोकें, आज़रबैजान कमजोर करें और अलग अपराध के दलों के माध्यम हमारे देश को कब्ज़ा करें।

गुजरे हुए सालों में हम बहुत कठीन, कठोर रास्ते से गुजरे, हम ने आज़रबैजानी जनता को बहुत ख़तराओं से बचाया और हमारे देश की स्वतंत्रता, राज्यत्व की रक्षी की है। आज़रबैजान के अर्थ-व्यवस्था की उन्नति के लिये हम क्रामिक रूप से राष्ट्रीय तेल सामरिकी जारी रखते थे। यहाँ पर बताया गया था कि बाकू-त्बलीसी-जैहान मुख्य निर्यात पाईप-लाइन का निर्माण भी हमारी राष्ट्रीय तेल सामरिकी का मुख्य भाग है। सब उकसाव, हम पर बाहिर से दबाव असफल हो गये। और आखिरी सालों में बाकू-त्बलीसी-जैहान मुख्य तेल निर्यात पाईप-लाईन के निर्माण के विरोध प्रचार किया जाता था, विभिन्न उकसाव-भरा कार्य किये जाते थे। लेकिन हमारी इच्छा, स्वतंत्र, लोकतंत्रीय आज़रबैजान की विदेश नीति, उसके विश्व के बड़े राष्ट्रों और उन के तेल कंपनियों के साथ सहयोग- इन सब के कारण हम आजकल की स्थिति तक पहूँच गये।

सो, बाकू-त्बलीसी-जैहान मुख्य तेल निर्यात पाईप-लाईन बहुत कठीनरास्ते सेपास किया है। पर सब आजकल देख रहे हैं कि हम इस रास्ते से सफलतापूर्वक तरीक़े से गुज़रे। हम-तुर्की प्रजातंत्र, जोर्जीया, आज़रबैजान सा.रा. अमरीका के निरंतर सहायता के द्वारा एकसाथ इस कठीन, कठोर रास्ते से सफलतापूर्वक तरीक़े से गुज़रे और आज आखिरी समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है।

आज से नया दौर शुरू हो रहा है। आज यहां पर सुनाये गये घोषणा, विशेष तौर पर डेवीड वूडवार्ड का घोषणा यही साबित कर रहा है कि हम व्यावहारिक काम शुरू कर रहे हैं और ये व्यावहारिक काम सफलता से पूरा किये जायेंगे, और सन् 2004 को केस्पियन सागर के तेल बाकू-त्बलीसी-जैहान मुख्य तेल निर्यात पाईप-लाईन के माध्यममेडीटेर्रान्यन सागर के किनारे तक सप्लाई किये जायेंगे। हमें इस पर भरोसा है। हम सब एकसाथ, तुर्की, जोर्जीया, आज़रबैजान, विदेशी तेल कंपनियां और उन के देश सा.रा. अमरीका के सहायता के द्वारा भविष्य में भी इस कार्यक्रम को जारी रखेंगे।

उन लोगों को, जो हमारे कार्य को देश-विदेश में रुकावट देना चाहते हैं, मैं एक सलाह देना चाहता हूँ कि ये लोग आज़रबैजान के आखिरी 7 सालों में गुज़रे हुए कठीन, कठोर, लेकिन बहुत सफलतापूर्ण रास्ते का सही मूल्यंकन करें और अपने लिये सही परिणाम निकाल दें।

ये सारे काम हम आज़रबैजान के अर्थ-व्यवस्था की उन्नति के लिये करते हैं। ये सारे काम हम आज़रबैजानी जनता की ख़ूशहाली बढ़ाने के लिये करते हैं। सारे काम हम आज़रबैजान के अच्छे भविष्य के लिये करते हैं। हम ये काम विभिन्न राष्ट्रों के साथ लंबा सहयोग के लिये जारी रखते हैं। इस लिये मुझे विश्वास है कि हमारे ये काम सफलता से पूरा किये जायेंगे।

मैं आज़रबैजान अंतर्राष्ट्रीय ऑपेरेशन कंपनी को, आज़रबैजान राष्ट्रीय तेल कंपनी को, सरकार को, सारी आज़रबैजानी जनता को इन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होने के मौके पर बधाई देता हूँ।

हम बारी जोर्जीया को दे रहे हैं, बाद में तुर्की को। मैं मिस्टर वूडवार्ड से प्रार्थना कर रहा हूँ कि कमनाऐं, मेरी विशेष अभिनंदन और सम्मान और आदर जोर्जीया के राष्ट्रपति, मेरे मित्र एड्वार्ड शेवेर्नाद्जे और सारी जोरजियां जनता को पहूँचा दें।

हमारे अभिनंदन और शुभकामनाऐं तुर्की प्रजातंत्र के राष्ट्रपति आदरणीय अहमेत नेजदेत सेज़ेर, तुर्की प्रजातंत्र के प्रधान-मंत्री आदरणीय बुलेंत एजेवित, भाईचारापूर्ण तुर्की जनता को पहूँचा दें।

एक बार और आप सब को बधाई दे रहा हूँ और सब को इस रास्ते में कामयाबी की कामनाऐं कर रहा हूँ।