आज़रबैजान प्रजातंत्र के राष्ट्रपति हैदर अलीयेव का आज़रबैजानकी राजधानी के पास संगाचाल टर्मिनाल में बाकू-त्बीलीसी-जैहान मुख्य निर्यात पाईप-लाईन की नींव डालने के अवसर पर समारोह में भाषण - 18 सितंबर 2002


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योर ऐकंसेलेंसी, आदरणीय तुर्की प्रजातंत्र के राष्ट्रपति अहमेत नेजदेत सेजेर, साम्मानित सा.रा.अमरीका के ऐनेर्जी मंत्री स्पेंसार आबराहाम,

आदरणीय श्रीमाती और श्रीमान, अतिथियो,

आप के आजरबैजान में हार्दिक स्वागत करता हूँ और यहां पर बड़े महत्व प्रोजेक्ट के अवसर पर इकट्ठे हुए लोगों को धन्यवाद करता हूँ।

आज मुख्य निर्यात पाईप-लाईन बाकू-त्बीलीसी-जैहान के निर्माण के आरंभ के लिये नींव डालने के समारोह हो रहा है। इस में हम सब और दूर के देशों से आये हुए और इस समारोह में भाग लेनेवाले अतिथि इकट्ठे हुए हैं। यह बड़ा प्रॉजेक्ट सारी दुनिया में प्रसिद्ध है और विशव समाज कई सालों से प्रॉजेक्ट की बात कर रहा है।

यह प्रॉजेक्ट सन 1994 को पैदा हुआ, जब आजरबैजान में तेल सामरिकी ता कार्यान्वयन का आरंभ हो रहा था और इसी समय आजरबैजान में केस्पियन सागर के आजरबैजानी, सकेटर में आजेरी, चीराग़, गुनेश्ली क्षेत्र में संयुक्त होकर आजरबैजान राष्ट्रीय तेल कंपनी और 11 विदेशी तेल कंपनियों के बीच 20 सितंबर सन 1994 को समजौते पर हस्ताक्षर किया गया था।

इस समझौता की सारी दुनिया में बातें चली और उसका नाम शतब्दी का समझौता रखा गया था। इस समझौते पर हस्ताक्षर करके प्रकृतिक रूप से आजेरी, चीराग़, गुनेश्ली क्षेत्रों में से 5 करोड़ टॉन तेल निकालने के ईरादे में थे। पर निकले हुए तेल को विश्व बाजारों में पहूँचाना है। इस लिये विभिन्न रासते, रूटें मौजूद थीं। लेकिन हम - आजरबैजान और हमारे दोस्त तुर्की और जोर्जिया प्रजातंत्र और इस प्रॉजेक्ट में तेल निकालने वाली विदेशी कंपनियों ने फैसला किया है कि भविष्य में उत्पादन किये जानेवाले तेल को बाकू-त्बीलीसी-जैहान पाईप-लाईन से मेडिटेरेनियन सागर में तुर्की के बंदरगाह जैहान तक पहूँचा जाये। इस निर्णय पर बहुत विवाद हुए। क्योंकि उसी समय ऐसे लोग थे, जो हमारी तरफ से हस्ताक्षर किये गये समझौते के विरेध थे और पाईप-लाईन को यही बाकू-त्बीलीसी-जैहान की रूट से बनाने से अस्वीकार थे। इस के बारे में पता है। हमें, यानी सब से पहले आजरबैजाान को रुकावट देना चाहते थे। केयेंकि हम तेल का मालिक है और हमें ही निर्णय करना था कि तेल सप्लाई के लिये कौनसी रूट चुनी जाये। हमें बड़ा दबाव डालते थे। उस समय आजरबैजान में समाजिक स्थिति स्थीर न थी। सन् 1993 को यहां पर गृह युद्ध हो गया। हम ने इस को रोका और समझौते पर हस्ताक्षर हुआ। पर हस्ताक्षर करते समय भी हमारे बीच ऐसे लोग थे, जो विभिन्न विदेशी संस्थाओं के लिये काम करके थे और इस समझौते के तोड़ने के बारे में अपने राय सुनाते थे।

आप को इस में रूचि होनी चाहिये। क्योंकि 20 सितंबर सने 1994 को हम ने समझौते पर हस्ताक्षर किया है। एक दिन बाद के.जी.बी. के जेल से 4 खतरनाक अपराधियों को भागने का आयोजन किया गया था। एक सप्ताह के बाद संसाद के डिपटी अध्यक्ष के खिलाप़ आतंकवादी हमला हो गया और वह मारे गया। आजरबैजान सेक्युरिटी सेरवीस के विभाग के अध्यक्ष कलनल भी मार दिया गया था। यह आतंकवाद शुरू करके वे हमें डराना चाहते थे पर हम न डरे।

वे अपने काम करते रहे। सुरात हुसैनोव जैसे एक आदमी के, जो उसी समय जरूरत के कारण प्रधान-मंत्री के पद में था, 4 अक्तुबर को आजरबैजान में सैनिक विद्रोह का प्रयत्न किया गया था। हम ने इस को रोका। सब से पहले जनता के समर्थन, सहायता के कारण। सन् 1995 के मार्च में उनहों न् फिर राष्ट्रीय क्रांति की कोशिश की। पर हम ने इस को भी रोका। इस के बाद वे कुछ स्थानों में आतंकवादी कार्य करना चाहत थे, पुल का बिस्फोट करना, सबॉटेज करना चाहते ते। हम ने क्षति उठाई, हम ने इन को रोका।

मुझे पता है कि उसी समय जब बाकू-त्बीलीसी-जैहान प्रॉजेक्ट का प्रस्ताव मिला था, तो मेरे दोस्त जोर्जिया के राष्ट्रपति ऐडवार्ड शेवेरनाद्जे के विरोध आतंकवाद कार्रवाई की गई थी। पर वह खुशकिस्मती से बच गया।

इन सारे और हम पर हुए राजनीतिक दबावों, विभिन्न कार्रवाईयों के कारण यही था कि सहब से पहले हमारे तेल समझौते को मन मानते थे-हम पहली बार केसेपियन सागर में काम करने लगे। दूसरी बात यह है कि वे बाकू-त्बीलीसी-जैहान पाईप-लाईन के विरोध थे। इसी हालत में हम ने यह काम आरंभ किया, अपना इरादा दिखाया और चुने हुए रास्ते से हट न गये।

सने 1999 को हम ने चीराग़ क्षेत्र में से तेल प्राप्त किया। पहले हम इस को बाकू-नोवोरोसियिस्क पाईप-लाईन द्वारा काला सागर में नोवोरोसियिस्क बंदरगाह में पहूँचाते थे। पर उसी समय हम बाकू-सुपसा पाईप-लाईन के पश्चिम रूट का निर्माण कर रहे थे और छोटे समय में इस का काम आरंभ हुआ।

उस समय से उतपादन होनेवाले तेल अभी तक इसी पाईप-लाईन द्वारा-पश्चिम रूट के माध्यम निर्यात किया जाता है।

पर यह सब शुरू के तेल को निर्यात करने के लिये किये जाते ते। लेकिन बड़े पैमाने पर तेल को निर्यात करने के लिये हमें एक बार और दोहरा रहा हूँ कि बाकू-त्बीलीसी-जैहान की आवश्यकता थी। हम लगातर इस पर, इस प्रॉजेक्ट पर काम करते रहे. अपनी सारी संभावनाऐं प्रयोग करते रहे। तुर्की, जोर्जिया, आजरबैजान इस काम में एक साथ थे, संयुक्त काम करते ते, इस समस्याके हल में प्रयत्न करते ते। ल्किन अगर सा.रा. अमरीका की हमें, आजरहैजान को सहायता न होती, उनकी अनुशांसाऐं न होती, जाहिर है कि हम यह न पा सकते थे।

सन् 1999 के नवंबर में हम ने ऑ.एस.सी.ई के इसंतंबुल सम्मेलन में तुर्की, जोर्जिया और आजरबैजान, कजाकिस्तान बाकू-त्बीलीसी-जैहान निर्यात पाईप-लाईन के निर्माण को शुरू करने के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इस के अलावा हमे ने एक घेषणा पर हस्ताक्षर किया था। जिल पर सा.रा. अमरीका के राष्ट्रपति बील्ल क्लींटन ने भी अपना हस्ताक्षर लगाया था। और इस के कारण बाकू-त्बीलीसी-जैहान निर्यात पाईप-लाईन के निर्माण का कार्यान्वयन हो गया था।

मुझे आप को इतिहास संक्षेप में बताना था।क्योंकि आप को पता होना चाहिये कि हम ने 8 साल के दौरान में क्या-क्या काम किया और हमें कौनसी कठिनाईयों, कैसे प्रतिरोध, रुकावटें मिली थीं। आखिरकर हाल ही में बाकू-त्बीलीसी-जैहान पाईप-लाईन के निर्माण से संबमधित प्रक्रिया जा रहा है। उस के वित्तियन से संबंधित समस्या भी थी। पर हम ने उन को हल किया है। आजकल ये कार्य आजरबैजान अंतर्राष्ट्रीय ऑपेरेशन कंपनी और बी.पी. की अध्यधता में चल रहा है। उनहों ने सारे कार्यक्रम तैयार किया। इस लिये हमें यहां पर नींव डालने के समारोह में निमंत्रण किया है।

आप को कहना चाहता हूँ कि जो बाकू-त्बीलीसी-जैहान के विरोध थे, कहते रहते थे कि यह सारे ख्याल है, नामुमकिन है, कि आजरबैजान में इतने पैमाने के तेल नहीं है और नहीं होगा। ऐसी बातें बहुत चलती थी। बहुत समय गुजर गया और इसलिये कुछ लोग इस पर यकीन करते ते। पर यह सब झूठ निकले और हम ने अपने काम पूरा किया।

हाल ही में इसंतंबुल में सम्मेलन हुआ, जिसका नाम था तीनों सागरों का कथा । वहां पर कथा के बारे में बातें हुईं। मैं ने वहां पर भाषण देकर कहा कि आप यहां पर कथा की बातें करते है। मैं कहना चाहता हूँ कि यह कथा नहीम है, तीनों सागरों केस्पियन, काला और मेडिटेर्नियन एकसाथ हो जायेंगे, मिलेंगे। इन को तुर्की, जोर्जिया, आजरबैजान और उनके किये गये प्रॉजेक्ट, तथा सा.रा. अमरीका की निरंतर इस मामलों में सहायता और समर्थन ने मिलवाया। इस लिये ख्यालें पिछे रह गईं और हम वास्ताविकता तक पहूँच गये।

आप को सूचना दी जायेगी कि प्रॉजेक्ट में कितना पैसा लग जायेंगे, कौनसा काम किया किये जायेंगे। मैं इस के बारे में बात न करना चाहता हूँ। सिर्फ यही कहना है कि ये सारे प्रॉजेक्ट आजरबैजान में आर्थ-व्यवस्था की उन्नति के लिये किये जाते हैं। आज यहां पर आजेरी, चीराग़, गुनेशली क्षेत्र में काम के दूसरे दौर के बारे में दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया जायेगा। मतलब यबह है कि यहां पर बड़ी पूँजियां आयेंगी और काम तेज गति से किये जायेंगे।हम सोचते हैं कि सन 2005 को मुख्य निर्यात पाईप-लाईन बाकू-त्बीलीसी-जैहान बिलकुल तैयैर हो जायेगा और हम सब यहां पर तुर्की के जैहान बंदरगाह में आयेंगे और यहां से आजरबैजानी तेल, केस्पियन तेल का जैहान बंदरगाह से निर्यात को देखेंगे।

जैसे मैं ने बताया था बाकू-त्बीलीसी-जैहान के वित्तियन में कुछ समस्याऐं थीं। आजरबैजान ने इस पर अपनी देन दी है। वित्तियन के 25 प्रतिशत अपने भाग में लिया है। बाक़ी भाग दूसरी कंपनियों के बीच बांटवाया गया। लेकिन दिलचस्पी की बात यह है कि इस प्रॉजेक्ट में अपने 2.5 प्रतिशत से एनी कंपनी, बाद में तोतल कंपनी भी शामिल हुए। बाद में जपान के ईटोचू और इम्पेक्स कंपनी बी हर एक 2.5 प्रतिशत से इस में शामिल हो गयीं।इस का क्या मतलब है। मतलब यह है कि इस पाईप-लाईन से सिर्फ आजरबैजान में नहीं, बल्कि सारी दुनिया में प्रयोग करना चाहते हैं।जब हम इस्तंबुल में समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे थे, तो इस में कजाकिस्तान के राष्ट्रपति नूरसुलतान नजारबायेव ने भी हस्ताक्षर किया ता। उनहों ने कहा था कि कजाकिस्तान भी इस पाईप-लाईन से प्रयोग करेगा।मुझे पता है कि आजकल कजाकिस्तान में अनेक विदेशी तेल कंपनियां काम करती हैं। उन का हमारे बाकू-त्बीलीसी-जैहान प्रॉजेक्ट में शामिल होने का मतलब यह बै कि केस्पियन के दूसरे क्षेत्रों में से भी तेल बाकू-त्बीलीसी-जैहान पाईप-लाईन द्वारा निर्यात किया जायेगा।

आप को कहना चाहता हूँ कि लगभग सन 2007-2008 को आजेरी , चीराग़, गुनेशली क्षेत्रों में से 5 करोड़ टॉन तेल का उत्पादन होगा। लेकिन हमारे केस्पियन सागर में दूसरे भी तेल बंडार हैं। हम अनेक कंपनियों के साथ सहयोग करते हैं। हम ने 30 राष्ट्रों के 21 कंपनियों के साथ समझौते किये हैं और इस पर काम करते हैं। जाहिर है कि वे भी तेल का उत्पादन करेंगे। हम ुन के सात काम करते हैं। इस लिये भविष्य में बाकू-त्बीलीसी-जैहान की क्षमता भी काफी नहीम होगी। उसकी चौड़ाई करना पड़ेगा या दूसरा पाईप-लाईन बनाना पड़ेगा।

सब जो मैं कहता हूँ भविष्य से संबंधित है, यह हमारी जनता के भविष्य के लिये जरूरी है। हमारा काम सिर्फ आजरबैजान की स्वतंत्रता के बाद मुमकिन हो गया।आप को पता है कि आजरबैजान पुराने तेल के देस है। 150 साल पहले देश में तेल का औद्योगिक रूप से उत्पादन आरंभ हुआ। पर तेल कभी आजरबैजानी जनता के नहीं था। केस्पियन सागर में सारे तेल और गैस बंडार आजरबैजानी वैज्ञनिकों, भू-वैज्ञनिकों के माध्यम से खुले गये थे। पर हम इन भंडारों का मालिक न थे। आज हम स्वतंत्र राष्ट्र है। स्वतंत्र राष्ट्र होकर अपने धन का मालिक है। हम अपनी जरूरत के अनिसार विभिन्न देशों के साथ संबंध स्थापित करते हैं और ऐसे काम का कार्यान्वयन करते हैं। लेकिन अभी दूसरे पाईप-लाईन भी बारी में है।शाहदेन्ज गैस भंडार से , जिसका 1 ट्रिल्यों क्युबिक मिटर गैस भंडार है, बाकू-त्बीलीसी- एर्जुरुम गैस पाईप-लाईन का निर्माण होगा।

सो, पाईप-लाईन ज्यादा होते जा रहे हैं। ये सब जाहिर है कि बड़े आर्थिक महत्व के हैं। इस का सिर्फआर्थिक नहीं, बल्कि राजनीतिक भी महत्व है। बाकू-त्बीलीसी-जैहान का प्रॉजेक्ट और इसका कार्यान्वयन कोकेशिया में शांति, आराम, सुरक्षा री गरंटी हो सकते हैं। यह पाईप-लाईन, ये लोहे के पाईप आजरबैजान, जोर्जिया ओर तुर्की को ढ़ृढता से मिला देगा।

हम मैत्रिपूर्ण देश हैं। तुर्की हमारा मित्र, बिरादाराना देश है। जोर्जिया हमारा मित्र, बिरादाराना देश है। हम भी उन के लिये बिरादाराना देश है। हमारे गहरे संबंध हैं। हम इन संबंधों को ढ़ृढता से जोड़ते हैं। इन जोड़ों में से एक बाकू-त्बीलीसी-जैहान पाईप-लाईन होगा।मुझे शक न है कि सा.रा.अमरीका हमें इन समस्याओं में समर्थन देगा। इस लिये मैं इस समारोह में तुर्की प्रजातंत्र और उसके राष्ट्रपति आदरणीय अहमेत नेजदेत सेजेर को, जोर्जिया को और सके राष्ट्रपति आदरणीय एडवार्ड शेवेर्नाड्जे को, सा.रा.अमरीका और राष्ट्रपति जोर्ज बुश को अपना आभारी प्रकट करता हूँ।

हाल ही में मिस्टर बुश से एक चिट्ठी मिली है, जिस में हमारे आजरबैजान के आतंकवाद विरोधी संघ में कार्रवाई का ऊंचा मूल्यांकन दिया गया है। फौरान पिछले साल के आंतंकवादी कार्रवाई के बाद हम इस आतंकवाद विरोधी संघ में शामिल हुए। हम इस संघ में अपने काम और कर्त्तव्य करते हैं और करेंगे। सो, हम आजरबैजानी-अमरीकी समबंध इस से विकासित करते है और उस को ऊंचे स्तर पर पहूँचाते हैं।

कल आदरणीय मंत्री के साथ बात करके उस ने मुझे राष्ट्रपति जोर्ज बुश के हर्दिक नमस्कर, अच्छे शब्द दिये थे। मैं सा.रा.अमरीका, अमरीका की जनता और मिस्टर बुश को आभारी प्रकट करता हूँ कि वे हमें सब में और विशेष तौर पर बाकू-त्बीलीसी-जैहान पाईप-लाईन के कार्यान्वयन में समर्तन देते रहे।

प्रिय मित्रो,

प्रिय अतिथियो,

एक बार और आप को हर्दिक नमस्कर करके आप को स्वास्थ्य की शुभकामनाऐं करता हूँ। बाकू-त्बीलीसी-जैहान जरूर आगे जायेगा।